उत्तर बिहार के पूर्वी चंपारण में राजनीतिक रसूख रखने वाले ठेकेदार जयप्रकाश साह की दिनदहाड़े हुई हत्या से पुलिस के भी होश उड़ गए. पुलिस ने जब गहराई से मामले की जांच की तो हत्या के पीछे कारोबारी रंजिश और राजद नेत्री निराली ठाकुर उर्फ पल्लवी से आशिकी की ऐसी कहानी सामने आई कि..

पूर्वी चंपारण में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 27 के फोरलेन चकिया फ्लाईओवर के ठीक नीचे न्यू बाइपास चौक पर बिरयानी हाउस है. बात 16 मई, 2022 के शाम की है. अंधेरा होने वाला था.

तभी वहां एक एसयूवी आ कर रुकी. उस में बैठे खानेपीने के शौकीन ठेकेदार जयप्रकाश साह ने ड्राइवर राधेश्याम से कहा, ‘‘अरे यादव, जोरों की भूख लगी है. जा कर मटन बिरयानी ले कर आ तो!’’

‘‘जी मालिक, अभी लाता हूं.’’ कहता हुआ उन का ड्राइवर राधेश्याम यादव सीट बेल्ट खोलने लगा.

‘‘और हां, मटन का अच्छाअच्छा पीस डलवाना. बोलना, ठेकेदार साहब का है. मेरा नाम बताना या सिर्फ वहीं से गाड़ी दिखा देना. अपने लिए भी ले लेना.’’ जयप्रकाश ने कहा.

‘‘मैं नहीं खाऊंगा, आज मेरा सोमवार का व्रत है,’’ ड्राइवर बोला.

‘‘अरे शाम तो हो गई, कुछ मीठा खा कर उपवास तोड़ लो. …और हां, पानी की बोतल अपने लिए खीर और एक कोक ले ले लेना.’’

‘‘ठीक है मालिक,’’ कहता हुआ यादव बिरयानी हाउस में और्डर दे आया.

कुछ देर बाद ही गाड़ी में बिरयानी सर्व कर दी गई. यादव की कोक के साथ खीर भी आ गई.

जयप्रकाश ने बिरयानी के अभी 2-3 निवाले ही लिए थे कि तेजी से आए बाइक पर सवार 2 लोगों ने उन की गाड़ी पर दनादन गोलियां दागनी शुरू कर दीं.

जयप्रकाश की चीख निकली, ‘‘अरे यादव, गाड़ी स्टार्ट कर रे. चल भाग, ये साले शूटर हमें शूट करने आए हैं.’’

राधेश्याम ने तुरंत गाड़ी स्टार्ट कर पीछे नजर घुमाई. देखा जयप्रकाश गोली से जख्मी हो कर एक ओर लुढ़क गया. बिरयानी वहीं फैल गई थी. प्लेट के कई टुकड़े हो गए थे. गोलियों की बौछार हुई थी. संभवत: एक गोली प्लेट पर भी लगी हो. गाड़ी की एक साइड का शीशा भी चकनाचूर हो चुका था. आगे का शीशा चटख गया था.

इसी बीच एक गोली आगे के शीशे को भेदती हुई ड्राइवर की बांह को छू कर निकल गई थी. 2 गोलियां उसी तरह से फिर आईं. वह टकराती हुई उस के पैर में जा लगीं.

उस ने गरदन से होता हुआ अपनी बांह पर हाथ फेरा. हाथ पर खून लग गया. उस पर ज्यादा ध्यान दिए बगैर अपने मालिक को बचाने के लिए उस ने गाड़ी स्पीड में मोतिहारी की ओर दौड़ा दी. एक्सीलेटर पर पैर रखने में दर्द हो रहा था. वह समझ गया, गोली लगने से ऐसा हो रहा होगा. लेकिन हिम्मत कर गाड़ी को तेजी से भगाता रहा.

तब तक बाइक सवार शूटर भी फरार हो चुके थे. अपने जख्मों को भुला कर राधेश्याम  ने कुछ मिनटों में ही मोतिहारी के रास्ते एक प्राइवेट अस्पताल में गाड़ी पहुंचा दी थी. वहां के डाक्टर ने जयप्रकाश साह को मृत घोषित कर दिया.

