बिहार में महाठबंधन में शामिल दलों के बीच जुबानी लठ्ठ चलने से भड़की सियासी आग को ठंडा करने की कोशिश करते हुए राजद सुप्रीमो अपने मसखरी के पुराने रंग में दिखे. उन्होंने महागठबंधन और नितीश के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले अपने नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि वह अपनी जुबान पर काबू रखें. उन्होंने सीरियस लहजे में कहा कि नितीश कुमार महागठबंधन के नेता हैं और उसके बाद चुटकी लेते हुए कहा कि वह महागठबंधन में दमकल के फायर ब्रिगेड है. महागठबंधन में आग लगाने की साजिश पर वह तुरंत ही पानी डाल कर मामले को ठंडा कर देंगे.

राजद के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन के 11 साल बाद जमानत पर रिहा होने के मामले पर राजद और जदयू के बीच जुबानी जंग चल रही है. इस जंग के सेनापति राजद के थिंक टैंक माने जाने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह ने संभाल रखा है. रघुवंश की बयानबाजी के खिलापफ पहले जदयू ने मोर्चा खोला और उसके बाद उसमें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी भी कूद पड़े. चौधरी ने कह डाला कि अगर राजद को महागठबंधन में कोई दिक्कत हो रही है तो वह उससे नाता तोड़ सकता है. सरकार में रह कर सरकार के मुखिया के खिलाफ बयानबाजी करना ठीक नहीं है.

चौधरी के इस नसीहत की खिल्ली उड़ाते हुए रघुवंश प्रसाद सिंह कहते हैं कि उन्हें महागठबंधन के धर्म का पाठ पढ़ाने वाले लोगों को पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. अशोक चैधरी शिक्षा मंत्री हैं और पहले वह अपने विभाग को दुरूस्त करें. बिहार में शिक्षा की हालत बद से बदतर होती जा रही है.

गौरतलब है कि जेल से बाहर आते ही शहाबुद्दीन ने यह कह कर बिहार की राजनीति को गरमा दिया था कि लालू ही उनके नेता है और नितीश तो परिस्थितिव मुख्यमंत्री बन गए हैं. रघुवंश ने शहाबुद्दीन के हां में हां मिलाते हुए लालू को अपना नेता बता डाला तो जदयू के तेवर तल्ख हो गए. जदयू के 2 मंत्रियों विजेंद्र प्रसाद और ललन सिंह ने बकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रघुवंश के खिलाफ आग उगल डाला.

इस उठापटक के बीच 7 दिनों बाद दिल्ली से पटना पहुंचे लालू यादव को कहना पड़ा कि महागठबंधन मे सब कुछ नार्मल है और उन्होंने अपने और नितीश की भूमिका को भी साफ कर दिया. उन्होंने कहा कि महागठबंधन और सरकार के नेता नितीश हैं और वह महागठबंधन के दमकल हैं. लालू ने बयानबाजी करने वाले नेताओं को सलाह दी कि वे अपनी जीभ पर कंट्रोल रखें. महागठबंधन के बारे में बोल कर अपनी भड़ास निकालना बंद करें. किसी भी समस्या को बातचीत से दूर किया जा सकता है, न कि विवाद से. रघुवंश प्रसाद के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में लालू ने हंसते हुए कहा कि रघुवंश बाबू हमेशा पिच पर खड़े रहते हैं. बॉल मिलते ही वह बैट घुमाने लगते हैं. उन्हें कई बार समझाया है कि चुट्टी, चिकोटी नहीं काटें, पर वह सुनते ही नहीं हैं.

महांगठबंधन में लगे आग को बुझाने के चक्कर में लालू ने अपनी ही पार्टी का पलीता सुलगा दिया है. लालू के इस नसीहत के बाद राजद के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद भी तैश में आ गए हैं. उन्होंने कहा कि मुझे गाली देने के लिए नितीश कुमार ने 2-2 मंत्रियों को लगा रखा है, वह लालू जी को नजर नहीं आ रहा है. मंत्रियों ने महागठबंधन के मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके महागठबंधन के धर्म को तोड़ा है. इसके बाद वह लालू को चुनौती देने के मूड में कहते हैं कि वह बोलना नहीं छोड़ेंगे. अगर वह चुप रहेंगे तो लोकतंत्र नहीं बचेगा.

जदयू और कांग्रेस के नेताओं पर हमला बोलते हुए रघुवंश कहते हैं कि उन पर लगाम लगाने वाले खुद ही बेलगाम हैं. महागठबंधन में शामिल दलों के नेताओं को चुप रहने की चेतावनी देते हुए लालू ने यह फरमान जारी कर दिया है कि महागठबंधन में शामिल तीनों दलों के स्टेट प्रेसिडेंट ही अब महागठबंधन के मसले पर बयान देंगे. सुन रहे हैं न रघुवंश बाबू? अब आप कैसे बचाएगें लोकतंत्र?

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