एक समय था जब हार्दिक पटेल का मतलब था – भाजपा का विरोध, गुजरात में नरेंद्र दामोदरदास मोदी के खिलाफ खड़ा एक विद्रोही युवा. जो आग उगलते हुए यह संदेश दे रहा था कि आने वाला समय बदलाव का है. मोदी मुक्त भारत का है.
मगर अब अचानक ऐसा क्या हो गया है कि हार्दिक पटेल को कांग्रेस छोड़कर उसी भाजपा की गोद में बैठना सुखद महसूस हुआ है, जो उसे राजद्रोही करार कर चुकी थी और मुकदमा चल रहा था.
वस्तुतः देश में अब एक नई राजनीति की परीपाटी शुरू हुई है जिसकी जनक आज की भाजपा है जिसमें भारतीय जनता पार्टी को सत्ता में बनाए रखने के लिए येन केन प्रकारेण विपक्ष के और देश के महत्वपूर्ण बड़े नेताओं को किसी भी तरीके से पार्टी में शामिल कर लेना एक कूटनीति के तहत जारी है.
यही कारण है कि कांग्रेस धीरे-धीरे कमजोर होती चली जा रही है अन्य पार्टियों को भी भाजपा इसी तरह सेंध लगाकर छोटा कर रही है लंबी लकीर खींचती जा रही है और सत्ता का ताज पहने हुए हैं.
गुजरात के परिदृश्य में देखें तो यह समझ सकते हैं कि इस तरह भाजपा और उसके बड़े नेताओं ने एक चक्रव्यूह बुनकर हार्दिक पटेल को भाजपा में लाया गया है. आगामी समय में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं और यहां किसी भी तरीके से विपक्ष को कमजोर कर के खत्म करके सत्ता सिंहासन संभालना ही मकसद है .
हार्दिक पटेल की राजनीतिक बलि!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पाटीदार आरक्षण आंदोलन के चर्चित नेता रहे हार्दिक पटेल विधिवत सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए हैं और एक तरफ से अब उनकी राजनीतिक बलि चढ़ गई है. भाजपा में प्रवेश का मतलब यह है कि अब राजनीतिक रूप से उनका जनाधार धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा जनता का जो समर्थन और प्यार हार्दिक पटेल को मिला था वह अब खत्म हो जाएगा और सांप छछूंदर की गति जैसा हार्दिक पटेल का राजनीतिक भविष्य एक तरह से खत्म कर दिया जाएगा .
हार्दिक पटेल भाजपा के प्रदेश मुख्यालय राजधानी गांधीनगर के निकट कोबा स्थित श्रीकमलम में आधिकारिक रूप से दल में शामिल हो गए. वह भाजपा की ओर से विजय मुहर्त माने जाने वाले समय दोपहर 12 बज कर 39 मिनट पर पार्टी में शामिल हुए.इधर कांग्रेस की महिला नेता श्वेता ब्रह्मभट्ट ने भी केसरिया बाना धारण किया है. कभी भाजपा के कट्टर विरोधी रहे हार्दिक ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी के शान में कसीदे पढ़े. उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर कड़ा प्रहार किया.भाजपा में शामिल होने से पहले उन्होंने कोबा से श्रीकमलम तक एक रोड शो भी किया.इससे पूर्व हार्दिक ने अपने कांग्रेस छोड़ भाजपा केसरिया अंग वस्त्र रख कर उन्हें विधिवत भाजपा में हुए शामिल, अपने संदेश में उन्होंने कहा राष्ट्रहित, प्रदेशहित, जनहित एवं समाज हित की भावनाओं के साथ आज से नए अध्याय का प्रारंभ करने जा रहा हूँ. भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी के नेतृत्व में चल रहे राष्ट्र सेवा के भगीरथ कार्य में छोटा सा सिपाही बनकर काम करूंगा.
उधर पूर्व में हार्दिक को कट्टर विरोधी मानने वाली भाजपा ने भी हृदय परिवर्तन कर अपने पोस्टरों में युवा देशप्रेमी नेता बता गुणगान किया. मजे की बात यह है कि गुजरात सरकार के निर्देश पर ही पूर्व में हार्दिक के विरुद्ध राजद्रोह का मुकदमा चला था. भाजपा में शामिल होने से पहले हार्दिक ने अपने घर और एसजीवीपी मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया . उन्होंने गत 18 मई को कांग्रेस के शीर्ष और प्रदेश नेतृत्व पर तीखा प्रहार करते हुए दल को प्राथमिक सदयस्ता से इस्तीफा दे दिया था. मालूम हो कि वर्ष 2015 के पाटीदार आरक्षण आंदोलन से चर्चा में आए 28 वर्षीय हार्दिक ने पिछले लोकसभा चुनाव से पहले मार्च 2019 में विधिवत कांग्रेस का दामन थामा था.
इस नए राजनीतिक घटनाक्रम के बाद गुजरात में एक तरफ से भाजपा ने अपनी बढ़त बना ली है कांग्रेस पीछे पीछे दौड़ रही है. देशका भविष्य क्या होगा यह भविष्य के गर्भ में समाया हुआ है.