फिल्म की कहानी लंदन में रह रहे अयान (रणबीर कपूर) और अलीजेह (अनुष्का शर्मा) के इर्दगिर्द घूमती है. अमीर परिवार के अयान अपने पिता के डर से एमबीए की पढ़ाई कर रहा है, जबकि उसे गायक बनना है. एक दिन अयान की मुलाकात अलीजेह से हो जाती है और वह उससे इकतरफा प्यार करने लगता है. अलिजेह का मानना है कि इकतरफा प्यार एक कमजोरी है. अलिजेह ने प्यार में बहुद दर्द सहा है. अलिजेह, अयान से अपने रिश्तों को दोस्ती का नाम देती है. वह लखनऊ में अली (फवाद खान) से प्यार करती थी. पर एक दिन अली उसे धोखा देकर चला जाता है.
तब वह डॉ.फजाद के संग रिश्ता बना लेती है, पर वह अली द्वारा दिए गए दर्द को भूली नहीं है. एक दिन जब अयान के साथ अलिजेह पेरिस पहुंचती है, तो वहां उसकी मुलाकात डीजे बन चुके अली से होती है. पुराना प्यार जागता है और वह अयान को अकेले पेरिस से लंदन भेज देती है. कुछ दिन बाद अलिजेह फोन करके अयान को लखनऊ बुलाती है और बताती है कि वह अली के संग शादी कर रही है. अयान लखनऊ पहुंचता है और सोचता है कि शायद अलिजेह का मन बदल जाए, पर वह निराश होकर वहां से लौटता है और एअरपोर्ट पर उसकी मुलाकात मशहूर शायरा सबा तालियार खान (ऐश्वर्या राय बच्चन) से होती है, जिसका मानना है कि एक तरफा प्यार में बड़ी ताकत होती है.
अयान व सबा करीब आते हैं और एक दिन अयान विएना जाकर सबा के घर रहने लगता है. दोनों के बीच संबंध बनते हैं. एक दिन अयान यह बात अलिजेह को बताता है. अलिजेह, अयान से मिलने विएना आती है. सबा से भी मिलती है और यहां एक बार फिर अलिजेह के प्रति अयान का प्यार जागता है. पर अलिजेह उसे सिर्फ दोस्त कहकर चली जाती है. 2 साल बाद पता चलता है कि अलिजेह व अली के बीच बातचीत नहीं है. अयान, अलिजेह की खोज करता है. जब अलिजेह मिलती है, तो पता चलता है कि वह कैंसर की मरीज है. यानी कि प्यार कैंसर बन गया है. इस बीच अयान मशहूर गायक बन चुका है. अलिजेह अभी भी अयान को दोस्त मानती है, जबकि अयान कहता है कि वह उससे प्यार करता है. पर अंततः एकतरफा प्यार जीतता है.
फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ में भी पटकथा के स्तर पर काफी कमियां हैं. यूं तो करण जौहर ने इस फिल्म में रिश्तों, प्यार व भावनाओं को परिभाषित करने का सफल प्रयास किया है. पर वह नई व पुरानी पीढ़ी के बीच के अंतर को पाटने के चक्कर में फिल्म को बर्बाद कर बैठे. इंटरवल से पहले की फिल्म पूरी तरह से वर्तमान समय के टीनएजर की सोच के अनुसार है. वर्तमान पीढ़ी सोचती है कि प्यार ‘कैफे काफी डे’ पर शुरू होकर ‘कैफे काफी डे’ पर खत्म हो जाता है. इंटरवल तक टीनएजर वाला धमाल व मस्ती है, पागलपन है. बहुत ही सतही स्तर का रिश्ता है.
मगर इंटरवल के बाद ऐश्वर्या के किरदार के आने के साथ फिल्म अलग रूप ले लेती है. तब परिपक्व प्यार की बात होती है. शायरी गुनगुनायी जाती हैं. प्यार के मायनों की बात होती है, मगर फिर पटकथा की ऐसी गड़बड़ होती है कि फिल्म संभलने की बजाय बर्बाद हो जाती है.
कुछ नई बात कहते कहते अचानक करण जौहर फिल्म पर अपनी पुरानी फिल्मों वाली छाप छोड़ने के चक्कर में प्यार को कैंसर बता गए. इंटरवल से पहले संवाद लेखक ने पुरानी फिल्मों के कुछ संवादों, कुछ पुरानी फिल्मों के नाम व सनी लियोनी के नाम का उपयोग कर स्तरहीन सेवाद लिखें हैं. जिन्हें सुनकर टीनएजर भी बोर होने लगते हैं. इंटरवल से पहले अयान का संवाद है ‘चांटा प्यार का एहसास करा गया. दूसरा चांटा प्यार का दर्द दे गया.’ यह बात समझ से परे है. फिल्म में कुछ अच्छी शायरी है.
करण ने फिल्म को सफल बनाने के लिए सारे मसाले डाल दिए हैं. इस के चलते शाहरुख खान, आलिया भट्ट व लिसा हेडन भी गेस्ट एपियरेंस में नजर आ गए. मगर जहां तक अभिनय का सवाल है, तो इस फिल्म में एक बार फिर अनुष्का ने अपनी चिरपरिचित अभिनय शैली के साथ दर्शकों का दिल जीतने में सफल रही हैं. ऐश्वर्या का किरदार बहुत बड़ा नहीं है. इंटरवल के बाद फिल्म में उनके आने से कुछ उम्मीदें बंधती है मगर वह बहुत जल्द खत्म हो जाती हैं.
छोटे किरदार में भी ऐश्वर्या इंटीमसी के दृश्य देकर चौंकाती हैं. मगर शाहरूख के किरदार के आने के बाद लगता है कि कहानी में नया मोड़ आएगा. क्योंकि सबा बता चुकी है कि शाहरूख का किरदार यानी कि तालियार खान से उनका तलाक हो चुका है, पर वह अभी भी अच्छे दोस्त हैं. लेकिन सबा व तालियार खान की मुलाकात अयान की मौजूदगी में क्यों करवायी गई, पता ही नहीं चलता. फिल्म में रणबीर कपूर और अनुष्का शर्मा के बीच केमिस्ट्री सही ढ़ग से नहीं उभर पाती, जिसका असर कथा कथन पर भी पड़ता है. अलिजेह ने प्यार में कई धोखे खाए हैं, उसका प्रभाव उभर कर नही आता. फवाद खान प्रभावित करने में असफल रहे.
फिल्म की अवधि 2 घंटे 37 मिनट है, मगर फिल्म जिस तरह से बढ़ती है, उससे दर्शक सोचने लगता है कि फिल्म कब खत्म होगी, यह बात निर्देशक व पटकथा लेखक की कमजोरी की ओर इशारा करती है. फिल्म का अंत करते समय अलिजेह को कैंसर का मरीज बताकर फिल्म को बर्बाद करने की ही कोशिश कही जाएगी. रणबीर कपूर, ऐश्वर्या राय बच्चन, अनुष्का शर्मा,फवाद खान जैसे बेहतरीन कलाकारों, लंदन व पेरिस की खूबसूरत लोकेशन का सही उपयोग करने में निर्देशक बुरी तरह से मात खा गए.