19 साल पुराने आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला को दोषी ठहरा दिया है और उन्हें 4 साल की सजा सुनाई है. शशिकला से जुड़े इस मामले पर फैसला आ चुका है, इसका असर राज्य की राजनीति और पार्टी के भविष्य पर पड़ना तय है. कयास लगाए जा रहे हैं कि शशिकला पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य में पिछले कुछ दिनों से जारी राजनीतिक उठापटक काफी हद तक शांत हो जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उन्हें तुरंत अदालत  जाकर सरेंडर करना होगा. अब उनके  पास सिर्फ पुर्नविचार याचिका दायर करने का विकल्प है लेकिन उसमें भी समय लगेगा. अब शशिकला 10 साल तक सीएम नहीं बन पाएंगी और 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगी. आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला को चार साल की सजा सुनाई है. अब शशिकला को जेल जाना होगा. अब शशिकला के पास सरेंडर करने के अलावा कोई चारा नहीं है. अब शशिकला मुख्यमंत्री भी नहीं बन पाएंगी.

शशिकला के खिलाफ केस क्या है?

ये मामला करीब 21 साल पुराना साल 1996 का है, जब जयललिता के खिलाफ आय से 66 करोड़ रुपये की ज्यादा की संपत्ति का केस दर्ज हुआ था. इस केस में जयललिता के साथ शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को भी आरोपी बनाया गया था. शशिकला के खिलाफ ये केस निचली अदालतों से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है.

सुप्रीम कोर्ट से पहले इस केस में क्या क्या फैसले आए थे

27 सितंबर 2014 को बेंगलूरु की विशेष अदालत ने जयललिता को 4 साल की सजा सुनाई थी. इसके अलावा जयललिता पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था. इस केस में ही शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को भी चार साल की सजा सुनाई गई थी और 10-10 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया था. फैसले के बाद चारों को जेल भी भेजा गया था. जिसके बाद विशेष अदालत के बाद मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा था.

11 मई 2015 को हाईकोर्ट ने कर दिया था बरी

11 मई 2015 को हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में चारों को बरी कर दिया था. हाईकोर्ट से जयललिता और शशिकला को बड़ी राहत तो मिली थी, लेकिन इसके बाद कर्नाटक की सरकार जयललिता की विरोधी पार्टी डीएमके और बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने चुनौती दे दी. कर्नाटक सरकार इस मामले में इसलिए पड़ी, क्योंकि 2002 में सुप्रीम कोर्ट ने केस को कर्नाटक हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था.

वीडियो शॉप चलाती थीं शशिकला

शशिकला का जन्म तंजौर जिले के मनारगुड़ी में हुआ था. शशिकला ने स्कूल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी. शशिकला की शादी तमिलनाडु सरकार में पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर रहे नटराजन से हुई. फिल्मों की शौकीन शशिकला पैसे कमाने के लिए एक वीडियो शॉप चलाया करतीं थीं. इतना ही नहीं वह आसपास के इलाकों में होने वाली शादियों की वीडियो रिकॉर्डिंग भी किया करती थीं.

पति ने करवाई शशिकला-जया की मुलाकात

शशिकला के पति नटराजन कडलोर जिले की कलेक्टर वीएस चंद्रलेखा के साथ काम करते थे. चंद्रलेखा तमिलनाडु के तत्कालीन सीएम एम. जी रामचंद्रन (एमजीआर) की करीबी थीं. एमजीआर फिल्म में अपनी को-स्टार जयललिता के भी करीबी थे. भीड़ को अपनी तरफ आकर्षित करने की जया की कला से एमजीआर बेहद प्रभावित थे. इसलिए उन्होंने अपनी पार्टी AIADMK में जया को जगह दी. कलेक्टर चंद्रलेखा ने नटराजन के कहने पर एमजीआर से शशिकला और जयललिता को मिलवाने का आग्रह किया. वहीं से दोनों की दोस्ती की शुरुआत मानी जाती है.

तीन दशकों से रहते थे साथ

दोनों की दोस्ती इतनी पक्की हो गई कि साल 1988 से शशिकला जयललिता के घर पर साथ ही रहने लगीं. शशिकला के साथ उनका परिवार भी जया के घर पर ही शिफ्ट हो गया. इसके बाद शशिकला ही तय करतीं थीं कि कौन जया से मिलेगा. पार्टी से जुड़े बड़े फैसलों में शशिकला की भूमिका होती थी. इतना ही नहीं कई लोगों को पार्टी से निकालना और नियुक्त करना भी शशिकला का काम था.

दोस्ती में दो बार आई दरार

जया और शशिकला की दोस्ती में पहली बार साल 1996 में दरार आई थी, जब AIADMK को चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था. जयललिता ने इसके लिए शशिकला के परिवारवालों की बिगड़ी छवि को जिम्मेदार बताया था. उसके बाद साल 2012 में जया ने शशिकला को पार्टी से बाहर कर दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शशिकला के परिवारवाले उन्हें तमिलनाडु की सीएम बनाने की योजना बना रहे थे. नाराज जया ने शशिकला के परिवारवालों को अपने घर से बाहर तक कर दिया था. हालांकि बाद में शशिकला ने माफी मांगी और उन्हें पार्टी में दोबारा जगह मिली.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...