डाक्टर ने बताया कि उसे 6 गोलियां लगी हैं, जिस में एक के सिर पर लगने से तुरंत मौत हो गई. बाकी गोलियां पेट और गरदन में लगी थीं. यादव को एक गोली हाथ 2 पैर में लगी थीं, जो गहरा घाव करती हुई निकल गई थीं.

जयप्रकाश साह उत्तर बिहार का बहुचर्चित ठेकेदार था, लेकिन उस की दबंगई और राजनीतिक पहुंच के चलते पूर्वी चंपारण में चकिया थाना क्षेत्र से ले कर बिहार की राजधानी पटना तक में तूती बोलती थी.

उस की मौत की खबर तेजी से फैल गई. अस्पताल से पुलिस को खबर मिल गई. जबकि ड्राइवर ने सब से पहले उन की पत्नी को शूटरों के हमले और उन की मौत की खबर दी.

थाने से खबर निकलती हुई एक घंटे के भीतर ही सोशल मीडिया, इलैक्ट्रौनिक मीडिया की सुर्खियां बन गईं. पूरे चंपारण में एक घंटे के भीतर यह खबर फैल गई. उस के साथ ठेकेदार जयप्रकाश साह और राजद नेत्री निराली ठाकुर उर्फ पल्लवी की आशिकी और प्रेम संबंध के किस्से सुनेसुनाए जाने लगे.

पत्नी ने लिखाई नामजद रिपोर्ट

पत्नी श्वेता देवी पति की मौत पर दहाड़ें मार कर रो रही थीं. पुलिस ने उन्हें ढांढस बंधाते हुए हत्यारों को सजा दिलवाने का आश्वासन दिया. घटना की रात ही श्वेता देवी ने अवनीश कुमार सिंह, निराली ठाकुर उर्फ पल्लवी, पति के प्रतिद्वंद्वी ठेकेदार राजीव सिंह, सुभाष सिंह, मणि सिंह और बाबू खान के खिलाफ चकिया थाने में प्राथमिकी दर्ज करवा दी.

प्राथमिकी में श्वेता ने उन पर सीधेसीधे हत्याकांड में साजिश रचने का आरोप लगाते हुए इस के पीछे की कई वजहों का भी जिक्र किया.

दर्ज शिकायत के अनुसार ठेकेदार राजीव सिंह का चकिया टोल प्लाजा से पूरब एक हौट मिक्स प्लांट है. जयप्रकाश साह और राजीव सिंह ग्रामीण कार्य विभाग में ठेकेदारी करते थे. दोनों प्रतिद्वंद्वी थे. राजीव सिंह को लगता था कि जयप्रकाश साह उस के दुश्मनों से मिल कर टेंडर मैनेज कर लेता है.

एक घटना के अनुसार छतौनी के मठिया जिरात निवासी मणि सिंह और सुभाष सिंह ने 2 साल पहले जयप्रकाश साह के लिए साढ़े 5 करोड़ के ठेके का टेंडर मैनेज करवाया था. कमीशन के तौर पर उन्होंने साढ़े 5 लाख रुपए की मांग की थी. जयप्रकाश साह डेढ़ लाख रुपए दे चुका था. बाकी के पैसे के लिए उसे उन से धमकी मिल रही थी.

एक अन्य मामले में शहर में 7 कट्ठा जमीन पर कब्जे को ले कर बाबू खान से जयप्रकाश साह की दुश्मनी थी. बाबू खान ने इस मामले में राजीव सिंह, सुभाष सिंह और मणि सिंह के साथ मिल कर काम किया था. इसी मामले में अवनीश कुमार सिंह और उस की पत्नी निराली ठाकुर का नाम भी शामिल था. वह पूर्वी चंपारण के बरियारपुर में रहती थी.

रिपोर्ट के अनुसार अवनीश सिंह को अपनी पत्नी निराली ठाकुर के साथ जयप्रकाश साह के प्रेम संबंध होने का संदेह था.

दरअसल, निराली ठाकुर अपने पहले दिवंगत पति के ससुराल सरोत्तर की जमीन बेचने के सिलसिले में जयप्रकाश साह से कई बार मिल चुकी थी. उस के घर भी जाना हुआ था.

