दिलवालों की कही जाने वाली दिल्ली सिर्फ दिल वालों की ही नहीं बल्कि सभ्यता की, संस्कृति की, कला, वास्तुकला और मोहित कर देने वाली खूबसूरत मीनारों, बागों, झीलों और तालाबों की दिल्ली है. लोग दिल्ली में घूमने तो आते हैं पर उन के साथ घूमती हैं ढेरों कहानियां भी. पर कहानियां सिर्फ वही क्यों हो, जो सब ने सुनी हुई हैं, क्यों न ऐसी कहानियों की तलाशीं जाएं जो बाकि सभी से अलग हो. तो आइए जानते हैं ये कौन-सी जगह है?

  1. मजनू का टीला

यमुना नदी से सटा लिटिल तिब्बत कहा जाने वाला मजनू का टीला 1960 से तिब्बती शरणार्थियों के रहने का स्थान है. मजनू का टीला दिल्ली में बसी एक कालोनी है जिस के मेन एट्रक्शंस वहां का खाना, हैंडीक्राफ्ट्स, अक्सेसरीज़ और फैशन है. यहां की मोनास्ट्री बेहद खूबसूरत है, यहां एक से बढ़कर एक कैफ़े हैं, फैशनेबुल बैग्स, पाउचेस, टिंकलेट्स, कलरफुल शूज इत्यादि मन मोह लेते हैं और सबसे बढ़कर यहां की रंगबिरंगी गलियां और उन गलियों से आती खुशबु है. तिब्बती क्वीसीन और मोमोस मस्ट हेव फ़ूड है. सेल्फी फ्रीक्स के लिए मजनू का टीला वाइब्रेंट कलर्स और अमेजिंग बैकग्राउंडस का पॉइंट है.

नियरेस्ट मेट्रो स्टेशन-  विधान सभा मेट्रो स्टेशन, येलो लाइन .

2. संजयवन

दिल्ली के मेहरौली और वसंतकुंज के बीच स्थित यह जंगल 780 एकड़ से ज्यादा दूरी तक फैला हुआ है. यह पेड़ पोधौं से घिरा जंगल है जिसमे थोड़ी थोड़ी दूरी पर प्राचीन सूफी संतों के किले बने हुए हैं. वाइल्ड लाइफ और पक्षी प्रेमी यहां आकर पर्यावरण का मजा उठा सकते हैं. शहर की भागदौड़ से दूर एकांत में कुछ समय बिताने के लिए यह परफेक्ट प्लेस है . यहां का एम्बिएंस दिल को सुकून देता है तो खूबसूरती आँखों को. पर इन सब से अलग यहां कुछ लोगों के हौंटेड अनुभव भी रहे हैं जिन के चलते लोग यहां आने से डरते हैं. अगर आप डरकर बैठने वालों में से नहीं हैं तो दिल्ली में स्थित इस सुंदर स्थान का मजा लीजिये.

नियरेस्ट मेट्रो स्टेशन – छतरपुर, येलो लाइन.

ये भी पढ़ें- एडवेंचर टूरिज्म के लिए ऐसे करें अपना बैग पैक

3. सतपुला ब्रिज

हिंदी और उर्दू में अनुवादित ‘सात ब्रिज,’ सतपुला ब्रिज दिल्ली के सबसे रिमार्केबल हिडन जेम्स में से एक है. मेन प्रेस एन्क्लेव रोड पर स्थित सतपुला ब्रिज 1323 में मुहम्मद बिन तुगलक द्वारा बनाया गया था. उस समय में इसका निर्माण सात अलग अलग स्थानों तक पानी पहुंचाने के लिए किया जाता था जिसका अंदाजा आप इस ब्रिज को देखकर लगा सकते हैं. ठंडी हवाओं के बीच एक ऐसे समय की यादें महसूस करना जिसे आपने कभी जिया तक नहीं, एक अलग तरह का एहसास है. अपने बिजी जीवन से थोड़ा समय निकालिए और दिल्ली के इस हिडन ट्रेजर का मजा लीजिये.

नियरेस्ट मेट्रो स्टेशन – मालवीय नगर, येलो लाइन.

4. मिर्जा गालिब की हवेली

कविताओं और ग़जलों को सुना हो न हो लेकिन मिर्जा गालिब का नाम तो सभी ने सुना है. पर्शियन और उर्दू कवि मिर्ज़ा ग़ालिब की याद में बनाई गयी यह हवेली दिल्ली के दिल यानि चांदनी चौक में स्थित है. 150 साल पुरानी यह हवेली चांदनी चौक की तंग गलियों में गालिब की यादें समेटे हुए है. इस हवेली को अब एक म्यूजियम बना दिया गया है जो ग़ालिब की कृतियों की पेशकश करता है. पोएट्री लवर्स और ग़ालिब एडमायरर्स के लिए शाम-ए- रुक्सत जैसी है. इस म्यूजियम में ग़ालिब की फेमस ग़ज़ल, कविताएं, कोट्स, पेंटिंग्स, फोटोग्राफ्स और अन्य औब्जेक्ट्स को रखा गया है.

नियरेस्ट मेट्रो स्टेशन – चावड़ी बाजार, येलो लाइन.

ये भी पढ़ें- एडवेंचर टूरिज्म: इस पहाड़ी झील पर है

5. भूली भटियारी का महल

फिरोज शाह तुग़लक़ द्वारा बनाया गया यह महल दिल्ली के स्पूकीएस्ट डेस्टिनेशंस में से एक है. भूली भटियारी रीजनल पार्क से कुछ कदम की दूरी पर ही यह लोंग लोस्ट जेम है. हालांकि यह बेहद ही खूसूरत और लुभावनी जगह है परंतु दिल्ली के हौंटेड प्लेसेस में भी गिना जाता है. यहां मेटल का कोई दरवाजा नहीं है, पूरा स्ट्रक्चर पत्थरों, पेड़पौधों और झाड़ियों से घिरा हुआ है. टूरिस्ट एक ध्यान यहां जाने से पहले ही एक बोर्ड अपनी ओर खींचता है जिस पर स्पष्ट शब्दों में लिखा है कि यहां सूर्यास्त के बाद आना मना है. यदि आप में गट्स हैं तो इस हौंटेड लेकिन खूबसूरत जगह पर जाइए और तस्वीरें लीजिए, घूमिये फिरिए.

नियरेस्ट मेट्रो स्टेशन – झंडेवालान, ब्लू लाइन.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...