जीवन की वास्तविकता एक हद पर जा कर हम से शब्द छीन लेती है. विशुद्ध प्रेम के उज्ज्वल प्रकाश में निराशा का एक कतरा भी नहीं रहता और एक गहरी समझ का उदय होता है. मयंक और अनामिका के बीच एक समय कुछ ऐसी ही स्थिति आई.