श्वेता देवी ने बताया कि अंतिम सांस लेने से पहले जयप्रकाश ने ड्राइवर राधेश्याम से घटना के दिन के ट्रैवलिंग प्रोग्राम को निराली और अवनीश द्वारा लीक करने की बात बताई थी. उन के द्वारा ही इस की जानकारी साजिशकर्ताओं को दी गई थी.

इसी शिकायत को ध्यान में रखते हुए चकिया और सदर डीएसपी ने मिल कर एक  संयुक्त जांच टीम बनाई. टीम की सक्रियता से सभी आरोपियों की घटना के अगले रोज ही गिरफ्तारी हो गई.

उन से गहन पूछताछ के आधार पर जांच टीम ने 48 घंटे में ही हत्याकांड का खुलासा कर दिया. जांच में पुलिस ने पाया कि पूरे मामले की जड़ में जयप्रकाश के प्रतिद्वंद्वी ठेकेदारों से अदावत के अलावा निराली के साथ आशिकी और अवैध संबंध भी हैं.

अपने तीसरे पति अवनीश सिंह के साथ दांपत्य जीवन गुजारने वाली निराली ठाकुर संदिग्ध चरित्र वाली समझी जाती रही है. पुलिस के अनुसार मृतक ठेकेदार जयप्रकाश साह के साथ उस के अवैध संबंध थे, जिस का अवनीश सिंह विरोध करता था.

पुलिस का कहना है कि जयप्रकाश के विरोधियों ने इसी का फायदा उठाया और उस की हत्या करवा दी. इस हत्याकांड में निराली और उस के पति का हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता है.

निराली ठाकुर की एक और पहचान राष्ट्रीय जनता दल के सक्रिय सदस्य की भी है. उस ने हाल में ही विधान परिषद चुनाव के वक्त तेजस्वी यादव के सामने राजद की सदस्यता ली थी. उस के बाद से वह विधानसभा 2025 की तैयारी में जुट गई थी, जिस में जयप्रकाश से भी टिकट दिलवाने में मदद की उम्मीद लगाए हुए थी.

निराली ने अपनी राजनीतिक पहचान को मजबूत करने के लिए फेसबुक पर तेजस्वी यादव के साथ अपनी तसवीर लगा ली थी. उस के बाद से वह काफी चर्चा में आ गई  थी. इस कारण भी वह हत्याकांड में संदिग्ध मानी गई.

वैसे उस का पति अवनीश सिंह भी आपराधिक पृष्ठभूमि का माना जाता है. निराली ठाकुर के जयप्रकाश साह के जीवन में आने और फिर उस की हत्या तक की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है.

भोजपुरी फिल्मों में काम कर चुकी थी निराली ठाकुर

निराली का ठेकेदार जयप्रकाश साह से पहली बार जमीन बेचने के सिलसिले में संपर्क हुआ था. कभी भोजपुरी फिल्म में काम कर चुकी निराली ठाकुर अपना काम निकलवाने के लिए अकसर राजनीतिज्ञ और नौकरशाहों के संपर्क में रहती थी.

वैसे लोगों के साथ वह काफी खुले मनमिजाज की थी. किसी के साथ तुरंत घुलमिल जाना उस के स्वभाव में शामिल था. वैसे उस का व्यक्तिगत जीवन अस्थिरता से भरा हुआ था. उस ने 3 शादियां की थीं.

पहली शादी ठेकेदार जयप्रकाश साह के गांव सरोत्तर में हुई थी. कुछ समय बाद ही पहले पति की मृत्यु हो गई थी, उस के बाद दूसरी शादी अरेराज में हुई. दूसरे पति को निराली का बातव्यवहार और चालचलन पसंद नहीं था. नतीजतन उस ने रिश्ता तोड़ लिया था. उस के बाद निराली की तीसरी चिरैया थाना क्षेत्र के खड़तरी के रहने वाले अवनीश कुमार सिंह के साथ हुई थी. अवनीश सिंह से उस के 2 बच्चे हैं.

