भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली और पूर्व दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले के बीच चला आ रहा विवाद आखिरकार कुंबले के इस्तीफे के साथ ही थम गया. कुंबले ने इस्तीफा तो दे दिया लेकिन कप्तान कोहली और कुंबले के विवाद की खबरें इन दिनों विश्व क्रिकेट में छाई हुई है.
ऐसा नहीं है कि दुनिया में यह पहला मामला है जब कप्तान और कोच के बीच टकराव हुआ हो. आज हम आपको भारत के ऐसे ही कप्तान-कोच या कोच-टीम विवाद के बारे में बताने जा रहे हैं.
कपिल देव बनाम तेंदुलकर
तेंदुलकर की कप्तानी के दूसरे दौर में कपिल देव टीम इंडिया के कोच बंने. हालांकि यह जोड़ी भी कामयाब साबित नहीं हुई. भारत ने घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड को टेस्ट और वनडे सीरीज में हराया. लेकिन इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में 0-3 से हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद त्रिकोणीय सीरीज में भारत ने 8 में से 7 मैच हारे. घरेलू मैदान पर दक्षिण अफ्रीका से टेस्ट सीरीज हारने के बाद तेंदुलकर ने कप्तानी छोड़ दी. इसके बाद गांगुली ने कप्तानी संभाली. मनोज प्रभाकर ने एक स्टिंग ऑपरेशन में मैच फिक्सिंग में कपिल देव का नाम लिया. इसके बाद कपिल देव ने कोचिंग छोड़ दी. रिपोर्ट्स में तो यह भी कहा गया कि खिलाड़ी कपिल की कोचिंग स्टाइल से सहमत नहीं थें.
बेदी बनाम टीम का विवाद
त्रिकोणीय सीरीज के एक मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्राइस्टचर्च में भारत को 18 रनों से हार का सामना करना पड़ा था. भारतीय टीम के सामने 187 रनों का लक्ष्य था, लेकिन टीम इतने कम स्कोर पर भी हार गई. इसके बाद गुस्से में भरे बेदी ने कहा था, 'पूरी टीम को प्रशांत महासागर में फेंक देना चाहिए.' इस आपत्तिजनक बयान के बाद बेदी को कोच पद से हटा दिया गया और उनके स्थान पर अशोक माकंड़ को यह जिम्मेदारी दी गई थी.
ग्रैग चैपल बनाम गांगुली
चैपल 2005-07 के दौरान भारतीय टीम के कोच थे. उन्होंने जॉन राइट के बाद टीम की कमान संभाली थी. चैपल को गांगुली की सलाह पर ही कोच बनाया गया था, हालांकि बाद में उनके ही चैपल के साथ संबंध खराब हो गए थे. अंत में गांगुली को हटाकर राहुल द्रविड़ को भारत की कमान दी गई. चैपल के केवल गांगुली ही नहीं, दूसरे भारतीय खिलाड़ियों के साथ भी काफी खराब संबंध रहे.
संदीप पाटिल बनाम सचिन
संदीप पाटिल 1996 के विश्व कप में वह अजीत वाडेकर के असिस्टेंट मैनेजर के तौर पर तैनात थें. वह 1996 में इंग्लैंड में मोहम्मद अजहरुद्दीन और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच हुए झगड़े के दौरान टीम के कोच भी थे. इसके बाद सिद्धू दौरा बीच में ही छोड़ देश लौट आए थे. इसी साल श्रीलंका में चार देशों के टूर्नमेंट के दौरान जब सचिन तेंदुलकर भारत के कप्तान थे तब हालात और खराब हो गए थे. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में भारत के नौ विकेट गिर चुके थे और कुंबले गलत शॉट खेलकर आउट हो गए. पाटिल ने इस पर नाराजगी जताई. तेंदुलकर और दूसरे सीनियर खिलाड़ियों को यह अच्छा नहीं लगा था. टोरंटो में सहारा कप में पाकिस्तान से हार के साथ ही पाटिल को उनके पद से हटा दिया गया.
अब्बास अली बेग बनाम अहजरुद्दीन
1991-92 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे में भारत को पांच में से चार टेस्ट मैचों में हार का सामना करना पड़ा. इसके कुछ ही समय बाद भारतीय टीम 1992 विश्व कप के सेमीफाइनल से पहले बाहर हो गई थी. अब्बास अली बेग और मैनेजर को इस हार के लिए कसूरवार ठहराया गया था. ऐसी खबरें भी आ रही थीं कि कप्तान अजहरुद्दीन भी कोच की भूमिका से खुश नहीं थे. बेग के स्थान पर अजीत वाडेकर को कोच बनाया गया.
मदन लाल बनाम अजहरुद्दीन
मदन लाल 1996-97 में भारत के कोच बने थें. भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच जीता था. इसके बाद दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ईडन गार्डन्स टेस्ट मैच में अजहरुद्दीन की कोहनी में ब्रायन मैकमिलन की गेंद लगी. इसके बाद मदन लाल ने कहा कि अजहर तेज गेंदबाजी का सामना करने से बच रहे थें. इसके कुछ समय बाद खिलाड़ियों ने बीसीसीआई से कहा कि उन्हें तकनीकी इनपुट देने वाला कोच चाहिए.