फेस्टिवल कोई हो अब महिलाएं अपने हुनर को दिखाने में पीछे नहीं रहतीं. डांस, मस्ती, फैशन और कैटवाक सबकुछ करने में कोई हिचक नहीं रह गई है. इसमें कोई भी पीछे नहीं रहना चाहता. चाहे गृहणी हो या वर्किग विमेन. उम्र का भी कोई बंधन नहीं रह गया. 17 साल से लेकर 50 साल के उपर तक की महिलाओं को अब डांस करने में किसी तरह की झिझक का सामना नहीं करना होता.

अंश वेलफेयर फांउडेशन ने रिदम डांस एकेडमी में तीज उत्सव का आयोजन किया तो महिलाएं पूरी तरह से सज धज कर वहां पहुंच गईं. सोलह श्रृंगार और तीज के रंग में रंगी महिलाओं का उत्साह देखते ही बन रहा था.

यहां पर फिल्मी गानों पर डांस के साथ कैटवाक और फैशन के रंग भी दिखाने थे. दीवानी मस्तानीपर सुनीता राय, ‘डोला रे डोला पर ममता सिंह ने डांस किया. सुषमा पूरवार ने मोहे रंग दोऔर कुसुम वर्मा ने घरवा से निकसी ननद भौजाई’, जैस फोक सांग पर डांस किया. नीलम पूरवाल, पूनम रस्तोगी, सीमा मिश्रा, रूचि खान, संगीता सिंह और प्रियका रघुवंशी ने डांस प्रस्तुत किया. कई तरह के अलग अलग टाइटिल के लिये महिलाओं ने जोरआजमाइश की. जजमेंट पैनल ने बड़े मशक्कत के बाद विजेताओं का चयन किया.

गायत्री नैनी तीज क्वीन चुनी गईं. संतोष कुमारी और रूचि खान को रनरअप का खिताब मिला. हरियाली क्वीन सुनीता राय, बेस्ट वॉक ओम कुमारी, नैचुरल ब्यूटी सीमा मोदी, इंप्रेसिव ड्रेस पूनम रस्तोगी, बेस्ट मेंहदी ममता सिंह, बेस्ट फिगर नेहा तिवारी, बेस्ट मेकअप रीशू सिंह, बेस्ट झांझर साधना सिंह, बेस्ट स्माइल नीलम पूरवाल, बेस्ट हेयर स्टाइल वानी, बेस्ट बैंगल संगीता सिंह, बेस्ट ज्वेलरी का खिताब श्वेता को दिया.

सुदंरता, फैशन और स्टाइल के साथ महिलाओं ने कुकिंग कंपटीशन में भी अपना हुनर दिखाया. इसमें लवीना चलानी, जया, कंचन रस्तोगी, को विजेता चुना गया. जजमेंट पैनल के सदस्य कुसुम वर्मा, रीता सिंह, श्रद्धा सक्सेना, रचना कपूर, शीतल और तृप्ति तिवारी ने अंश वेलफेयर फाउडेशन, लोक उन्नति संस्थान और बीटीसी चाय के उपहार से सभी विजेताओं को सम्मानित किया.

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