इस बात में शक की जरा सी भी गुंजाइश नहीं है कि प्रधानमंत्री का ओहदा संभालने के बाद से नरेंद्र मोदी लगातार खेती किसानी पर दखल और निगाहें रखे हुए हैं. उन्हें भी मालूम है कि किसान भारतीय राजनीति की अहम कड़ी हैं, लिहाजा वे इस कड़ी को कस कर थामे हुए हैं. भारतीय किसान भी इस हकीकत को मानते हैं कि मौजूदा प्रधानमंत्री उन का ठीकठाक खयाल तो रख ही रहे हैं. किसानों के खुश रहने से राजनीति का सफर काफी सहज हो जाता है, यह बात भी ज्यादातर राजनीतिबाज जानते ही हैं. बहरहाल, इसी कड़ी में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों कम होती खेती की जमीन और घटते पानी के जरीयों को मद्देनजर रखते हुए फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों से खेती में वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल करने को कहा. प्रधानमंत्री ने ‘वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद’ (सीएसआईआर) की प्लेटिनम जुबली के मौके पर कहा कि उन्होंने हमेशा किसानों को यही सलाह दी है कि पानी की हर एक बूंद के साथ ज्यादा से ज्यादा फसल पैदा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें इस तरह सोचना होगा कि जमीन के हर इंच के साथ फसल में ज्यादा से ज्यादा बालियां पैदा हों.

नरेंद्र मोदी ने कहा कि 21वीं सदी तकनीक का इस्तेमाल करने की सदी है और भारत की जरूरतों को सिर्फ वैज्ञानिक तरकीबों के जरीए ही पूरा किया जा सकता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सदी में विज्ञान को आम लोगों के साथ जोड़ा जाना जरूरी है. दरअसल, मौजूदा सदी तकनीक से ही चलने वाली है. बगैर तकनीक के तरक्की मुमकिन नहीं है. मोदी ने वैज्ञानिकों से भी सब्जियों की पैदावार में इजाफा करने के लिए ज्यादा से ज्यादा जोश से काम करने के लिए कहा, ताकि भरपूर उत्पादन से न केवल घरेलू जरूरतें पूरी हों, बल्कि सब्जियों को दूसरे देशों को निर्यात भी किया जा सके. प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, असम और जम्मू कश्मीर के किसानों से खासतौर पर मुलाकात कर के उन का हालचाल पूछा.

नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों से डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसे खतरनाक रोगों की जांच के लिए सस्ते मेडिकल किट तैयार करने को कहा, ताकि किसान अपनी जांच कर के महफूज रह सकें. बीमारी का पता वक्त पर चल जाने से किसान अपना माकूल इलाज करा सकते हैं. बंदरों द्वारा पैदा की जाने वाली दिक्कतों से सिर्फ किसान ही परेशान नहीं है, बल्कि मोदी भी फिक्रमंद हैं. सीएसआईआर के 75वें स्थापना दिवस के मौके पर दिल्ली से नरेंद्र मोदी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरीए हिमाचल प्रदेश के प्रगतिशील किसानों से सीधी बात की. आईएचबीटी पालमपुर में जुटे सूबे के तमाम किसानों में से एक शिशु पटियाल से मोदी ने पूछा कि आप के इलाके में बंदरों की दिक्कत तो नहीं है. इस पर शिशु पटियाल ने कहा कि वे तो फूलों की खेती करते?हैं. उस के लिए उन्होंने पालीहाउस बनाए हैं. वैसे अब यहां बंदरों की दिक्कत नहीं?है. वैसे भी बंदर फूलों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.

पटियाल ने मोदी को आगे बताया कि उन की फूलों की खेती में बीमारियों की दिक्कत तो है, पर इस के इलाज के लिए वे दवा का छिड़काव करते?हैं. इसी तरह से मोदी ने अन्य किसानों से भी बातचीत की और उन से मोदी ने खेती में वैज्ञानिक तरीके अपनाने की बात जोर दे कर कही.

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