‘‘क्यों होता है प्यार’’,‘‘गन्स एंड रोजेस’’,‘‘कोहीनूर’’ जैसे टीवी सीरियलों और ‘‘फूंक’, ‘कई पो चे’, ‘गुड्डू रंगीला’, ‘सुल्तान’ व ‘अकीरा’ जैसी फिल्मों में अपनी प्रतिभा का जबरदस्त परिचय दे चुके अमित साध की निजी जिंदगी में काफी उतार चढ़ाव रहे हैं. लंबे संघर्ष के बाद जब उनका करियर सही दिशा में आगे बढ़ रहा था, तब उन्होंने अभिनेत्री नीरू बाजवा के संग प्यार किया. और शादी भी की. पर उनका रिश्ता लंबे समय तक टिक नही पाया. जिसका उनकी निजी जिंदगी व करियर पर भी काफी असर पड़ा. आज वेलेनटाइन डे पर जब हमने इसकी तरफ उनका ध्यान दिलाया, तो अमित साध ने माना कि जब ग्रहण लगता है तो समुद्र की लहरों में भी असर पड़ता है, तो फिर इंसान क्या है.

जी हां! जब हमने अमित साध से पूछा कि करियर में जब आप संघर्ष कर रहे होते हैं, उस वक्त जब जिंदगी में उतार चढ़ाव आते हैं, आप किसी से प्रेम व शादी करते हैं. फिर तलाक हो जाता है. मेरे कहने का अर्थ यह हैं कि नीरू वाजवा के साथ आपकी शादी और फिर उसका टूटने का आपके करियर पर कितना असर पड़ा? इस पर अमित साध ने दार्शनिक अंदाज में जवाब देते हुए कहा-‘‘देखिए, हम सभी इंसान हैं. करियर भी हमारी जिंदगी का विस्तारित हिस्सा है, जो कि बहुत कमजोर, नाजुक व भावुक वाला मामला होता है. देखिए, जब ग्रहण पड़ते हैं, तो समुद्र की लहरों में फर्क आ जाता है. हर ग्रहण हर इंसान की जिंदगी पर भी असर डालते हैं. पर हम लोग यह सब मानते नही हैं. हम लोग एक कठोर जिंदगी जी रहे हैं. हम सभी अपने आपको खुदा मानकर सोचते हैं कि हमें दूसरों की वजह से कोई फर्क नहीं पड़ता, जबकि ऐसा नहीं है. मसलन आप मुझसे बात करने आए हैं, यदि आप बहुत कठोर लहजे में बात करें, मुस्कुराएं नहीं, तो कहीं न कहीं वह मेरे दिल को, मेरे अंदर कुछ हलचल जरूर करेगा. मैं तो बहुत ही ज्यादा भावुक और संजीदा इंसान हूं. इसलिए मुझ पर सबसे ज्यादा असर पड़ा. मेरे शरीर, मेरे स्वास्थ्य, मेरी सोच पर भी असर पड़ा. फिर भी जिंदगी यही है कि हमें इन सब चीजों से लड़ते हुए व जूझते हुए, अपने अंदर की शक्ति को बटोरते हुए फिर से उठ खड़ा होना है. मेरी सोच हमेशा यही रही है कि मोहब्बत पहले, काम बाद में. मैं हर इंसान के साथ खुलकर बात करना पसंद करता हूं. उसके साथ खाना पीना पसंद करता हूं. मैं एकाकी जीवन नहीं जी सकता.’’

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