फेसबुक पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ वाली तसवीर साझा करने पर उस के प्रशंसकों ने जयप्रकाश साह के साथ संबंध को ले कर भी सवाल खड़े कर दिए थे. उन के मुताबिक जयप्रकाश निराली ठाकुर का आशिक था, उस के साथ काठमांडू टूर पर भी जा चुका था. उसी की बदौलत ही निराली ठाकुर एमएलए बनने का सपना देखने लगी थी.

इस से पहले जयप्रकाश ने निराली को उस की ससुराल (सरोत्तर) की जमीन बेचने में काफी मदद की थी. उस के बाद से पूर्वी चंपारण में जयप्रकाश साह और निराली ठाकुर  एकदूसरे के करीब आ गए थे.

निराली ठाकुर पति अवनीश सिंह की नाराजगी की परवाह किए बगैर जयप्रकाश साह के साथ निकल पड़ती थी. अवनीश सिंह जब विरोध करता तब दोनों मिल कर उसे धमकाते थे.

निराली भले ही अपने तीसरे पति और 2 बच्चों के साथ रहती हो, लेकिन उस के करीबियों की मानें तो जयप्रकाश साह उसे अपनी प्रौपर्टी समझता था. इस में निराली की भी सहमति थी. राजद की सदस्यता दिलाने में भी जयप्रकाश की भूमिका बताई जाती है. पूर्वी चंपारण के बरियारपुर में डीएवी मोड़ के पास निराली ठाकुर की किराना दुकान है. वहां जयप्रकाश साह की गाड़ी अकसर रुकती थी.

यूं निशाने पर आया ठेकेदार जयप्रकाश

पुलिस की जांच के अनुसार जयप्रकाश के साजिशकर्ताओं के निशाने पर आने के पीछे निराली और उस के पति अवनीश की भूमिका महत्त्वपूर्ण थी. हालांकि साजिश 13 मई को ही भागलपुर सेंट्रल जेल और मुजफ्फरपुर में रची गई थी.

भागलपुर जेल में बंद एक कैदी को बीते 13 मई को मोतिहारी कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था. पेशी के बाद लौटते समय वह मुजफ्फरपुर में ठहरा था. उसी दिन मुजफ्फरपुर से जयप्रकाश साह को धमकी मिली थी. इस आधार पर पुलिस टीम ने अनुमान लगाया कि मुजफ्फरपुर के ही शूटरों ने जयप्रकाश को गोली मारी होगी.

बिहार में ठेकेदारी में वर्चस्व को ले कर होने वाला विवाद कोई नई बात नहीं है. इस से जयप्रकाश भी अछूता नहीं था. वह एक गिरोह के रास्ते का रोड़ा बना हुआ था.

एक समय में जयप्रकाश साह खुद जेल में बंद रह कर एक गिरोह के लिए ठेकेदारी का टेंडर मैनेज किया करता था. उस की यही भूमिका उस के प्रतिद्वंद्वी गिरोह के अपराधियों को नागवार गुजरी थी. इस तरह जयप्रकाश के विरोधियों की संख्या बढ़ गई थी.

जबकि सच्चाई यह भी थी कि जयप्रकाश इन सब से बेखबर रहता था. यही उस की भूल बन गई थी. घटना के दिन वह पूर्वी चंपारण से राजधानी पटना के लिए रवाना हुआ था. मोतिहारी के मुहाने पर बरियारपुर में निराली ठाकुर की किराना की दुकान पर जयप्रकाश साह की गाड़ी रुकी थी.

दुकान पर उस वक्त निराली का पति अवनीश सिंह था. उस ने जयप्रकाश को लस्सी पिलाई. बातोंबातों में जयप्रकाश ने बता दिया कि वह पटना जा रहा है और रास्ते में चकिया स्थित अपने हौट मिक्स प्लांट पर भी जाएगा.

पूर्वी चंपारण के डुमरिया घाट थाना क्षेत्र के सरोत्तर गांव के मूल निवासी जयप्रकाश साह की जब हैसियत बढ़ी तब मोतिहारी में छतौनी थाना क्षेत्र के छोटा बरियारपुर में रहने लगा था. मोतिहारी से निकलते समय वहां लौटते समय निराली ठाकुर को एक नजर देखे बिना उसे चैन नहीं मिलता था.

