सवाल

मेरी 26 साल की बेटी को स्कीजोफ्रेनिया है. उस की 3 साल से दवा चल रही है. वह स्कूल में टीचर है. हम उस की दवा का पूरा ध्यान रखते हैं. उस का रोग कंट्रोल में है. क्या उस का विवाह करना ठीक होगा? परिवार के कुछ लोगों का कहना है कि विवाह करने से मनोरोग ठीक हो जाता है? यह बात कहां तक सच है?

जवाब

स्कीजोफ्रेनिया गंभीर रोग है. आप को खुश होना चाहिए कि चाहे दवा के साथ ही सही, आप की बेटी का मानसिक स्वास्थ्य इस अनुकूल स्थिति में है कि वह अध्यापिका के दायित्व का निर्वाह कर पा रही है और अपने पांवों पर खड़ी है. उस का मानसिक संतुलन इसी प्रकार संतुलित बना रहे सभी परिवार वालों के लिए इस से बड़ी खुशी की कोई बात नहीं हो सकती. इस संभावना के प्रति सदा सावधान रहें कि यह रोग किसी भी घड़ी दवा में थोड़ी सी भी ढील बरतने या थोड़ा सा भी तनाव होने पर अचानक बिगड़ सकता है. उस स्थिति में बिटिया को प्यार, समझ, विवेक के साथ संभालने की जरूरत होगी.

मनोरोगों में लोग प्राय: यह बात नहीं समझ पाते कि रोगी के बेतुके, अटपटे व्यवहार की जड़ में वह मानसिक घमासान होता है जिस पर रोगी का कोई वश नहीं चलता. इसी से बात बिगड़ती है. लोग सोचते हैं कि रोगी जानबूझ कर गलत ढंग से पेश आ रहा है, जबकि यह उलटपुलट व्यवहार वास्तविक रूप से मनमस्तिष्क के असंतुलन के कारण उपजता है. घरपरिवार वाले यह सच समझ भी लें, कोई नया परिवार यह बात समझ लेगा यह संभावना न के बराबर है.

यह सोच कि विवाह से स्कीजोफ्रेनिया जैसा गंभीर रोग ठीक हो जाएगा बिलकुल गलत है. सच तो यह है कि विवाह के बाद रोग के पहले से कहीं अधिक गंभीर होने की पूरी आशंका रहती है. इस के अपने स्वाभाविक कारण हैं. वैवाहिक जीवन में पांव रखने पर वरवधू दोनों को एकसाथ कई नई भावनात्मक चुनौतियों से गुजरना पड़ता है, दोनों के सामाजिक दायित्व पहले के मुकाबले कई गुना बढ़ जाते हैं और दोनों के सामने जीवन में अनगिनत नए तनाव आ खड़े होते हैं.

इतना ही नहीं, अधिकांश मामलों में ससुराल वालों को जब रोग के बारे में पता चलता है तो उन्हें यह सच स्वीकार नहीं होता, बल्कि अधिकांश परिवारों का यही नजरिया होता है कि उन के साथ छल किया गया है. यह अनबन कब अदालत में पहुंच जाए कुछ पता नहीं. यदि आप विवाह से पहले ससुराल वालों से बिटिया के रोग की बात छिपा जाते हैं, तो कानूनी तौर पर फैसला बिटिया के विरुद्ध ही लिखा जाएगा. यह स्थिति किसी के लिए भी सुखदाई नहीं होगी.

अच्छा होगा कि आप बिटिया के विवाह का इरादा छोड़ कर उस के खुश और स्वस्थ बने रहने के लिए यथासंभव प्रयत्न करते रहें. बिटिया के व्यवहार में कैसे भी उतारचढ़ाव आएं, आप को उस का पूरा साथ देना होगा. इलाज के प्रति जरा सी भी लापरवाही बरतने से रोग हाथ से निकल सकता है.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...