रफ्तार का जनून और लोगों की लापरवाही का आलम दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं के कहर के रूप में सामने आ रहा है. दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले सब से ज्यादा 43 फीसदी पैदल यात्री होते हैं. जरूरत है थोड़ी सी सावधानी और नियमकानूनों के पालन की.

दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा द्वारा 13 दिसंबर को जारी की गई दिल्ली सड़क दुर्घटना रिपोर्ट-2022 के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2023 में 30 नवंबर तक सड़क हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या 1,300 रही. वर्ष 2022 में यहां सड़क हादसों में 1,461 लोगों की जानें गईं.

इन मामलों में पैदल यात्री व दोपहिया वाहन सब से ज्यादा असुरक्षित हैं. 2022 में सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए कुल व्यक्तियों का क्रमशः 43 प्रतिशत पैदल यात्री और 38 प्रतिशत दोपहिया वाहन का है. दिल्ली की 10 खतरनाक रोड में सब से प्रमुख रिंग रोड, जी टी करनाल रोड और एनएच 24 हैं.

रफ्तार भारत की सड़कों पर होने वाली हर 10 में से 7 मौत की वजह बनती है. 2018 से 2022 के बीच तेज रफ्तार से मौतों का प्रतिशत 64 फीसदी से बढ़ कर 71 फीसदी हो गया. 2022 के आंकड़े बताते हैं कि सड़क हादसों में रिकौर्ड 1,68,491 मौतें हुईं. इन में करीब 44 फीसदी बाइक सवार शामिल थे. सड़क हादसों में मौतों के मामले में भारत दुनिया में नंबर वन है. पिछले साल 4.4 लाख लोग घायल हुए जिन में करीब 2 लाख को गंभीर चोटें आईं.

रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मिनिस्ट्री का डेटा बताता है कि दिल्ली देश की ‘रोड-डैथ कैपिटल’ बनी हुई है. 2022 में दिल्ली के भीतर सड़क हादसों में करीब डेढ़ हजार लोग मारे गए. यह संख्या 2021 के मुकाबले 18 फीसदी ज्यादा रही. सड़क हादसों में मौतों के मामले में बेंगलुरु (772 मौतें) दूसरे नंबर पर रहा. 10 साल से ज्यादा आबादी वाले शहरों में सड़क हादसों में मौतों के मामले में दिल्ली नंबर वन रही. मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में 2021 में 4,720 सड़क हादसे हुए.

शाम 6 बजे से रात 9 बजे का टाइम बड़ा खतरनाक

रिपोर्ट में सड़क की स्थिति, मानवीय भूल और वाहन की स्थिति को दुर्घटनाओं का कारण बताया गया. मानवीय भूल का मतलब है तेज गति से गाड़ी चलाना, नशे में गाड़ी चलाना, लालबत्ती पार करना और गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना आदि. दिल्ली में ज्यादातर दुर्घटनाएं शाम 6 बजे से रात 9 बजे के बीच होती हैं.

लापरवाही का ताजा उदाहरण

13 दिसंबर को दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज पर रिकौर्ड किए गए एक वीडियो में युवक लापरवाही से औटो पर स्टंट करता नजर आ रहा है. औटो से बाहर खड़े हो कर हवा में हाथों को लहराता हुआ आगेपीछे मुड़ता नजर आता है. उस युवक की लापरवाही का आलम यह था कि वह इस दौरान उस के आगे चल रहे साइकिल सवार से टकरा गया. जिस कारण वह साइकिल सवार जमीन पर गिर कर चोटिल हो गया.

गनीमत यह रही कि पीछे से कोई तेज रफ्तार गाड़ी नहीं आ रही थी वरना उस साइकिल सवार की जान भी जा सकती थी. पीछे से आ रहे वाहन चालकों ने तुरंत ही ब्रेक लगा कर अपनी गाड़ियों को रोका. वहीं अगर वह युवक साइकिल सवार की जगह किसी गाड़ी से टकराता तो उस के खुद के लिए भी यह प्राणघातक हो सकता था.

यह महज एक उदाहरण है. ऐसा अकसर होता रहता है. लोग हवा में बातें करते हैं. स्टंटबाजी करते हैं. गलत तरीके से ड्राइव कर लालबत्ती जंप करते हैं. इन सब का नतीजा पैदल यात्रियों या बाइक सवारों को भुगतना पड़ता है. हमें जिंदगी की कीमत का एहसास होना चाहिए. आप की अपनी जिंदगी भी खतरे में पड़ सकती है. आप की जल्दबाजी, रफ्तार या गलतियों का नतीजा आप का परिवार या कोई और न भुगते. इस के लिए बस थोड़ी सी सावधानी और नियमकानूनों का पालन ही तो जरूरी है.

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