Filmy Weddings: आजकल की शादियां असल में शादी नहीं बल्कि ड्रामे में तबदील होती जा रही हैं. फिल्मी अंदाज में कुछ नया करने के चक्कर में कई बार बड़ा नुकसान तक उठाना पड़ जाता है. कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था. उस वीडियो में दुलहन को एक क्रेन के जरिए वरमाला के लिए लाया जा रहा है. यह नजारा देख कर पहले सब खुश होते हैं लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में ऐसा मोड़ आता है कि अचानक सब की चीख निकल पड़ती है.

हुआ यों कि जब दुलहन को एक पालकीनुमा स्टैंड पर खड़ा कर के क्रेन के जरिए वरमाला के लिए लाया जा रहा था, अचानक वह पालकी क्रेन के हुक से खुल कर करीब दोमंजिला मकान जितनी ऊंचाई से नीचे आ गिरती है. सब दुलहन को उठाने के लिए दौड़ते हैं.

दिसंबर 2021 की एक घटना में भी ऐसा ही कुछ हुआ. रायपुर में धूमधाम से एक शादी समारोह चल रहा था. अपनी एंट्री को फिल्मी अंदाज देने के लिए दूल्हादुलहन क्रेन से नीचे आए और अचानक सब के होश उड़ गए. दरअसल, क्रेन के टूटने के कारण झूले से दूल्हादुलहन अचानक नीचे गिर पड़े. पास से देख रहे बराती भी उन्हें बचाने भागे. बाद में दूल्हादुलहन को बचा लिया गया मगर उन्हें चोट आई. यह वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था.

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि भारत में हर साल लगभग 1 करोड़ शादियां होती हैं जो दुनिया में सब से ज्यादा हैं. शादीविवाह उद्योग देश में चौथी सब से बड़ी इंडस्ट्री है. भारत में शादी समारोह पर हर साल करीब 11 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं. सीएआईटी की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में 23 नवंबर से 15 दिसंबर के बीच देश में 38 लाख शादियां हुईं.

जब भारतीय शादियों की बात आती है तो हम सभी जानते हैं कि चीजें कितनी मनोरंजक हो सकती हैं. भारतीय शादी बहुत एंजौय की जाती है भले ही शादी हमारी हो या हमारे किसी रिश्तेदार या परिचित की. शादी का खाना, गानाबजाना, मिलनामिलाना, शरारतें करना, किसी का बन जाने के सपने देखना, डांस-गाना. मेहंदी, डीजे, मस्ती और फिर फोटोग्राफी सबकुछ होता है.

भारतीय फिल्मों में भी शादियों के धूमधड़ाके और मस्तियों के शानदार फिल्मांकन किए गए हैं. फिल्मों में शादियां और सारे रिवाज काफी शानदार तरीके से दिखाए जाते हैं. उन्हें एंजौय करते हुए आप पलकें झपकाना भी भूल जाते हैं और फिर कुछ वैसा ही अपनी शादी में करने की ख्वाहिश लिए घर आते हैं. तभी तो आजकल लोग अपनी शादियों का फिल्मीकरण करने लगे हैं. मगर इस से हासिल क्या होता है?

कुछ ऐसी ही फिल्में हैं जिन में से ज्यादातर में फिल्म की कहानी मुख्य किरदार की शादी कराने की है. प्रेमगीतों से ले कर शादी समारोहों तक ये फिल्में आप पूरी तरह एंजौय कर चुके हैं. ऐसी ही कुछ फिल्मों के नाम हैं- ‘शानदार’, ‘बैंड बाजा बरात’, ‘हम आप’के हैं कौन’, ‘हम साथसाथ हैं’, ‘विवाह’, ‘डोली की डोली’, ‘मेरे ब्रदर की दुलहन’, ‘मानसून शादी’, ‘दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे’, ‘7 खून माफ’, ‘हम्प्टी शर्मा की दुलहनिया’, ‘मेरे यार की शादी है’, ‘ब्राइड एंड प्रिज्युडिस’, ‘तनु वैड्स मनु’ आदि.

पहले शादियां बहुत ही सादी हुआ करती थीं पर आजकल फिल्मों की नकल के कारण शादी में घूमधड़ाका ज्यादा होता है. डीजे बजते हैं. शादी की हर रस्म में फिल्मी गानों पर डांस होते हैं.

फिल्मों का असर हमारी शादियों पर पहनावे पर असर

आजकल शादियों में कपड़ों पर खर्च काफी बढ़ गया है. अकसर दुलहन किसी न किसी फिल्मी हीरोइन की नकल करते हुए वैसा ही लहंगा या ज्वैलरी तलाश करती है. दूल्हादुलहन ही नहीं, बल्कि उन के रिश्तेदारों को भी शादी में शामिल होने के लिए अब खासी रकम खर्च करनी पड़ती है. लोग आमंत्रणपत्र पर ऊपर ही लिख देते हैं कि किस दिन, किस थीम आधारित ड्रैस पहननी है और ड्रैस का कलर क्या होगा.

