स्मौग शहरों में तेजी से बढ़ती एक ऐसी समस्या है, जो हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल रही है. इस से हमारा स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. थोड़ी सी भी लापरवाही से उस का हमारी त्वचा पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है. क्या है वह प्रभाव और कैसे बचें उस से आइए जानें:

क्या होता है प्रभाव

स्मौग कार्बन मोनोऔक्साइड, सल्फर डाईऔक्साइड, नाइट्रोजन डाईऔक्साइड जैसी हानिकारक गैसों के अलावा धूल व धुएं का मिश्रण भी होता है, जिस की वजह से त्वचा में रूखापन, खुजली, मुंहासे, रैशेज जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं, जो हमारी त्वचा के लिए बहुत हानिकारक हैं.

स्मौग हमारी त्वचा से औक्सीजन को चुरा लेता है, जिस से त्वचा अपना ग्लो खो देती है. इस के अलावा त्वचा पर झुर्रियां भी जल्दी पड़ती हैं. खूबसूरती के लिए त्वचा का स्वस्थ होना पहली शर्त होती है. लेकिन स्मौग त्वचा को बहुत बुरी तरह प्रभावित करता है, जिस से उस की सुंदरता कहीं खो सी जाती है.

कैसे पाएं छुटकारा

पुलत्स्या कैडल स्किन केयर सैंटर के डर्मेटोलौजिस्ट डा. विवेक मेहता ने इस से बचने के लिए ये तरीके बताए:

– जब आप बाहर से आएं तो इस बात का ध्यान रखें कि  किसी अच्छे फेसवाश से चेहरा जरूर धोएं, जो आप के चेहरे पर चिपकी धूल को तो साफ करे ही, साथ ही त्वचा को भी बहुत रूखा न बनाए, क्योंकि जाड़े में वैसे भी त्वचा को अतिरिक्त नमी की जरूरत होती है.

– एक अच्छे क्लींजर से भी अपनी त्वचा की सफाई करें, क्योंकि यह त्वचा की गहराई तक सफाई करता है और प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव से उसे मुक्त करता है.

– चेहरे को धोने के बाद उस पर विटामिन ई युक्त मौइश्चराइजर लगाना न भूलें.

– अपनी डाइट में कुछ ऐसे खा-पदार्थों को शािमल करें जिन में प्रचुर मात्रा में ऐंटीऔक्सीडैंट मौजूद हों जैसे बेसिल, जिंजर,  डार्क चौकलेट, गाजर, टमाटर, बींस आदि. इन से त्वचा को अंदर से पोषण मिलता है, जिस से उस पर प्रदूषण व स्मौग का नकारात्मक प्रभाव कम पड़ता है.

– पूरे दिन में कम से कम 10 से 12 गिलास पानी जरूर पीएं. इस से फायदा यह होगा कि त्वचा के लिए हानिकारक टौक्ंिसस धूल कणों को शरीर से बाहर निकाल देता है जो त्वचा की सेहत के लिए बहुत अच्छा है.

– जब भी धूप में जाएं तो 30 एसपीएफ का सनस्क्रीन लगाना न भूलें. यह त्वचा को धूप के प्रभाव से बचाता है.

– विटामिन ई और सी त्वचा के लिए ऐंटीपौल्यूशन इनग्रीडिएंट की तरह काम करते हैं. ऐसे में इस के अलावा यह त्वचा में नई कोेशिकाओं के निर्माण में भी सहायक है. ऐसे में जब भी मेकअप या स्किन केयर का कोई प्रोडक्ट खरीदें तो उस में यह देख लें कि ये दोनों विटामिन जरूर मौजूद हों.

– त्वचा पर ऐलोवेरा जैल का प्रयोग भी उसे स्मौग के हानिकारक प्रभावों से बचाता है.

– समयसमय पर अपने स्किनटाइप के अनुसार फेशियल भी कराती रहें. इस से न सिर्फ त्वचा पर जमा गंदगी साफ होती है, बल्कि प्रदूषण और स्मौग की वजह से त्वचा पर आए ब्लैकहैड्स से भी मुक्ति मिलती है व त्वचा का ग्लो बढ़ता है.

ट्रीटमैंट्स

– माइक्रोडर्माब्रेशन ट्रीटमैंट आजकल काफी प्रचलित है. यह त्वचा की ऊपरी परत जो प्रदूषण और स्मौग की वजह से प्रभावित होती है उसे पौलिश करने का काम करता है.

– कैमिकल पील्स भी एक ऐसी तकनीक है, जो त्वचा को स्मौग के प्रभाव से मुक्त करती है और उसे कोमल तो बनाती ही है, साथ ही झांइयों को भी दूर करती है. यह बेहद किफायती और असरदार ट्रीटमैंट है. लेकिन किसी भी ट्रीटमैंट को कराने के लिए हमेशा किसी अच्छे डर्मेटोलौजिस्ट से ही संपर्क करें.

– डा. विवेक मेहता, पुलत्स्या कैडल स्किन केयर सैंटर

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