पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र आजकल ममता बनर्जी काफी सक्रीय हैं. केंद्र की भाजपा सरकार को घेरने का वो कोई मौक़ा चूकना नहीं चाहतीं. देश में पेट्रोल-डीज़ल की आसमान छूती कीमतों को लेकर ममता ने विरोध का अनूठा तरीका निकाला. कार की सवारी छोड़कर मुख्यमंत्री स्कूटर से दफ्तर पहुंची. उनका स्कूटर मंत्री फिरहाद हकीम चला रहे थे, जबकि मुख्यमंत्री उनके पीछे बैठी थीं. ये साधारण स्कूटर नहीं बल्कि बैटरी से चलने वाला ग्रीन स्कूटर था. इस दौरान हेलमेट पहनीं ममता बनर्जी मुंह पर मास्क लगाए हुए थीं और उन्होंने गले में एक पट्टा लटका रखा था, जिस पर अंग्रेजी में लिखा था, “आपके मुंह में क्या है, पेट्रोल की कीमत बढ़ाना, डीजल की कीमत बढ़ाना और गैस की कीमत बढ़ाना”.

बंगाल की मुख्यमंत्री के स्कूटर पर दफ्तर जाने का पूरा कार्यक्रम सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारित किया गया. उल्लेखनीय है कि चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल में इस महीने पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर को पार कर गया है.

कुछ दिन पहले बिहार में किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विरोध प्रदर्शन का अनोखा तरीका निकाला था. तेजस्वी यादव  ट्रैक्टर चलाकर विधानसभा पहुंचे थे. उनके साथ कुछ लोग ट्रैक्टर पर सवार थे. इस दौरान तेजस्वी ने कहा था कि सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही है. ये सरकार का तानाशाही रवैया है. सरकार किसान विरोधी काम कर रही है. ईंधन की कीमत बढ़ाना भी किसानों पर हमला है. पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ रहे हैं. आम जनता परेशान है लेकिन सरकार चुप बैठी है.

पेट्रोल डीज़ल के दाम में लगातार वृद्धि से आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीँ ट्रांसपोर्ट की कमी से सब्ज़ियों में आग लगी हुए है. इसका सीधा असर घर की रसोई पर पड़ रहा है. ट्रक चालक कहते हैं इतना मंहगा डीज़ल है इसलिए माल ढुलाई कम कर रहे हैं. डीजल के दाम में कमी नहीं आयी तो महंगाई की मार पड़ सकती है. डीजल के दाम में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी के चलते ट्रांसपोर्टरों ने कुछ सेक्टरों में मालभाड़े में 20 फीसदी तक बढ़ोत्तरी कर दी है. ट्रांसपोर्टरों के अनुसार अभी इंफ्रा सेक्टर, माइनिंग और कच्चे माल समेत कुछ सेक्टरों की मालभाड़े में बढ़ोत्तरी की गई है. अगर सरकार ने डीजल के दाम कम नहीं किए तो सभी सेक्टरों में मालभाड़ें में बढ़ोत्तरी की जाएगी. इससे दैनिक इस्तेमाल की चीजों और खाद्य वस्तुओं के दाम आसमान छूने लगेंगे. खाद्य वस्तुएं महंगी होंगी, तो आम आदमी के किचन का बजट प्रभावित होगा. दूसरे खरीदारी कम होने से जीडीपी ग्रोथ पर भी इसका सीधा असर होगा.

तेल की बढ़ती कीमतों पर विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तो बाकायदा पत्र लिख कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तेल की कीमतें घटाने का अनुरोध किया है. सोनिया ने अपनी चिठ्ठी में लिखा है – मैं यह पत्र आपको आसमान छूती तेल व रसोई गैस की कीमतों से हर नागरिक के लिए उत्पन्न गहन पीड़ा एवं संकट से अवगत कराने के लिए लिख रही हूँ. एक तरफ, भारत में रोजगार खत्म हो रहा है, कर्मचारियों का वेतन घटाया जा रहा है और घरेलू आय निरंतर कम हो रही है वहीं दूसरी तरफ, मध्यम वर्ग एवं समाज के आखिरी हाशिए पर रहने वाले लोग रोजी-रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

तेजी से बढ़ती महंगाई और घरेलू सामान एवं हर आवश्यक वस्तु की कीमत में अप्रत्याशित बढ़ोतरी ने इन चुनौतियों को और अधिक गंभीर बना दिया है. खेद इस बात का है कि संकट के इस समय में भी भारत सरकार लोगों के कष्ट व पीड़ा दूर करने की बजाय उनकी तकलीफ बढ़ाकर मुनाफाखोरी कर रही है. ईंधन के दाम इस समय ऐतिहासिक रूप से अधिकतम ऊंचाई पर हैं, जो पूरी तरह अव्यवहारिक हैं. यह वृद्धि ऐसे समय पर की जा रही है, जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें मध्यम स्तर पर ही हैं. कच्चे तेल की ये कीमतें यूपीए सरकार के कार्यकाल से लगभग आधी हैं, इसलिए पिछले 12 दिन में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में की गई वृद्धि, विशुद्ध रूप से दुस्साहसिक मुनाफाखोरी का उदाहरण है. मैं यह नहीं समझ पा रही कि कोई सरकार लोगों की कीमत पर उठाए ऐसे बेपरवाह और असंवेदनशील उपायों को कैसे सही ठहरा सकती है.

आपकी सरकार ने डीजल पर एक्साइज ड्यूटी को 820 फीसदी और पेट्रोल को 258 प्रतिशत बढ़ाकर पिछले 6.5 साल में 21 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कर वसूली की है. ईंधन के दामों पर करों के रूप में की गई इस मुनाफाखोरी का देश के लोगों को कोई लाभ नहीं मिला.विडंबना यह है कि आपकी सरकार पेट्रोल और डीजल पर अत्यधिक एक्साइज ड्यूटी लगाने में अनुचित रूप से अति उत्साही रही है. आपकी सरकार पेट्रोल पर 33 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 32 रुपये प्रति लीटर की अत्यधिक एक्साइज ड्यूटी लगाकर उनके आधार मूल्य से भी अधिक कर थोप रही है.

गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में नब्बे पार तो राजस्थान और मध्यप्रदेश के अन्नुपुर में पेट्रोल सेंचुरी मार चुका है. वहीं प्रीमियम पेट्रोल की कीमत 105 रुपये प्रति लीटर के आस पास पहुंच गई है. तेल की बढ़ती कीमतों की वजह से भारत-नेपाल बॉर्डर पर पेट्रोल डीज़ल की तस्करी होने लगी है. गौरतलब है कि भारत नेपाल सीमा कई किलोमीटर तक जुड़ी है जहाँ पुलिस सुरक्षा का कोई बंदोबस्त नहीं है. कई जगह गाँव की सीमाएं भी आपस में जुड़ी हैं और लोग बिना किसी व्यवधान के इधर-उधर आ जा सकते हैं.

इन दिनों नेपाल में पेट्रोल डीज़ल की कीमत भारत से काफी कम है, लिहाज़ा तस्कर नेपाल से पेट्रोल-डीज़ल के बड़े बड़े गैलन भर कर साईकिल या मोटरसाइकिल पर ला रहे हैं और यहाँ ज़्यादा दाम में बेच कर मुनाफ़ा कमा रहे हैं. नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में बने पेट्रोल पम्पों में भारतीय वाहनों की लम्बी लाइन देखी जा रही है. इससे देश की फजीहत तो हो ही रही है, राजस्व को भी नुकसान पहुंच रहा है.

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