फार्म एन फूड पत्रिका देश के किसानों को न केवल खेतीकिसानी से जुड़ी जानकारी मुहैया कराती है, बल्कि आम बोलचाल की भाषा में यह पत्रिका खेतीबारी की नई तकनीकी, बागबानी, पशुपालन, कुक्कुटपालन, मत्स्यपालन, डेरी व डेरी उत्पाद, फूड प्रोसैसिंग, खेती वगैरह से जुड़ी मशीनों सहित खेत से बाजार सहित ग्रामीण विकास और किसानों की सफलता की कहानियों और अनुभवों को अन्नदाता किसानों तक अपने लेखों और समाचारों के जरीए पहुंचाने का काम करती रही है.

यही वजह है कि इस पत्रिका का प्रसार देश में तेजी से बढ़ रहा है और खेती में रुचि रखने वाले पाठकों की तादाद में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. पिछले 2 सालों से जब देश और दुनिया कोरोना के कहर से जू?ा रही थी, उस दशा में भी ‘फार्म एन फूड’ ने किसानों का साथ नहीं छोड़ा है, क्योंकि यह पत्रिका किसानों को प्रिंट और डिजिटल दोनों ही में खेतीबारी से जुड़ी तकनीकी जानकारियां देने का काम कर रही है. इतना ही नहीं, यह पत्रिका न केवल लेखों के जरीए किसानों की मददगार बनी हुई है, बल्कि समयसमय पर उन का सम्मान कर के किसानों के प्रयासों और अनुभवों को लोगों की नजर में लाने का काम करती रही है. इसी क्रम में किसानों के सम्मान के लिए पिछले कई सालों से फार्म एन फूड अवार्ड का आयोजन उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में किया जाता रहा है.

इस बार यह आयोजन मध्य प्रदेश के सतना जिले के चित्रकूट में राज्य स्तरीय फार्म एन फूड एग्री अवार्ड के नाम से किया गया, जिस के आयोजन में जल योद्धा के नाम से मशहूर उमाशंकर पांडेय ने मुख्य सहयोगी की भूमिका निभाई. किसान बने कार्यक्रम का अहम हिस्सा 15 दिसंबर, 2021 को मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित चित्रकूट के कामदगिरी मुख्य द्वार स्थित सभागार में उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश से आए तकरीबन 100 किसानों का जमावड़ा गवाह बना और खेती में नवाचार और तकनीकी के जरीए बदलाव लाने वाले किसानों को सम्मानित किया गया. इस मौके पर मुख्य अतिथि मदन दास ने कहा कि पानी और शुद्ध पर्यावरण जीवन की मूलभूत आवश्यकता है.

अधिकांश पानी प्रदूषित हो गया है. पर्यावरण अशुद्ध हो गया है. उन्होंने यह भी कहा कि किसान अन्नदाता है, स्वराज्य का मुखिया है. हमें किसानों के लिए, उन की आवश्यकताओं के लिए तैयार रहना चाहिए. हमारा देश ऋषि और कृषि प्रधान देश है. मैं दिल्ली प्रैस को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने चित्रकूट में राज्य स्तरीय पुरस्कार दे कर किसानों को सम्मानित किया है. किसानों का सम्मान करना गौरव की बात है. महोबा नगरपालिका के चेयरमैन, प्रतिनिधि सौरभ तिवारी ने कहा कि किसान राजाओं का राजा है. जय जवान जय किसान ही असली भारत है. वहीं युवा किसान नेता गणेश विश्व ने कहा कि भारत की खुशहाली का रास्ता खेत और खलिहान से हो कर गुजरता है. जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के जल योद्धा सम्मान से सम्मानित किसान पैरोकार उमाशंकर पांडेय ने कहा कि धरती पर हर किसी को सीना तान कर चलने का अधिकार है.

