‘अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो वह लोगों की संपत्ति घुसपैठियों और उन लोगों को बांट देगी, जिन के ज्यादा बच्चे हैं, महिलाओं से मंगलसूत्र भी छीन लेगी.’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 अप्रैल को राजस्थान की चुनावी रैली में यह कहा. ‘कांग्रेस विरासत पर भी टैक्स लगाएगी.’ – 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महासमुंद की चुनावी रैली में यह बात कही.

‘कांग्रेस और उस के सहयोगी दल दलितों व पिछड़ों को मिलने वाले आरक्षण को कम कर उन का हक मुसलामानों को देना चाहते हैं.’ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ ने 24 अप्रैल को लखनऊ में एक प्रैसकौन्फ्रैंस में कहा. ‘कांग्रेस को देश की कीमत पर येनकेनप्रकारेण सत्ता चाहिए.’ – योगी आदित्यनाथ

  • ‘कांग्रेस और वामदल चुनावों में पीएफआई का समर्थन ले रहे हैं.’ – 24 अप्रैल को केरल की चुनावी रैली में गृहमंत्री अमित शाह बोले.
  • ‘पिछले दरवाजे से धर्म आधारित आरक्षण लागू करने के प्रयास का संकेत है कांग्रेस का घोषणा पत्र’ – 24 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विशाखापट्टनम में एक चुनावी रैली में बोले.
  • ‘कांग्रेस घुसपैठियों को देना चाहती है आप की संपत्ति.’ – 24 अप्रैल को केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर का बयान.
  • ‘कांग्रेस राज में हनुमान चालीसा सुनना भी गुनाह.’ – 23 अप्रैल को राजस्थान के टोंक जिले में चुनावी रैली में बोले मोदी.
  • ‘भ्रष्टाचार छिपाने के लिए हिंसा को बढ़ावा देती है कांग्रेस.’ – 23 अप्रैल को ही छत्तीसगढ़ के धमतरी में बोले मोदी.
  • ‘कांग्रेस देश को तोड़ने की चाल चल रही है.’ – 23 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के सकती जिले में हुई चुनावी रैली में बोले मोदी.
  • ‘देश में शरिया कानून लाना चाहती है कांग्रेस.’ – 23 अप्रैल को अमरोहा की चुनावी रैली में योगी आदित्यनाथ ने कहा.
  • ‘माओवादी सोच थोप कर जनता की कमाई पर पंजा मारना चाहती है कांग्रेस.’ – 22 अप्रैल को अलीगढ़ में बोले मोदी.
  • ‘कांग्रेस ने अनुसूचित जाति से छल किया.’ – अनुराग ठाकुर देहरा में बोले.

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बीते एक हफ्ते के अखबार उठा कर देखें तो प्रधानमंत्री मोदी सहित लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा के तमाम स्टार प्रचारकों- योगी आदित्यनाथ, अमित शाह, राजनाथ सिंह, अनुराग ठाकुर ही नहीं अनेक भाजपाई सांसद और विधायक भी कांग्रेस के नाम की माला जपते नजर आ रहे हैं. कांग्रेस यह कर देगी, कांग्रेस वह कर देगी. कांग्रेस के अलावा भाजपा नेताओं को कुछ और सूझ ही नहीं रहा है.

कांग्रेसमुक्त भारत का सपना देखने वालों की आंखों को दिनरात सिर्फ कांग्रेस ही कांग्रेस दिखाई दे रही है. और कोई मुद्दा ही उन की जबान पर नहीं है. गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, व्यापार जैसे मुद्दे तो भाजपा से वैसे ही दूर थे, चुनावी रैलियों में अपनी 10 साल की उपलब्धियां ही गिना देते तो समझ में आता मगर यहां तो भाजपा पर कांग्रेस का भय इतना तारी हो गया है कि मुंह खोलते ही जबान से, बस, कांग्रेसकांग्रेस ही निकल रहा है. क्या सोशल मीडिया और क्या चुनावी मंच, भाजपा के नेता अपनी उपलब्धियां भूल कर कांग्रेस के प्रचार में ही लगे हैं. मोदी की गारंटियां नेपथ्य में जाती नजर आ रही हैं.