घटना वाले दिन जब निराली ठाकुर नजर नहीं आई, तब उस ने दुकान से निकलने के बाद उसे वाट्सऐप काल किया. दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत होती रही. उन की बातचीत इतनी लंबी थी कि वह इस बीच मोतिहारी से चकिया हौट मिक्स प्लांट तक पहुंच गया.

जब मोतिहारी से निकलते वक्त जयप्रकाश साह बरियारपुर में अवनीश सिंह की दुकान पर रुका था, तब उस वक्त निराली ठाकुर का नहीं होना भी संदेह की स्थिति पैदा कर रहा था.

इस मामले में अवनीश सिंह और शूटरों से भी ज्यादा कुसूरवार निराली ठाकुर बन गई है, लेकिन सीसीटीवी फुटेज और काल डिटेल्स से कई राज खुलने बाकी हैं, जिस से हत्यारे तक पहुंचा जा सकता है.

साथ ही यह कयास भी लगाए जा रहे हैं कि अवनीश सिंह ने अपनी जान पर मंडरा रहे खतरे की वजह से जयप्रकाश साह को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया है.

एसपी ने बताया कि पत्नी के अवैध संबंध से नाराज अवनीश ने जयप्रकाश के व्यवसायिक विरोधियों से संपर्क किया और उन लोगों ने अवनीश को आर्थिक व अन्य सहयोग दिया. अवनीश और उस की पत्नी ने शूटरों को जयप्रकाश साह के बारे में जानकारी दी थी.

यह अलग बात है कि जयप्रकाश साह हत्याकांड के मात्र 16 दिनों के बाद ही पहली जून को शूटर सोनू सिंह की हत्या हो गई. उस की हत्या पूर्वी चंपारण जिले के शिकारगंज थाना क्षेत्र के रूपहरि गांव में हुई.

अवनीश भी कम दोषी नहीं

जयप्रकाश हत्याकांड के आरोपियों में अवनीश सिंह पहले प्रौपर्टी डीलर मंटू शर्मा की गाड़ी चलाता था. करीब 6 साल पहले 2016 में मंटू शर्मा की हत्या हो गई थी. तब अवनीश सिंह पर भी लाइनर का आरोप लगा था और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

जेल से बाहर निकलने पर उस ने निराली ठाकुर से शादी की थी, जबकि निराली  जयप्रकाश साह के संपर्क में थी. तभी से उन के बीच अवैध संबंध की चर्चा होती थी.

शादी के बाद इस संबंध को खत्म करने की अवनीश ने काफी कोशिश की और दोनों पर दबाव भी बनाया. किंतु जब उस की जान पर ही खतरा मंडराने लगा, तब वह शांत हो गया.

डुमरिया घाट थाना क्षेत्र की पश्चिमी सरोत्तर गांव के लोग सिर्फ यह जानते थे कि निराली ठाकुर की पहली शादी इसी गांव में हुई थी. पहले पति से निराली ने एक बेटी को जन्म दिया था. पति की मौत के बाद वह घर छोड़ कर चली गई थी.

बूढ़े सासससुर पर दबाव बनाने के लिए निराली ने उन पर प्रताड़ना का केस कर दिया था और पति के हिस्से की जमीन बेचने के लिए गुंडों की मदद ले ली थी.

सरोत्तर के लोग बताते हैं कि यह उन के लिए शर्मनाक बात है. वे अब इस की चर्चा तक करना नहीं चाहते हैं. ग्रामीण सिर्फ इतना बताते हैं कि पति के हिस्से की जमीन बेचने में निराली ने उसी गांव के प्रौपर्टी डीलर जयप्रकाश साह की मदद ली थी. उस के बाद निराली ठाकुर ने ससुराल से नाता तोड़ लिया था.

जहां तक जयप्रकाश साह हत्याकांड के मुख्य हत्यारे को पकड़ने का सवाल है, तो वह कथा लिखे जाने तक संभव नहीं हो पाया था. पुलिस ने अवनीश सिंह और निराली ठाकुर उर्फ पल्लवी के साथ 4 ठेकेदारों को हत्याकांड में आरोपी बना कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

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