वह किसान है. धरती से धनधान्य पैदा करने वाले किसान को ही धरतीपुत्र कहा गया है. किसानों को हीनभावना त्याग कर अपने पूर्वजों की भांति राष्ट्र और समाज के लिए सदैव नवाचार करते रहना चाहिए. किसान अरविंद ने कहा कि किसान पलायन को रोकना होगा. वहीं किसान कल्लू यादव ने कहा कि सरकार और समाज को किसानों के साथ खड़ा होना चाहिए, ताकि अच्छे बीज मिलें, समय पर पानी मिले और बाजार का सही भाव मिले. खेतीबारी और जड़ीबूटी के जानकार ओपी मिश्र ने कहा कि आज जब किसानों के लिए खेतीबारी से जुड़े साहित्य का अभाव हो गया है, ऐसे में फार्म एन फूड पत्रिका द्वारा आम बोलचाल की भाषा का प्रयोग कर किसानों के लिए लेखों के जरीए जानकारियों का खजाना खोल दिया है.

उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि फार्म एन फूड अवार्ड पा कर यह पता चला कि अगर किसान उन्नत तकनीकी का उपयोग करे तो वह कभी भी घाटे में नहीं रहेगा. उन्होंने इस तरह के आयोजन को बेहद सराहनीय कदम बताते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन से किसानों का मनोबल बढ़ता है. बस्ती जिले से आए प्रगतिशील किसान राममूर्ति मिश्र ने कहा कि वे पिछले 30 वर्षों से भी अधिक समय से दिल्ली प्रैस की पत्रिकाओं के नियमित पाठक रहे हैं. दिल्ली प्रैस ने देश के हर तबके को ध्यान में रख कर पत्रिकाएं निकाली हैं.

उस ने समाज को एक नई दिशा देने का काम किया है. उन्होंने कहा कि वे साल 2009 से फार्म एन फूड पत्रिका के नियमित पाठक हैं. इस पत्रिका में जितने सारगर्भित ढंग से किसानों के लिए जानकारियां दी जाती हैं, वह खेतीबारी से जुड़ी किसी अन्य पत्रिका में आज तक पढ़ने को नहीं मिलीं. किसान विजेंद्र बहादुर पाल ने कहा कि किसान तभी प्रगति कर सकता है, जब वह आधुनिक तकनीक और उन्नत कृषि प्रणाली का उपयोग करे. इस के लिए सरकार भी तमाम योजनाएं संचालित कर रही है. किसान इन योजनाओं का लाभ ले कर घाटे की खेती से उबर सकते हैं.

सेना के रिटायर्ड व प्रगतिशील किसान अमित विक्रम त्रिपाठी ने दिल्ली प्रैस की पत्रिका फार्म एन फूड के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि मीडिया द्वारा किसानों के लिए इतने बड़े स्तर पर आयोजन फार्म एन फूड के किसानों के विकास के समर्पण की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है. सम्मानित हुए कृषि वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र, थरियांव, फतेहपुर के वैज्ञानिक डा. जितेंद्र सिंह एवं डा. साधना वैश को कृषि क्षेत्र में किए गए उपलब्धिपूर्ण कामों के लिए राज्य स्तरीय फार्म एन फूड एग्री अवार्ड से सम्मानित किया गया. फतेहपुर के किसानों के प्रोत्साहन के लिए प्रदान किया गया.

वैज्ञानिक डा. जितेंद्र सिंह को उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में किसानों के बीच उपलब्धिपूर्ण कामों के साथ पहचान बनाने और बुंदेलखंड में कृषि विकास के स्थायीकरण की मुहिम पर साल 2005 से 2012 तक लगातार किसानों के साथ काम करने व 8 तकनीकी मौडल, जो किसानों को आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनाने का मौडल है, को गांव व किसानों के बीच स्थापित करने के लिए यह अवार्ड दिया गया.

इस मौके पर उन्होंने कहा कि उन के मौडल गांव पाराबन्नोबेगम, बबेरु बांदा की उपलब्धि को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपति, निदेशक व फैकल्टी ने स्वयं देखा है. उन्होंने बताया कि मौडल गांव की सफलता की कहानी को आईसीएआर की वैबसाइट पर भी देखा जा सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि इस अवार्ड से पूर्व भी खेतीबारी के लिए किए जा रहे कामों के लिए उन्हें बुंदेलखंड गौरव अवार्ड 2018 व आयुक्त चित्रकूट धाम मंडल, बांदा द्वारा प्रशस्तिपत्र प्रदान किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि जल योद्धा उमाशंकर पांडेय व प्रगतिशील किसान, जिन्होंने गांव और खेत में लाभकारी खेती के मौडल स्थापित किए हैं, उन के कामों के चलते यह अवार्ड मिला. गृह विज्ञान की वैज्ञानिक डा. साधना वैश को महिला सशक्तीकरण, पोषण सुरक्षा और मूल्य संवर्धन के क्षेत्र में किए जा रहे कामों के लिए फार्म एन फूड एग्री अवार्ड दे कर सम्मानित किया गया.

