कुछ समय पहले की बात है सुबह का वक्त था. समय करीब 6 बजे का रहा होगा. पुणे में संचेती फ्लाईओवर सीओईपी की ओर से पुणे विश्वविद्यालय की ओर जाता है. मैं उसी मार्ग पर अपनी स्कूटी से जा रही थी. एक मोड़ पर मु?ो मुड़ना था. वहां तेल बिखरा पड़ा था. मैं उसे नहीं देख सकी. मेरी स्कूटी फिसल गई. मेरे दाएं हाथ और पैर मैं फ्रैक्चर हो गया. हालांकि मैं बेहद धीमी गति से वाहन चलाने वाली महिला हूं. वाहन चलाते समय बेहद सचेत भी रहती हूं. बावजूद इस के, हादसा हो गया. एक तरफ सड़क पर लाइटों की चौंध, दूसरी तरफ सड़क पर बनी सफेद रंग की पट्टियां. उन्होंने ही मेरा संतुलन बिगाड़ दिया.

एक सवाल है कि इस का जिम्मेदार कौन है? क्या प्रशासन, पुलिस या फिर वह वाहन चालक जो सड़क पर तेल बिखरा कर चला गया. इस के लिए आखिर जिम्मेदार कौन है? इस से पहले भी एक बार मेरी स्कूटी फिसल गई थी. मैं अपनी सही दिशा व गति से चल रही थी, तभी अचानक देखा कि सामने से एक बाइक चालक विपरीत दिशा से तेजी से चला आ रहा है. वह जल्दी में था. उसे बचाने के चक्कर में मेरे पैर में हेयर लाइन फ्रैक्चर हो गया, जबकि बाइक चालक को कोई चोट नहीं लगी.

इन दुर्घटनाओं में जानमाल का नुकसान तो होता ही है, मगर क्या कभी किसी ने यह सोचा है कि ऐसी सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में हमारी भूमिका क्या है? खस्ताहाल सड़कें दुरुस्त नहीं की जाएंगी. आखिर इन सब से पीडि़त कौन होगा? हमेशा आदमी ही दुर्घटना का शिकार होता है.

सड़क दुर्घटनाओं में लोग अपंग हो जाते हैं. उन का जीवन दुश्वार हो जाता है. नौकरी छूट जाती है. शिक्षा छूट जाती है. सड़क हादसों से बचने के लिए जरूरी है कि सुरक्षा नियमों को जाना जाए, उन का पालन किया जाए. आज तेज रफ्तार और बेतरतीब तरीकों से वाहनों को सड़क पर दौड़ाना लोग जन्मसिद्ध अधिकार सम?ाते हैं.

गलत तरीके से आगे निकलने की कोशिश गलत है. लोग मान बैठे हैं कि सुरक्षा की जिम्मेदारी तो सरकार व प्रशासन की है. जबकि, ऐसा नहीं है. सरकार व प्रशासन के साथसाथ यह जिम्मेदारी हमारी भी है. हमें भी आगे आना होगा. साथ ही, प्रशासन की भी यह जिम्मेदारी है कि वह सड़कों पर जगहजगह पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए. निगमों को चाहिए कि जिम्मेदार लोगों को जिम्मेदारी सौंपी जाए. सड़क निर्माण सामग्री को किनारे व्यवस्थित किया जाए. सड़क निर्माण हो जाने के बाद सामग्री हटाई नहीं जाती. लाइसैंस जारी करने से पहले ड्राइविंग टैस्ट होना चाहिए.

हमारी जिम्मेदारी धीमी गति से वाहन चलाएं. सतर्क रहें और सचेत रहें.

अपने गंतव्य पर पहुंचने के लिए समय निर्धारण सही तरीके से करें.

किसी तरह के नशे का सेवन कर के वाहन न चलाएं.

अभिभावक अपने किशोरवय बच्चों को वाहन न दें.

अपने वाहनों की फिटनैस नियमित चैक करते रहें.

अपनी ही दिशा में वाहन चलाएं, विपरीत दिशा घातक हो सकती है.

सिग्नल तोड़ने की कोशिश कतई न करें.

सड़क किनारे बैठे भिखारियों को नसीहत दें कि वाहनों के आगे न आएं.

दूसरे वाहनों से उचित दूरी बना कर ही वाहन चलाएं.

मोबाइल फोन का चलते वाहन पर प्रयोग न करें.

अंधेरे में वाहन और भी अधिक सजग हो कर चलाएं.

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