वसु और झरना एकदूसरे के लिए ही बने थे। मगर यह क्या, वसु पढ़लिख कर एक अधिकारी क्या बन गया उसे समाज और समाज के बनाए दकियानूसी परंपराओं की चिंता होने लगी।