फिल्मी शादियों की तरह हर रस्म के लिए मेहमानों की ड्रैस पहले से तय की जाती हैं ताकि जब सब मिल कर डांस करें या रस्म निभाएं तो फिल्मों और सितारों जैसी फीलिंग आए. शादी अटेंड करने के लिए शामिल होने वाले सभी लोगों का सारा ध्यान अपने कपड़ों पर रहता है.

तकनीक का इस्तेमाल

टैक्नोलौजी का इस्तेमाल काफी बढ़ चुका है. ड्रोन, क्रेन और बड़ा डिस्प्ले आज की शादियों का अभिन्न अंग बन चुके हैं ताकि फिल्मों जैसे नजारे दिखें और उतनी ही शानदार फोटोग्राफी हो. कैंडिड फोटोग्राफी का चलन भी बहुत बढ़ चुका है और इस की कीमत भी लाखों में जाती है. छोटे शहरों से ले कर गांवों तक में शादीविवाह पर अब लोग वीडियोग्राफी की जगह सिनेमैटिक वीडियोग्राफी कराने लगे हैं.

रुपहले परदे पर जिस तरह शादी के दौरान फिल्मों में माहौल बनाया जाता है, अब उस की नक़ल आम लोग करने लगे हैं. वैडिंग फोटोग्राफी के बदलाव की वजह से अब न्यू कपल्स भी सितारों की तरह जमीन पर उतरते दिख सकते हैं. यह ट्रैंड चल निकला है. सिनेमैटिक फोटोग्राफी में पूरी शादी के दौरान बेस्ट पिक्चर मोशन शूट किए जाते हैं.

3 से 4 मिनट का वैडिंग टीजर बनाया जाता है. यह बिलकुल एक फीचर फिल्म के टीजर की तरह होता है. उसे फुल फ्रेम कैमरा के साथ शूट किया जाता है. इस में ड्रोन की मदद ली जाती है. इस के बाद हाईलाइट व फुल वीडियो बनाया जाता है. सिनेमैटिक वीडियोग्राफी में 50-60 हजार से ले कर दोढाई लाख रुपए तक का खर्च आ सकता है. इस का कैमरा अलग तरह का होता है ताकि पिक्चर क्वालिटी फिल्मों जैसी हो.

उस के बाद हलदी, मेहंदी, शादी, रिसैप्शन आदि मोमैंट को कैप्चर किया जाता है. इस के साथ ज्वैलरी शूट, मेहंदी शूट, क्लोजअप शूट, कपल फोटोशूट, आउटडोर शूटिंग भी होती है. इनविटेशन कार्ड का वीडियो भी बनाया जाता है. इस का कैमरा भी खास होता है. वैडिंग फोटोग्राफी का अंदाज अब पहले से काफी बदल चुका है.

प्री वैडिंग शूट और पोस्ट वैडिंग शूट

आजकल वैडिंग फोटोग्राफी में प्री वैडिंग शूट और पोस्ट वैडिंग शूट भी खास पौपुलर हो रहा है. इस में वैडिंग की शुरुआत और उस के एंड मोमैंट तक का लगभग हर क्लिक इस में होता है. प्री वैडिंग में शादी की तैयारियों की फोटो होती है. कहीं न कहीं ये सब भी फिल्मों और फिल्मी हस्तियों से इंस्पायर्ड हो कर करवाया जा रहा है. हर कपल फिल्मी शादी चाहता है.

इस में होने वाले वरवधु अपने आप को हीरोहीरोइन समझते हुए अलगअलग जगहों पर जाजा कर स्टाइल दे कर तसवीरें खिंचवाते हैं और इस के लिए मोटी रकम भी देते हैं. कुछ तो शौर्ट वीडियोज बनवाते हैं जिन में दूल्हादुलहन हीरोहीरोइनों की तरह एकदूसरे के आलिंगन में होते हैं.

पहले लोग अपने घरों में शादी कर लिया करते थे मगर आजकल जिस को देखो, मैरिज गार्डन, होटल्स, बैंक्वेट हौल आदि में करते हैं. बड़े सैटअप लगाए जाते हैं ताकि सबकुछ फिल्मी नजर आए. सितारों की देखादेखी डैस्टिनेशन वैडिंग्स की जाने लगी हैं.

डांस प्रैक्टिस

पहले जब स्टेज पर लड़कियां आती थीं तो उन की सखियां पकड़ कर लाती थीं. कोई लहंगा, कोई दुपट्टा पकड़ती थीं. आजकल लड़कियां खुद ही फिल्मी स्टाइल में फिल्मी गाने पर डांस करती हुई आती हैं. डांस की बाकायदा प्रैक्टिस कराई जाती है. कोरियोग्राफर्स रखे जाते हैं जो 15-20 दिनों पहले से दूल्हादुलहन व दूसरे रिश्तेदारों को डांस सिखाने का काम करते हैं ताकि शादी के दिन डांस से माहौल जम जाए और फिल्मी फील मिले.

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