रोज की तरह आज भी मीरा को सुबहसुबह औफिस जाने की जल्दी थी. सो, मीरा ने अपने पति राज को आवाज लगाते हुए गाड़ी की चाबी लाने को कहा. जैसे ही मीरा गाड़ी के पास पहुंची और चाबी मांगी तो राज ने कहा, ‘ओह, मैं तो लाना ही भूल गया.’ तब फिर क्या, मीरा गुस्सा होने लगी, ‘तुम से तो कुछ कहना ही बेकार है वैगरहवैगरह और बड़बड़ाती हुई चाबी लेने जाने लगी. तो राज बोला, ‘अरे यार, मैं तो मजाक कर रहा था, यह रही चाबी.’  मीरा बोली, ‘यह भी कोई वक्त है मजाक करने का?’

राज ने कहा, ‘अच्छा, तो अब तुम ही बताओ कि मुझे किस समय, किस दिन और कितने बजे मजाक करना चाहिए?’

राज के इन प्रश्नों का मीरा के पास कोई उत्तर न था क्योंकि ऐसा कहा और माना जाता है कि सुबह की 5-10 मिनट की हंसी या मजाक आप का पूरा दिन अच्छा व खुशनुमा बना देती या सकती है पर यहां सवाल है कि क्या हम वाकई ऐसा कर पाते हैं? या कोई हमें हंसाने की कोशिश कर रहा तो भी क्या हम सहन या स्वीकार कर पाते हैं? शायद इसलिए क्योंकि आप का हंसी या मजाक तभी अच्छा है जब वह सामने वाले को स्वीकार्य हो. राज ने कुछ ऐसा ही सोच कर मीरा के साथ मजाक किया था लेकिन यहां माहौल खुशनुमा होने के बजाय तनावभरा हो गया.

सो, आखिर हंसीमजाक करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि माहौल बना रहे खुशनुमा या खुशियोंभरा :

जब आप की हंसी से कोई चिढ़ रहा हो : आप की हंसी से कोई चिढ़ रहा है, आप की हंसी उस को अच्छी न लग रही हो तो उस समय अपनी हंसी को रोक देना ही बेहतर होगा क्योंकि तब माहौल खुशनुमा होने के बजाय तनावभरा हो जाएगा.

जब कोई दुखी या परेशान हो : इंसान किसी परेशानी में है तो उस समय किसी का हंसना उलटा भी पड़ सकता है. हो सकता है माहौल अच्छा होने के बजाय तनावभरा हो जाए. इसलिए जिन से भी आप हंसीमजाक कर रहे हो उन का मूड जानना आवश्यक है. यहां इस बात को सम  झना चाहिए कि किसी दूसरे पर हंसना तभी अच्छा लगता है जब तक उसे बुरा नहीं लग रहा.

मूड को पहचानें : आजकल तकरीबन सभी कपल्स जौब करते है लेकिन कई बार ऐसा होता है कि आप घर पर हैं और आप का पार्टनर औफिस गया है तो ऐसे में घर आने पर उस का मूड जान कर ही हंसीमजाक करें. हो सकता है कि पार्टनर कुछ परेशान या तनाव में हो. ऐसे में आप के मजाक करने से बात बिगड़ सकती है, इसलिए यहां मूड को जानना जरूरी है.

आखिर कब करें मजाक ?

खाने की टेबल पर बनाएं खुशनुमा माहौल : आजकल की भागमभाग वाली दिनचर्या में कभीकभी ही ऐसा मौका आता है कि घर के सभी लोग साथ बैठ कर खाना खाएं. इसलिए इस समय आप डिजिटल दुनिया से दूर रहें और एकदूसरे से हंसीमजाक करें व घर में बनाएं एक खुशनुमा माहौल ताकि कुछ समय तनाव से दूर रह सकें.

पिकनिक और पर्यटन स्थान पर : जब आप अपने दोस्तों, बच्चों या परिवार संग कहीं पिकनिक पर या घूमनेफिरने जाएं तो एकदूसरे संग खूब हंसीमजाक करें. इस के लिए चुटकुले, कुछ पुरानी बातें, किस्सेकहानियां सुनें और सुनाएं, गेम्स आदि खेलें और डिजिटल दुनिया से दूरी बनाए रखें क्योंकि अकसर हम सैल्फी लेने और उस को पोस्ट करने में लग जाते हैं.

शादी समारोह या कोई और खुशी के अवसर पर : शादी समारोह या किसी और खुशी के अवसर पर मजा तो तभी आता है जब कुछ हंसीमजाक, एकदूसरे की खींचातानी आदि हो, वरना शादी का कुछ खुशगवार माहौल ही नहीं बनता. इसलिए ऐसे मौकों पर एक खुशनुमा माहौल जरूर बनाएं. इस के लिए हंसी और ठहाके लगाना न भूलें.

रखें ध्यान

  • हंसीमजाक एक सीमा के अंदर ही सही है. हद पार न हो.
  • हर वक्त बहुत ज्यादा हंसीमजाक नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से कोई आप को गंभीरता से नहीं लेगा.
  • दूसरे की मजबूरी का भी मजाक बनाने से बचें.

 

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