Adipurush : अभिनेता प्रभास की गिनती महंगे अभिनेताओं में होती है. हाल ही में रिलीज फिल्म ‘आदिपुरुष’ का विरोध हो रहा है. चाहे भारतीय जनता पार्टी हो अथवा अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी या फिर कांग्रेस सभी ने अपनेअपने तरीके से इस फिल्म का विरोध किया है. ऐसा प्रतीत होता है मानो सभी नेता आज राम और हनुमान का स्वयं को सब से बड़ा अनुयाई और भक्त दिखाना चाहता है.

गौरतलब है कि केंद्र में भाजपा की सरकार है. इस के बावजूद फिल्म सैंसर बोर्ड से ‘आदिपुरुष’ को अनुमति मिल गई है तो फिर भाजपा का विरोध दर्ज कराना अपनेआप में कई सवाल खड़े करता है. भाजपा लंबे समय से स्वयं को देश के हर धार्मिक मसले पर प्रवक्ता मानती रही है अब जब भाजपा की ही केंद में सरकार है और कथित रूप से बजरंगबली की अवमानना फिल्म ‘आदिपुरुष’ में हो रही है तो फिर दोषी कौन है? इस सब के बाद जिस तरह भारत और नेपाल में ‘आदिपुरुष’ के कुल 5 डायलौग्स का विरोध हो रहा है, फिल्म के निर्मातानिर्देशक और लेखक ने इन्हें परिवर्तन करने का आश्वासन दे दिया है. नेपाल में तो ‘आदिपुरुष’ के बरक्स हिंदी की सारी फिल्मों को सोमवार 19 जून, 2023 से नहीं दिखाने का ऐलान कर दिया गया है. नेपाल को आपत्ति है सिर्फ 1 डायलौग से. इस में कहा गया है,”जानकी भारत की बेटी है…”

अब फिल्म निर्मातानिर्देशक इस डायलौग को भी बदलने जा रहे हैं. दरअसल, विरोध करने वाले सिर्फ नाम के लिए विरोध कर रहे हैं या फिर अपनी अधकचरी बुद्धि को प्रदर्शित कर रहे हैं. मगर सचाई यही है कि राम कथा के सैकड़ों संस्करण हैं और सब में भिन्नता है. कहा भी जाता है कि वाल्मीकि के राम अलग और तुलसीदास के बिलकुल अलग, गांधी के राम अलग तो कबीरदास के बिलकुल अलग. इसी तरह भारतीय जनता पार्टी के राम अलग हैं तो कांग्रेस के राम अलग. सभी में विविधता है. ऐसे में ‘आदिपुरुष’ कोई राम की अधिकृत कहानी नहीं  कहती, बल्कि यह सिर्फ एक फैंटेसी मात्र है जिस का मकसद मनोरंजन है.

भूपेश बघेल भी मैदान में

इस सब के बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में ‘आदिपुरूष’ फिल्म को बैन करने के संकेत दिए हैं. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि आदिपुरुष के बजरंगबली से बजरंगदल की भाषा बुलवाई गई है.

इस तरह भूपेश बघेल ने एक बड़ी बात कही है जिस के पीछे की मंशा यह है कि भारतीय जनता पार्टी का सूचना प्रसारण मंत्रालय ने जानबूझ कर के इस फिल्म को रिलीज होने दिया है और देशसमाज के माहौल को विषाक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फिल्म ‘आदिपुरुष’ के रिलीज होने के बाद आरोप लगाया,”फिल्म ‘आदिपुरुष’ में  राम और हनुमान की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है. अगर लोग मांग करते हैं तो कांग्रेस सरकार राज्य में इसे बैन करने पर विचार कर सकती है. उन्होंने आरोप लगाया कि फिल्म के डायलौग आपत्तिजनक और अशोभनीय हैं.

डायलौग्स पर विवाद : गलती किस की

फिल्म में राम को बाहुबली मोड में दिखाया गया है, जो हर वक्त क्रोध में रहते हैं. सोने की लंका का रंग काला है. रावण का पुष्पक विमान चमगादड़ से रिप्लैस किया गया है.

  • “तेरी बुआ का बगीचा है क्या जो हवा खाने चला आया है” जैसे डायलौग्स हैं. और तो और इस फिल्म में हनुमान के डायलौग्स टिकटोकर्स को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. मसलन :
  • बोल आया हूं लंका में कि हमारी बहन को उठाने वाले की हम लंका लगा देंगे…
  • कपड़ा तेरे बाप का, तेल तेरे बाप का, जलेगी भी तेरे बाप की…

भाजपा : अब विरोध क्यों

एक तरफ भाजपा फिल्म को रिलीज कराती है, तो दूसरी तरफ विरोध भी करती है यानी चित भी मेरी पट भी मेरी. भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई ने ‘आदिपुरुष’ के विवादित दृश्यों और संवादों की फिर से समीक्षा किए जाने तक फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की है.

यही नहीं, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और शिवसेना (यूबीटी) सहित अन्य दलों ने भी फिल्मकार ओम राउत की फिल्म में हनुमान की प्रस्तुति से लोगों की भावनाएं कथित तौर पर आहत करने को ले कर आलोचना की है. भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर से अनुरोध किया है कि फिल्म के विवादित दृश्यों और संवादों की दोबारा समीक्षा की जानी चाहिए.

उन्होंने ट्विट करते हुए कहा,”फिल्म ‘आदिपुरुष’ का हर ओर विरोध हो रहा है. फिल्म प्रमाणन बोर्ड इस फिल्म का सैंसर सर्टिफिकेट अस्थायी रूप से निलंबित करे.”

बताते चलें कि आम आदमी पार्टी ने भी फिल्म की आलोचना की है और कहा है कि भाजपा ऐसी फिल्म का समर्थन कर रही है जिस में राम, सीता और हनुमान का अपमान किया गया है. राज्यसभा सदस्य और आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने कुछ संवाद पढ़े और उन्हें राम, सीता और हनुमान के साथसाथ हिंदू धर्म का अपमान करार दिया.

उन्होंने कहा, “फिल्म के डायलौग घटिया हैं. ऐसे घटिया डायलौग से हिंदू धर्म की भावनाओं को आहत करने का काम किया गया है. एक सीन कल्पना के आधार पर है कि सीता को छुरी मार दी जाती है. कल्पना के आधार पर क्या कुछ भी दिखा सकते हो. कल्पना के आधार पर रामचरितमानस के आधार को बदल दोगे…”

बीजेपी नेताओं पर निशाना साधते हुए आप सांसद ने आगे कहा, “फिल्म पुष्कर धामी, नरोत्तम मिश्रा, सीएम योगी, शिवराज चौहान, एकनाथ शिंदे, मनोहर लाल खट्टर के आशीर्वाद से बनी है. ये लोग न राम के हैं, न आम के.

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