जिस शानदार तरीके से नवंबर, 2005 में शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्रित्व काल का आगाज हुआ था, उस का अंजाम इतना अवसाद भरा होगा, इस की कल्पना भी मध्य प्रदेश में कोई नहीं कर रहा था.

सीहोर के लाडकुई गांव में एक सरकारी कार्यक्रम ‘चरण पादुका’ योजना में खुद शिवराज सिंह चौहान ने कहा था, “ऐसा भैया मिलेगा नहीं. मैं चला जाऊंगा, तब बहुत याद आऊंगा.”

इस बयान के माने यों तो हर कोई अपने लिहाज से निकाल रहा है, पर इस स्वीकारोक्ति से कोई हाहाकार मध्य प्रदेश में नहीं मचा.

अपने जाने की अग्रिम सूचना दे कर करोड़ों लोगों का दिल ‘दुखा’ जाने वाले लोकप्रिय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जो खुद को ‘मामा’ कहलाने से अघाते नहीं, आखिर क्यों और किस के इतने दबाव या डिप्रैशन में वे आ गए. लेकिन बेतवा का गैलनों पानी बहने के बाद भी कोई चूं तक नहीं कर रहा, तो इस के भी माने हैं, जिन्हें राजनीति, नरेंद्र मोदी फैक्टर, आरएसएस की भूमिका, भाजपा की अंतर्कलह और थोक में केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को विधायकी का टिकट थमा देने की चाल या मजबूरी से परे देखें, तो तसवीर इस तरह सामने आती है कि शिवराज सिंह चौहान इन इन वजहों के चलते भी याद किए जाएंगे. फिर जनता उन्हें चलता करे या रहने दे, उस की मरजी. अभी चुनाव में महीने 2 महीने का वक्त है.

-शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश को कर्ज के समंदर में डुबो देने के लिए ज्यादा याद किए जाएंगे. साल 2003 में जब इसी तरह दिग्विजय सिंह गए थे, तब राज्य सरकार पर 20,000 करोड़ रुपए का कर्ज था, जो वर्ष 2023 में अब तक बढ़ कर 3.32 लाख करोड़ रुपए का हो गया है और चुनाव तक यह और बढ़ेगा, क्योंकि सरकार का खजाना खाली पड़ा है. कांग्रेस सरकार जितना कर्ज छोड़ गई थी, उस से ज्यादा तो शिवराज सरकार ब्याज ही भर रही है. अगर यह विकास है तो जम कर हुआ है. जनवरी, 2023 से सितंबर, 23 तक ही सरकार ने 31,000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया.

-शिवराज सिंह राज में मध्य प्रदेश में औसतन 8 बलात्कार रोज हो रहे थे. नैशनल क्राइम रिकौर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 2,947 मामले बलात्कार के दर्ज हुए थे, जबकि वर्ष 2021 में ही महिला हिंसा के कुल 30,673 मामले दर्ज हुए थे. वर्ष 2022 और 2023 के अनुमानित मामले और बढ़े होना तय दिख रहा है.

-शिवराज सिंह इस बाबत याद किए जाएंगे कि राज्य में ड्रापआउट छात्राओं की संख्या 53 फीसदी है. मध्य प्रदेश में महिला साक्षरता दर 65.4 फीसदी है, जो राष्ट्रीय से 6 अंक नीचे है.

-शिवराज सिंह के राज में किसान आत्महत्या के मामले में 7वें नंबर पर है. साल 2021 में 117 किसानों ने आत्महत्या की यानी हर तीसरे दिन एक किसान खुदकुशी करने को मजबूर होता है, जबकि खेतीकिसानी से जुड़े 735 लोगों ने आत्महत्या की.

-याद तो वे व्यापम और पटवारी परीक्षा के घोटालों के लिए भी किए जाएंगे, लेकिन आंकड़ा हैरानी के साथसाथ चिंता का भी है. मध्य प्रदेश में साल 2020 में रिकौर्ड 5,579 छात्रों ने आत्महत्या की थी. इसी तरह राज्य में आत्महत्या करने वालों की तादाद 14,578 तक पहुंच गई थी, जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 12,457 था.

-शिवराज सिंह एक और काम के लिए याद किए जाएंगे, वह है विकास यात्राएं, जिन में 25,551 लोकार्पण और 24,309 भूमि पूजन हुए. इन पर मात्र 15 दिनों में ही करोड़ों रुपए फूंके गए. यह सिलसिला अभी चल रहा है.

-सब से अहम जिस के लिए शिवराज सिंह सब से ज्यादा याद किए जाएंगे, वह बेशुमार बढ़ा भ्रष्टाचार है. एनसीआरबी के ही आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में साल 2021 में 2020 के मुकाबले भ्रष्टाचार 65 फीसदी बढ़ा. इस साल 2000 सरकारी मुलाजिम घूस लेते पकड़े गए, लेकिन सलाखों के पीछे एक भी नहीं गया.

हैरानी तब और बढ़ जाती है, जब यह पता चलता है कि विभागीय जांच में किसी को भी सजा का पात्र नहीं समझा गया और न ही किसी को सेवा से अलग किया गया. जाहिर है, घूसखोरों ने बचने के लिए घूस दी.

आलम तो यह है कि मध्य प्रदेश में बिना पैसा दिए कोई भी काम नहीं होता. इस लिहाज से 90 फीसदी घूसखोरी प्रदेश में है.

-शिवराज सिंह चौहान को याद करने की एक और बड़ी वजह उज्जैन के महाकाल लोक की मूर्तियों का आंधी में ढह जाना रहेगी, जिस के बारे में गलत नहीं कहा जाता कि भ्रष्टाचारियों ने भगवान तक को नहीं छोड़ा.

-और भी कई छोटीबड़ी, मझोली वजहें हैं, जो शिवराज सिंह की याद दिलाती रहेंगी. मसलन, महाकाल की नगरी उज्जैन में एक नन्ही बच्ची के साथ दुष्कर्म और सीधी में एक आदिवासी युवक के चेहरे पर दबंग ब्राह्मण द्वारा पेशाब करना वगैरह. यह सब जनता को रहरह कर याद आता रहेगा, बशर्ते जनता और नरेंद्र मोदी ने उन्हें जाने दिया तो. वैसे, अपनी साफगोई के लिए वे बधाई के पात्र तो हैं, जो उन्होंने अपनी जमीनी सोच और स्थिति खुद बयां कर जता दिया कि राज्य में उन के जाने की चर्चाएं निराधार नहीं हो रही हैं, बल्कि उन के नीचे आधार है और एक ऊपर भी है.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...