ब्रिटेन के 4 फुटबौल खिलाड़ियों ने अपने कोच बेरी बेनेल पर रेप का आरोप लगाया है. खिलाड़ियों का कहना है कि ऐसा तब हुआ जब उन्होंने अपने फुटबौल कैरियर की शुरुआत की थी. ये खिलाड़ी हैं स्टीव वौल्टर्स, एंडी वुडवर्ड, पौल स्टुअर्ट और डेविड व्हाइट. इन खिलाड़ियों का आरोप है कि बेनेल कमजोर खिलाड़ियों का चुनाव करते थे और उन का यौनशोषण करते थे.
यह कतई हैरानी की बात नहीं है क्योंकि देश हो या विदेश, अपनी पोजीशन का दुरुपयोग कर शोषण करने की मानसिकता के लोग हर जगह मिल जाएंगे. इस तरह के लोग अपने ओहदे का फायदा उठाते हैं और यह भूल जाते हैं कि उस खिलाड़ी का क्या होगा जो अभी अपनी कैरियर की शुरुआत करने वाला है. क्या वह खिलाड़ी कभी बेहतर परफौर्मेंस दे पाएगा. उस के दिमाग में खेल से ज्यादा यही सब बातें घूमती रहेंगी. आज भी ऐसे कई खिलाड़ी होंगे जिन का यौनशोषण किया जा रहा होगा और वे अपने कैरियर को बचाने के लिए कुछ नहीं बोल पा रहे होंगे.
हाल ही में भारतीय महिला फुटबौल टीम की पूर्व कप्तान सोना चौधरी ने अपनी किताब ‘गेम इन गेम’ में लिखा है कि टीम के कोच व सचिव महिला फुटबौल खिलाड़ियों को कई चीजों के लिए समझौता करने पर मजबूर करते थे. लड़कियों को मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जाता है. सोना चौधरी ने यह भी खुलासा किया कि भारतीय महिला फुटबौल टीम की खिलाड़ी रेप के डर से संबंध बना लेती थीं.
हरियाणा की रहने वाली सोना चौधरी ने तो इस तरह के खुलासे कर साहसिक कदम उठाया जरूर है पर यह कदम यदि उसी समय उठाया गया होता तो शायद इस का असर महकमे में ज्यादा होता. पर ऐसा कम ही होता है क्योंकि उस समय हो सकता है कि खिलाड़ियों को अपने कैरियर की ज्यादा चिंता रहती होगी. इस तरह की बातें आप अपने मातापिता से नहीं कर सकते. ऐसे में भला कौन खिलाड़ी अपना कैरियर चौपट करना चाहेगा. इसलिए बेहतरी इसी में है कि चुप रहो. यही सोच कर खिलाड़ी चुप बैठ जाते हैं.
पर सवाल उठता है कि इस तरह के शोषण को आखिर रोकेगा कौन? जिन को खिलाड़ियों को तराशने का जिम्मा दिया जाता है वही लोग इस मानसिकता से हट नहीं पाते हैं और जहां उन्हें खेल के प्रति समर्पण दिखाना चाहिए वहां वह यौनशोषण करने में अपनी पावर दिखाने लगते हैं.