रेडियो के मशहूर आरजे नावेद ने एक सोशल एक्सपेरिमेंट किया है. उन्होंने लोगों के बीच जाकर यह जानने की कोशिश की कि आम हिंदू और मुसलमान एक दूसरे के बारे में क्या सोचते हैं? इस बातचीत में वो खूबसूरत सच्चाई उभरकर सामने आई, जिसे अधिकतर मीडियावाले और राजनेता आम तौर पर या तो देख नहीं पाते या या तो नजरअंदाज करते हैं. इस वीडियो के जरिए यह मैसेज देने की कोशिश की गई है कि हिंदू और मुसलमान भाई हैं और कुछ कट्टरपंथी ही लोगों को एक दूसरे के खिलाफ भड़काते हैं.
नावेद दिल्ली के मुस्लिम बहुल निजामुद्दीन इलाके में पहुंचे. यहां उन्होंने इस तरह से फोन पर बात की कि लोगों को लगे कि वे सामनेवाले से कह रहे हैं कि अगर सारे मुस्लिम एक साथ आ जाएं तो हिंदुओं को डराना आसान होगा. नावेद इसके बाद एक मंदिर जाते हैं और वहां मौजूद हिंदुओं को भड़काने की कोशिश करते हैं. लोगों की प्रतिक्रियाओं को जानकर आपको खुशी होगी कि भारत का आम आदमी अब भी प्यार और हमदर्दी के साथ मिलजुलकर रहने में भरोसा करता है.
इस वीडियो में नावेद मुस्लिम इलाकों में मुस्लिम लिबास पहनकर और हिंदुओं के बीच हिंदुओं की वेशभूषा में जाते हैं. इस वीडियो में मुस्लिमों के बीच मुस्लिम की तरह दिख रहे नावेद हिंदुओं को बुरा भला बोलते हैं और हिंदुओं के खिलाफ मुस्लिमों को एकजुट होने की बात करते हैं. ऐसा करता देख आस-पास खड़े मुस्लिम युवक नावेद को रोककर कहते हैं कि ये मुल्क जितना मुसलमानों का है उतना ही हिंदुओं का, हम हमेशा साथ-साथ जिएंगे और साथ ही मरेंगे. कुछ मुसलमान तो यहां तक कहते हैं कि तुम जैसे मुसलमान हमें नहीं चाहिए, हमें हमारा दीन हिंदुओं से नफरत करना नहीं सिखाता.
इसके बाद जब नावेद हिंदू बन कर अलग-अलग जगह पर मुसलमानों के खिलाफ भड़काने वाली बातें करते हैं तो यहां भी वैसा ही जवाब मिलता है. हिंदु युवक और युवतियां नावेद के मुस्लिम विरोधी बातों से नाराज होकर उन्हें ऐसा ना करने की हिदायत देते हैं. एक दुकानदार तो नावेद से ये पूछता है कि क्या हिंदू धर्म ने आपको ये सिखाया है और नाराज होकर उनसे सामान तक नहीं बेचता.
भारत में जहां आज भी धर्म के नाम पर लोगों को बार-बार बांटने की कोशिश की जाती है, ऐसे में यह वीडियो हमारे देश के भाईचारे और महानता की एक मिसाल पेश करता है.