तो क्या भाजपा, कांग्रेस के ऐतिहासिक घोषणापत्र से डर गई है? कांग्रेस का घोषणापत्र तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष पी चिदंबरम कहते हैं, “भाजपा, कांग्रेस के घोषणापत्र से परेशान है. कांग्रेस के घोषणापत्र का लोगों की सोच पर असर पड़ा है खासकर मध्यवर्ग और गरीबों पर इस का प्रभाव पड़ा है. कांग्रेस का घोषणापत्र दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्ग, युवाओं और महिलाओं के बीच नई उम्मीद जगा रहा है. संपत्ति के बंटवारे और विरासत टैक्स पर बनाए गए ताजा विवाद से पता चलता है कि भाजपा डर में है.

“घोषणापत्र में कथित संपत्ति के बंटवारे और विरासत टैक्स की कोई बात ही नहीं है. मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि कांग्रेस की सरकार ने 1985 में ही एस्टेट ड्यूटी के प्रावधान को खत्म कर दिया था. वहीं संपत्ति पर टैक्स के प्रावधान को साल 2015 में भाजपा सरकार ने खत्म कर दिया था. कांग्रेस का घोषणापत्र 3 जादुई शब्दों- काम, संपत्ति और जनकल्याण पर आधारित है. और इस से ही भाजपा में हार का डर पैदा हो गया है. अब मोदी की गारंटी की कोई बात ही नहीं कर रहा है. कांग्रेस के घोषणापत्र की चर्चा हो रही है, लोग इस के बारे में बात कर रहे हैं. दुर्भाग्य से भाजपा की मोदी की गारंटी का कहीं कोई नामोनिशान नहीं है. भाजपा गलत बयानबाजी, झूठ और गालियां देने पर उतर आई है. उस को अपने चारों तरफ, बस, कांग्रेस ही नजर आ रही है.”

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जारी किए गए कांग्रेस के घोषणा पत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार हमलावर हैं. वे अपनी हर चुनावी सभा में अपने मैनिफैस्टो की बात करने की जगह कांग्रेस के मैनिफैस्टो पर निशाना साध रहे हैं. तो क्या तमाम होहल्ले के बाद भी अपनी जीत को ले कर भाजपा आश्वस्त नहीं है? अयोध्या में राम मंदिर के इर्दगिर्द बुना गया असीम उन्माद और भव्य प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम के बावजूद क्या भाजपा का विश्वास अपने वोटरों से डगमगा रहा है?

राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को ले कर मीडिया की मुख्यधारा का रुख भले ही ठंडा हो, मगर राहुल गांधी की बातें लोगों के दिलों को छू कर निकली हैं. उन के वीडियो व्हाट्सऐप ग्रुप्स में शेयर किए गए और इस पर लोग एकदूसरे से बातें करते भी नजर आए. सोशल मीडिया पर और लोगों से मुलकात के दौरान राहुल लोगों को अपने माइक्रोफोन से अपने अनुभव शेयर करने का अवसर देते दिखे. ये बातें लोगों को भा गईं क्योंकि ये उन की व उन के आसपास की बातें हैं. कांग्रेस की न्याय यात्रा और न्याय पत्र ने जमीनी मुद्दे उभारे हैं, जो अब भाजपा के लिए बड़ी परेशानी का सबब बनते दिख रहे हैं.

भाजपा के कुछ जमीनी नेता मानते हैं कि इस बार मोदी के लिए मैदान जीतना उतना आसान नहीं जितना यह 2019 या 2014 में था. उस पर कांग्रेस के न्याय पत्र ने मामला और गंभीर बना दिया है. ऐसे में अगर मोदी और उन के करीबी नेता अगर चुनावी रैलियों में बस कांग्रेस की बात कर रहे हैं तो यह उन की मानसिक परेशानी और तनाव को ही प्रदर्शित कर रहा है.

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