पेरेंट्स के लिये छोटे बच्चों को संभालना बहुत बड़ी बात होती है और उसमे भी अगर बच्चा जिद्दी हो तो सोने पे सुहागा हो जाता है.  हर मां बाप यही सोचते हैं की उनका बच्चा बहुत समझदार हो, संस्कारी हो और सभी का आदर सत्कार करने वाला हो लेकिन कुछ पेरेंट्स की यह इच्छा दबी की दबी रह जाती है जब उन्हें एहसास होता है कि उनका बच्चा बहुत जिद्दी है. ऐसे बच्चों को वश मे कर पाना मील का पत्थर साबित होता है और जैसे जैसे वो बड़े होते जाते है, वैसे वैसे उनके व्यवहार में और भी बदलाव होता चला जाता है. कभी कभी यही जिद्द उन्हें  मानसिक रोग से पीड़ित तक बना देती है. कभी कभी तो उनके चक्कर में पेरेंट्स को ही लोगों की तीखी व कड़वी बातें सुनने को मिलती है. जैसे कि मां बाप ने जैसे संस्कार दिए हैं बच्चा वैसे ही तो सिख रहा है, मां बाप से बच्चे की परवरिश ठीक से नहीं की जा रही तभी बच्चा ऐसा है’. ऐसी बातों को सुनकर माता पिता और भी दुखी हो जाते हैं. अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा जिद्दी है तो जरूरी है की आप अपनी रोजमर्रा की लाइफ में ये टिप्स अपनाएं. कुछ ही दिनों में आपको अपने बच्चे के अंदर बदलाव नजर आने लगेगा.

कैसे समझाए जिद्दी बच्चे को

गुस्सा न करें

जब बच्चा बहुत ज्यादा जिद्द करता है तो पेरेंट्स को गुस्सा आ ही जाता है ऐसे में उसको एक दो थप्पड़  भी लग जाते हैं. लेकिन यह बिल्कुल गलत है उस पर गुस्सा न करें बल्कि उसे प्यार से समझाएं क्योंकि जब किसी चीज के लिये मना किया जाता है तो उस काम को करने की इच्छा अधिक होती है.

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बात बात पर टोकें नहीं

हर छोटी छोटी बात पर टोकना पबन्दियां लगाना  बच्चो में हताशा  और असंतोष को जन्म देता है लेकिन इससे बचने के लिये उन्हें मन मुताबिक छूट भी नहीं दी जा सकती. इसलिए इससे बचने के लिये प्यार और अनुसासन की सीमा को तय करें.

बच्चे पर अपनी जिद न चलाएं

अगर आप अपनी बात मनवाने के लिए बच्चे से जिद करते हैं तो बच्चे मे जिद्दी होने की आदत आप ही से आती है. बच्चे पर अपनी पसंद नापसंद न थोपे. यदि आप उसे अपनी बात मनवाने के लिये मजबूर करते हैं तो उसमे नकारात्मकता बढ़ेगी और उसका बर्ताव अधिक उग्र व जिद्दी हो जाएगा.

बच्चे की हर बात न मानें

अगर आप बच्चे के बोलते  ही हर बात मान जाते हैं तो इससे वो आदी हो जाता है जिस कारन उसे लगता है कि जो वो मांगेगा वो उसे मिल ही जायेगा इसलिए बच्चे को न कहना भी सीखें. अपने बच्चे को एहसास कराएं कि हमेशा उसकी मनमर्जी नहीं चलेगी .

उसका ध्यान हटाएं

अगर आपका बच्चा किसी बात की ज़िद्द करता है तो उसका ध्यान उस चीज से हटा कर किसी और चीज में लगाए इससे उसकी ज़िद्द भी पूरी नहीं होगी और उसे नई चीज भी मिल जाएगी.

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