मोहन और नीता पिछले 2 साल से रिलेशनशिप में हैं. उन में सैक्स संबंध भी बने हैं. पर मोहन को अब लगने लगा कि उसे इस बात की बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है. नीता को सब से ज्यादा दिक्कत इस बात की रहती है कि सैक्स करने के बाद बच्चा ठहरने का खतरा होता है और बच्चे ठहरने की दिक्कतों से बचने के जो उपाय हैं, वे महंगे होते जा रहे हैं.

मोहन और नीता को अपना रिश्ता छिपाने की जरूरत पड़ती है. ऐसे में सैक्स करने के लिए वे जिन जगहों का इस्तेमाल करते हैं, वे महंगी हैं. आमतौर पर 4-5 घंटे के लिए मिलने वाले होटल के रूम का किराया 1,500 रुपए से शुरू होता है, पर यहां भी रिस्क ज्यादा होता है. ऐसे में कई बार जल्दीजल्दी में पूरा मजा नहीं मिल पाता. सैक्स महज मशीनी हो कर रह जाता है.

अगर किसी प्राइवेट जगह का इस्तेमाल होता है तो वहां के खतरे अलग होते हैं. जिस तरह से जगहजगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, उस से पकड़े जाने का खतरा बढ़ गया है. कई बार जोड़े रिस्क ले कर कभी पार्क या कार में भी सैक्स करने की जगह तलाश लेते हैं. दोनों में से अगर किसी का घर खाली है, तो वहां भी चले जाते हैं. पर वहां पड़ोसी की नजरों में आने का खतरा बना रहता है.

इस रिस्क फैक्टर के अलावा कई बार मसाज सैंटरों पर इस तरह की सुविधाएं मिलती हैं, पर वे भी सामान्य परिवार के नौजवानों की रेंज से बाहर होती हैं.

जगह के बाद दूसरे नंबर पर गर्भ रोकने के लिए इस्तेमाल होने वाले साधन भी महंगे हो गए हैं. कंडोम की कीमत आमतौर पर 5 रुपए होती है, पर उस की क्वालिटी की गारंटी नहीं होती है. नौर्मल कंडोम 35 रुपए से 65 रुपए में 3 का पैकेट आता है. डूरैक्स क्वालिटी का कंडोम 320 रुपए का 5 का पैकेट से शुरू हो कर 620 रुपए का 5 का पैकेट मिलता है. इन के अलग प्रकार और क्वालिटी के हिसाब से कीमतें होती हैं.

कुछ कंडोम अल्ट्राथिन होते हैं, जिन से यह पता ही नहीं चलता कि स्किन पर कुछ है भी या नहीं. ये महंगे होते हैं. कुछ कंडोम में डौट होते हैं. डौट के हिसाब से कंडोम की कीमत बढ़ती जाती है. कई अलगअलग फ्लेवर वाले कंडोम भी होते हैं. उन की कीमत उस फ्लेवर के हिसाब से होती है. कीमत के अलवा कंडोम की परेशानी यह होती है कि कई बार इस को लगाने को लोग अच्छा नहीं मानते हैं. कई बार यह सैक्स के दौरान निकल भी जाता है.

गर्भ रोकने के लिए इस्तेमाल होने वाले साधन भी महंगे हो गए हैं
गर्भ रोकने के लिए इस्तेमाल होने वाले साधन भी महंगे हो गए हैं

औरतों के लिए भी कंडोम आता है, पर इस का चलन ज्यादा नहीं है. एक गोली भी आती है. सैक्स करने के 30 मिनट पहले इस को वैजाइना में डालना होता है. इस से झाग सा निकल कर वैजाइना में फैल जाता है, जिस से शुक्राणु वैजाइना के अंदर प्रवेश नहीं कर पाते हैं और बच्चा ठहरने का खतरा नहीं रहता है.

अगर बिना गर्भ निरोधक के सैक्स हो या फिर कंडोम निकल जाए या फट जाए तो सैक्स के 72 घंटे के अंदर एक गोली खानी पड़ती है, जिस को इमरजैंसी पिल कहते हैं. इस की कीमत 110 रुपए से 220 रुपए तक होती है. यह पिल अलगअलग दवा कंपनियों की आती है. इस को सैक्स के बाद जितनी जल्दी हो सके, ले लेना चाहिए.

अगर इमरजैंसी पिल कामयाब नहीं हुई और बच्चा ठहर गया तो पेट गिराने के लिए भी गोलियां आती हैं. इन का पैकेट 350 रुपए से ज्यादा का आता है. इस में 3 गोलियां होती हैं. 3 दिनों के बीच इन को खाना होता है. 75 फीसदी में इस से पेट गिर जाता है. अगर इस से पेट नहीं गिरता है, तब अस्पताल जा कर अबौर्शन कराना होता है, जिस का खर्च 20,000 से 35,000 रुपए तक होता है. इस में पैसे से ज्यादा वहां जा कर बच्चा गिराना मुश्किल होता है. इस में अकेली लड़की के जाने से काम नहीं चलता, उस के परिवार का कोई सदस्य साथ होना चाहिए. इस की और भी दिक्कतें होती हैं.

ऐसे में कह सकते हैं कि सैक्स करना मुश्किल ही नहीं, बल्कि महंगा काम भी होता है. नौजवानों के पास जानकारियों की कमी तो होती ही है, इन साधनों को मंगाना भी मुश्किल होता है.

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