इस मौके पर उन्होंने सभी किसानों के साथ ही फार्म एन फूड और दिल्ली प्रैस समूह का आभार व्यक्त किया. किसानों की सफलता व अनुभवों का आदानप्रदान आकर्षण का केंद्र रहे फार्म एन फूड अवार्ड में प्रगतिशील किसानों द्वारा अपने कृषि उत्पाद और नवाचारों के बारे में जानकारी दी गई. कार्यक्रम में आए किसानों को किसान राम मूर्ति मिश्र ने जैविक खेती की जानकारी दी और बताया कि किसान जैविक विधि से खेती कर के न केवल लागत में कमी ला सकते हैं, बल्कि डेढ़ से दोगुना आमदनी भी ले सकते हैं. चित्रकूट के किसानों ने औषधीय खेती से आमदनी बढ़ाने के टिप्स दिए और बताया कि उन्होंने किस तरह से चित्रकूट में औषधीय खेती करने वाले किसानों को बिचौलियों के चंगुल से नजात दिला कर उन की आमदनी को दोगुना किया है. किसान बने फार्म एन फूड के वार्षिक ग्राहक फार्म एन फूड द्वारा किसानों के लिए आयोजित किए गए कार्यक्रम में आए तकरीबन 100 किसानों को दिल्ली प्रैस की तरफ से इस पत्रिका की सैंपल कौपी मुफ्त उपलब्ध कराई गई.

पत्रिका में छपे ज्ञानवर्धक लेखों को पढ़ कर कई किसान पत्रिका की विशेष स्कीम के तहत वार्षिक ग्राहक भी बने. इस मौके पर किसानों का कहना था कि खेतीबारी से जुड़ी इतनी अच्छी पत्रिका के ग्राहक बन उन्हें देशभर के किसानों और कृषि विशेषज्ञों के अनुभवों और सु?ावों के बारे में घर बैठे जानकारी मिलेगी. इतना ही नहीं, कई किसानों का कहना था कि पत्रिका के रजिस्टर्ड डाक से मिलने के कारण उन्हें शहर तक पत्रिका के लिए भागदौड़ से भी छुटकारा मिल जाएगा.

पुरस्कार पा कर खिले चेहरे डा. जितेंद्र सिंह, कृषि वैज्ञानिक, डा. साधना वैश, वैज्ञानिक (गृह विज्ञान), उमाशंकर पांडेय, जलग्राम जखनी, बांदा, गणेश प्रसाद मिश्र, ओम प्रकाश मिश्र (हर्बल मैडिसनल प्लांट ऐक्सपर्ट), डा. शिव प्रेम याज्ञिक (क्षेत्रीय इतिहासकार, बुंदेलखंड क्षेत्र, कर्बी), विजेंद्र बहादुर पाल, बस्ती, अमित विक्रम त्रिपाठी, बस्ती, राहुल अवस्थी (जैविक किसान, कृषि सलाहकार) बांदा, अखिलेश्वर सिंह (फूलों की खेती) बांदा, सीए अंकित अग्रवाल, अरविंद चतुर्वेदी, गंगा प्रसाद पांडेय, रामकुमार शुक्ल, सुरेखा (कृषि व समाज कार्य), अरविंद छिरौलिया,

अंबिका प्रसाद यादव (गनीवा फार्म कुरिया), रामकेश यादव, श्रवण कुमार पांडेय, संजय कुमार यादव, रामबाबू मिश्रा, देवनाथ अवस्थी, गणेश प्रसाद मिश्र, शिवसागर सिंह राजपूत, महेश कुमार मिश्र, सौरभ तिवारी, ललित कुमार पांडेय, संतोष त्रिपाठी, महानंद सिंह पटेल, अमरनाथ सिंह पटेल, चंदन सिंह पटेल, रामराज सिंह, सचिन तुलसा त्रिपाठी (कृषि पत्रकार) को पुरस्कार मिले.

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