जब सचिन बोले, तुम्हारे भाई ने भारतीय क्रिकेट को 5 साल पीछे धकेला
सचिन तेंदुलकर एक जिम में वर्कआउट कर रहे थे. तभी उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेट कप्तान इयान चैपल को देखा. चैपल ने तेंदुलकर को वर्कआउट करते देखा तो बोले, ''अच्छा, तो ये राज है.'' चैपल सचिन के बारे में काफी उल्टा-सीधा लिख चुके थे. इसलिए सचिन पहले से ही काफी गुस्सा थे. वर्क आउट कर रहे सचिन अपने गुस्से को काबू नहीं कर सके और पलटकर चैपल से कहा, ''तुम लोग अपने बात करने का अंदाज अपनी सुविधानुसार बदल लेते हो. सारी समस्या तुम्हारे भाई ग्रेग चैपल (पूर्व भारतीय क्रिकेट कोच) की ही बनाई हुई है. उसने भारतीय क्रिकेट को कम से कम पांच साल पीछे धकेल दिया.''
बाउंसर फेंककर रन आउट
सचिन के नाराज होने का एक मामला ऐसा है जो कभी नहीं भुलाया जा सकता है. 1998 में शारजाह में चैंपियंस ट्रॉफी के मैच में सचिन भी खेल रहे थे. इस दौरान भारत व ज़िम्बाब्वे के बीच मुकाबला हो रहा था. जिसमे फाइनल से पहले मैच में ज़िम्बाब्वे के हेनरी ओलोंगा ने सचिन तेंदुलकर को बाउंसर फेंककर 11 रनों में आउट किया था. इस पर सचिन को काफी तेज गुस्सा आया.
इसके बाद ही उन्होंने फाइनल में हेनरी ओलोंगा को सबक सिखाने का निर्णय लिया. ऐसे में जब सचिन फाइनल में उतरे, तो उनका गुस्सा जुबान से नहीं बल्कि उनके बल्ले से साफ दिख रहा था. तिलमिलाए सचिन हेनरी ओलोंगा की हर-गेंद पर शॉट लगा रहे थे. जिससे ओलोंगा को सचिन को आउट कराने में उनकी नानी याद आ गयी. वहीं इस दौरान नाबाद सचिन ने करीब 124 रन बनाये.
चार मौके जब सचिन तेंदुलकर हुए गुस्से से आग बबूला
1. यह बात साल 1997 एशिया कप की है. तब सचिन तेंदुलकर भारतीय टीम के कप्तान थे. भारतीय टीम फाइनल में पहुंचकर श्रीलंका के हाथों बुरी तरह से हार गई. हार से झुंझलाए हुए सचिन ने बौखलाहट निकालते हुए कह ही दिया कि उन्हें दोहरे दर्जे की टीम दी गई और अपेक्षा की गई कि हम इस टीम के सहारे अच्छा प्रदर्शन करेंगे.
2. 1994 में भारत और वेस्टइंडीज एक दूसरे के आमने-सामने थे. मैच के आखिरी पलों में भारत को 7 रन प्रति ओवर के हिसाब से मैच जीतने के लिए रन बनाने थे. लेकिन इन रनों को बनाने के लिए मोंगिया और मनोज प्रभाकर ने कोई प्रयास नहीं किए. खामियाजन टीम इंडिया को एक बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा. इस हार से सचिन इतने ख़फ़ा हुए कि उन्होंने कई दिनों तक दोनों से बातचीत नहीं की.
3. 2004 में भारत और पाकिस्तान मुल्तान में टेस्ट मैच खेल रहे थे. सचिन उस समय 194 रनों पर बल्लेबाजी कर रहे थे. लेकिन सचिन का दोहरा शतक पूरा होने से पहले ही राहुल द्रविड़ जो उस समय टीम के कप्तान थे उन्होंने टीम इंडिया की पारी घोषित कर दी और इस तरह सचिन का दोहरा शतक पूरा नहीं हो पाया. जब सचिन मैदान से वापस लौट रहे थे तो उनके चेहरे पर दोहरा शतक ना पूरे कर पाने की पीड़ा साफ झलक रही थी. इसके बाद वह ड्रेसिंग रूम में गए और राहुल द्रविड़ से बात नहीं की.
4. यह बात साल 2007 विश्व कप की है. जब टीम इंडिया के कोच ग्रेग चैपल थे. चैपल ने टीम इंडिया में कई फेरबदल किए और वह सचिन को लेकर भी व्यापक स्तर पर बदलाव चाहते थे और उन्होंने सचिन को ओपनिंग की बजाय मध्यक्रम में बल्लेबाजी के लिए कहा. सचिन इससे बिल्कुल खुश नहीं हुए और चैपल के इस निर्णय पर अपनी नाख़ुशी ज़ाहिर की.