क्रिकेट के मैदान पर खिलाड़ियों के बीच के लड़ाई-झगड़ों पर लगाम कसने के लिए जल्द ही एक नया नियम आ सकता है. फुटबॉल और हॉकी की तर्ज पर जल्द ही क्रिकेट में भी रेड कार्ड देखने को मिल सकता है. साथ ही बल्लों के आकार के लिए भी सीमा तय की जा सकती है.

मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) की वर्ल्ड क्रिकेट कमिटी ने सुझाव दिए हैं कि अंपायरों को खिलाड़ियों के बुरे व्यवहार के बाद उन्हें मैदान से बाहर भेजने का अधिकार होना चाहिए.

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइक ब्रेयरली की अगुआई में एमसीसी की विश्व क्रिकेट समिति की दो दिवसीय बैठक समाप्त हो गई जिसमें ये सारे सुझाव दिए गए. एमसीसी क्रिकेट के नियमों की संरक्षक संस्था है. अगर एमसीसी की मुख्य समिति इन बदलवों को मंजूरी दे देती है तो यह नए बदलाव खेल के सभी स्तरों पर 1 अक्टूबर 2017 से लागू होंगे.

समिति ने गेंद से छेड़छाड़ के नियमों पर भी चर्चा की लेकिन उनका मानना था कि इसमें बदलाव की जरूरत नहीं है. ब्रेयरली, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग, पाकिस्तान के पूर्व सलामी बल्लेबाज रमीज राजा और एमसीसी के क्रिकेट प्रमुख जॉन स्टीफेंसन ने बताया कि टेस्ट क्रिकेट को पांच दिन से चार दिन का करने पर सहमति नहीं बनी.

नए नियम डराने का काम करेगा

गेंद से छेड़छाड़ के नियमों में हालांकि कोई बदलाव नहीं किया गया है. खिलाड़ियों को रेड कार्ड दिखाए जाने के सवाल पर ब्रेयरली ने कहा कि यह डराने का काम करेगा. इंग्लैंड के पूर्व सलामी बल्लेबाज ब्रेयरली ने कहा, ‘हमने येलो कार्ड (अस्थाई निलंबन) पर भी चर्चा की लेकिन बाद में इसके खिलाफ फैसला किया. रेड कार्ड बेहद चरम मामलों में भी दिखाया जाएगा. सुझाव के अनुसार अनुशासन के गंभीर उल्लंघन के मामले में अंपायरों को क्रिकेटरों को मैच से बाहर करने का अधिकार होगा.’

खिलाड़ी को अंपायर को धमकाने, अन्य खिलाड़ी, अंपायर, अधिकारी या दर्शक को शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाने या खेल के मैदान पर अन्य हिंसक गतिविधि के लिए बाहर किया जा सकता है.

बैट का नया आकार

बल्ले का आकार सीमित करने पर पोंटिंग ने कहा कि दुनिया के 60 फीसदी पेशेवर खिलाड़ियों ने बल्लों के किनारे को 40 मिलीमीटर, गहराई को 67 मिलीमीटर और वक्र (कर्व) को सात मिलीमीटर तक सीमित करने के फैसले का समर्थन किया है.

पोंटिंग ने कहा, ‘हम किनारों को 38 से 42 मिलीमीटर तक सीमित करना चाहते हैं. कुछ खिलाड़ियों के बल्ले के किनारे 50 मिलीमीटर से अधिक हैं. हमने जो सुझाव दिया उससे हम खुश हैं क्योंकि इससे बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बनेगा. हमने देखा है कि बल्ले के किनारों से लगकर गेंद छह रन के लिए चली जाती है. हालांकि बल्ले का आकार सीमित करने के बावजूद बड़े हिटर छक्के लगा पाएंगे.

चार दिनों का नहीं होगा टेस्ट क्रिकेट

समिति ने चार दिवसीय टेस्ट और दिन रात्रि टेस्ट पर भी चर्चा की लेकिन सहमति नहीं बनी. क्रिकेट को ओलंपिक खेल में शामिल कराने का प्रयास करने पर समिति ने कहा कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख अनुराग ठाकुर से इस बारे में अलग से बात की गई और उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वे चर्चा कर सकते हैं.

क्रिकेट को ओलंपिक, एशियाई खेल और राष्ट्रमंडल खेलों जैसे कई खेलों वाले खेलों में शामिल करने का बीसीसीआई पहले विरोध कर चुका है. समिति की अगली बैठक तीन और चार जुलाई को लंदन के लॉर्ड्स में होगी.

ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करने पर जोर

समिति ने इसके अलावा खेल की वैश्विक संचालन संस्था अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद से सिफारिश की कि वह वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप लागू करने की दिशा में काम जारी रखे और क्रिकेट को ओलंपिक खेलों में शामिल कराने की कोशिश करता रहे.

पैनल ने साथ ही फील्डर के हेलमेट से गेंद से टकराने पर नियम में बदलाव की भी घोषणा की. ये सभी सिफारिशें एमसीसी की मुख्य समिति को भेजी जाएंगी और अगर इन्हें स्वीकृति मिली तो ये बदलाव क्रिकेट के कानून की नई संहिता में शामिल किए जाएंगे जो एक अक्तूबर 2017 से लागू होगी.

हेलमेट से गेंद टकराने के नियम में बदलाव

इस बड़े बदलाव का कारण यह है कि समिति का मानना है कि क्रिकेट ऐसा खेल है जिसमें खिलाड़ी के बुरे बर्ताव के लिए अंपायर के पास मैदान पर देने के लिए कोई सजा नहीं है. समिति ने कहा कि फील्डर के हेलमेट से गेंद के टकराने से जुड़े नियम में बदलाव के अनुसार फील्डर ने अगर हेलमेट पहना हुआ है तो उससे गेंद के टकराने के बाद कैच और स्टंप किए जा सकते हैं.

फिलहाल विकेटकीपर के पैड से टकराकर कैच और स्टंप किए जा सकते हैं जबकि इसे पहनना वैकल्पिक है और ऐसे में यह अनुचित लगता है कि हेलमेट से गेंद के टकराने पर ऐसी स्वीकृति नहीं दी जाए जिसे पहनना कुछ देशों में अनिवार्य है.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...