सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त लोढ़ा समिति के करीबी सूत्र ने कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के का हठी रवैया इंग्लैंड की पूरी सीरीज को खतरे में डाल रहा है.
बीसीसीआई ने लेखा परीक्षक की नियुक्ति नहीं होने का हवाला देते हुए अभी तक इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के साथ वित्तीय पहलुओं से संबंधित समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं. लेकिन सूत्र ने स्पष्ट किया कि यदि ठाकुर और शिर्के अपनी अनुपालन रिपोर्ट जमा नहीं करते हैं और व्यक्तिगत रूप से समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होते हैं तो इंग्लैंड टेस्ट सीरीज अधर में लटकी रहेगी.
सूत्र ने बताया कि लोढ़ा समिति अब भी ठाकुर और शिर्के से हलफनामे का इंतजार कर रहा है. उन्होंने कहा, 'अध्यक्ष और सचिव को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार दो सप्ताह के अंदर हलफनामे पेश करने हैं और फिर समिति के समक्ष उपस्थित होना है. उन्होंने इनमें से कुछ नहीं किया. बीसीसीआई अध्यक्ष को हलफनामा भी पेश करना था. यह भी नहीं किया गया है. यह सब न कर ठाकुर और शिर्के ने इंग्लैंड दौरा खतरे में डाल दिया है.'
जबकि इससे पहले लोढ़ा समिति ने बीसीसीआई को कहा था कि ईसीबी और उसके बीच प्रस्तावित समझौता (एमओयू) आदेश का हिस्सा नहीं है और जब तक विस्तृत जानकारी नहीं मुहैया करायी जाएगी तब तक भुगतान पर कोई भी निर्देश जारी नहीं किए जा सकते.
सचिव शिर्के ने समिति से निर्देश मांगे थे कि क्या उन्हें ईसीबी से अपने भुगतान करने के लिए बोल देना चाहिए, क्योंकि बीसीसीआई वित्तीय लेनदेन नहीं कर सकता. द्विपक्षीय सीरीज के दौरान दौरा करने वाली टीम के लिए भुगतान और सारे इंतजामात घरेलू बोर्ड द्वारा ही किए जाते हैं.
इसके जवाब में लोढ़ा समिति ने कहा था, 'बीसीसीआई और ईसीबी के बीच प्रस्तावित समझौता द्विपक्षीय क्रिकेट नीति से संबंधित है, जो समिति के आदेश का अनिवार्य हिस्सा नहीं है. जहां तक भुगतान का संबंध है, अगर ये बीसीसीआई द्वारा सीधे दिये जाते हैं तो इस समिति द्वारा तब तक कोई निर्देश नहीं दिए जा सकते हैं, जब तक बीसीसीआई द्वारा मामले से संबंधित जानकारी मुहैया नहीं करायी जाती. समिति के सचिव गोपाल शंकरनारायण द्वारा लिखे गए ईमेल में कहा गया, 'क्रिकेट कैलेंडर में किसी भी बाधा से बचने के लिए और खेल प्रेमियों का लुत्फ उठाना सुनिश्चित करने के लिए बीसीसीआई को सलाह दी जाती है कि वह सुप्रीम कोर्ट के 18 जुलाई, 2016, सात अक्टूबर 2016 और 21 अक्टूबर, 2016 के आदेश में दिये गये निर्देशों का पालन करे.'
समिति ने अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और शिर्के को भेजे गए अपने पत्र में यह भी स्पष्ट किया कि विक्रेताओं (वेंडर) और ठेकेदारों की न तो पहचान करना और न ही उनकी नियुक्ति समिति के काम या गतिविधियों में शामिल हैं, लेकिन उनको एक अंतिम सीमा निर्धारित करनी होगी. लोढ़ा समिति ने बीसीसीआई को यह भी निर्देश दिया कि वह स्वतंत्र ऑडिटर की नियुक्ति और आठ नवंबर तक आइपीएल की निविदा दिये जाने के संबंध में सभी जरूरी सूचना दें.