उत्तर प्रदेश सूबे के तमाम किसानों को जागरूक करने के इरादे से मुहिम पर निकले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आजकल पूरे जोश में नजर आ रहे हैं. राहुल अपनी ‘27 साल यूपी बेहाल’ यात्रा के तहत करीब 225 किलोमीटर की दूरी तय कर के पिछले दिनों खीरी से बरेली पहुंचे. खीरी के रोड शो और नुक्कड़ सभा के बाद मितौली, मोहम्मदी, पुवांया, निगाही और बीसलपुर की सभाओं में राहुल गांधी ने किसानों को आगाह किया कि गाय को मुद्दा बना कर उन्हें धर्मों और जातियों के नाम पर बांट रहे लोगों से वे सावधान रहें. ऐसे लोग बहुत घातक होते हैं.

राहुल गांधी ने जोर देते हुए कहा कि अपने हकों के मुद्दों को ले कर किसानों को एकजुट होने की जरूरत है, ताकि प्रधानमंत्री मोदी और उन की सरकार को जगाया जा सके.

उन्होंने कहा कि आपस में मिल कर एकजुट हुए बगैर किसानों का भला होने से रहा. जब किसान मिलजुल कर सरकार को जगाने की कोशिश करेंगे तभी कुछ हासिल हो सकेगा. किसानों द्वारा मिलजुल कर कोशिश करने का नतीजा जरूर अच्छा निकलेगा. राहुल गांधी ने गन्ना मूल्य के बकाया भुगतान के लिए बारबार आंदोलन कर रहे खीरी और रुहेलखंड के किसानों के दर्द को महसूस करते हुए कहा कि जब आप लोग एकजुट होंगे तो आप को बकाया भी मिलेगा और आने वाले वक्त में वाजिब दाम भी आप को सरकार की तरफ से मिलेंगे और आपसी समस्याएं दूर होंगी.

पुवांया की खाट सभा में राहुल ने कहा कि गाय और धर्म की बात करने वाले सत्ता के दलाल हैं. ये इन मुद्दों का इस्तेमाल चुनाव के लिए करते हैं. ऐसे लोग किसानों का क्या भला कर सकते हैं.

राहुल की तमाम सभाओं में उन का खास निशाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही थे. मसला खासतौर पर किसानों का ही था, लिहाजा उन्होंने मोदी सरकार?द्वारा जमीन अधिग्रहण अध्यादेश 3 बार सदन में लाए जाने और कांग्रेस द्वारा उस की खिलाफत का खासतौर पर जिक्र किया. राहुल ने किसानों के हुजूम को संबोधित करते हुए कहा कि अगर वे लोग इस कांग्रेस यात्रा के साथ हो जाएं तो मोदी और अखिलेश को किसानों की कर्जमाफी और गलत बिजली के बिलों की वापसी पर हस्ताक्षर करने की पड़ेंगे.

किसान बजट भी पेश किया जाए : राहुल गांधी

सत्ता से बाहर चल रही कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी जबतब अपने नएनए विचार जनता के सामने पेश करते रहते हैं. हाल ही में उन्होंने कहा कि आम बजट की तरह किसान बजट भी पेश किया जाना चाहिए.

राहुल ने कहा कि भारत किसानों का देश है, इस के बावजूद किसानों की हालत अच्छी नहीं है. लिहाजा जरूरी है कि किसानों का भी एक सालाना बजट हो. किसानों के लिए योजनाएं अलग से बननी चाहिए ताकि वे पूरी तरह आत्मनिर्भर बन सकें. ये तमाम बातें राहुल ने पिछले दिनों घाटमपुर में हुई खाटसभा के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने रेल बजट को आम बजट में मर्ज (मिला दिया) कर दिया है, लेकिन इस बार से किसान बजट शुरू किया जाना चाहिए. किसान बजट से हर किसान को पता रहेगा कि केंद्र और सूबे की सरकारें उस के लिए क्या कर रही हैं. तेज चिलचिलाती घूप और गरमी से बेपरवाह राहुल गांधी ने कहा कि वे गांवगांव घूम कर किसानों के हालात की जानकारी ले रहे हैं.

राहुल ने कहा कि अभी तक की यात्रा से उन्हें यह पता चला है कि किसान कर्ज के भार से दबे हुए हैं और केंद्र की जुमलेबाजी में माहिर मोदी सरकार उद्योगपतियों के कर्ज माफ करने में ही जुटी हुई है.राहुल ने कहा कि अगर कांग्रेस को मौका मिला तो वह ऐसा हरगिज नहीं होने देगी. उन्होंने कहा कि वे किसानों की बदहाली की बात लोकसभा में भी उठाएंगे और सारी बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भी रखेंगे.रहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री को किसानों की बातें सुननी ही पड़ेंगी और उन का समाधान भी निकालना होगा. अगर केंद्र सरकार उन की बात नहीं मानती है, तो मजबूरन उन्हें तसल्ली से अच्छा वक्त आने का इंतजार करना पड़ेगा.

राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस की सत्ता आते ही 10 दिनों के अंदर किसानों और मजदूरों के कर्ज माफ किए जाएंगे. ये उन की पार्टी का सब से पहला फर्ज होगा. राहुल ने कहा कि बसपा का हाथी तो सभी योजनाओं का बजट खा जाता है, लिहाजा बसपा किसानों का क्या भला करेगी. जहां तक सपा की बात है, तो वह सरकार भ्रष्टाचार के पैसे के बगैर चल ही नहीं पाती. उसे किसानों की भलाई से क्या सरोकार. अब किसानों और मजदूरों को सोचना होगा कि उन्हें उत्तर प्रदेश और केंद्र में कौन सी सरकार चाहिए.                  
 

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