ई-मैगज़ीन
ऑडियो स्टोरी
लॉग इन
⚲
SUBSCRIBE
⚲
सब्सक्राइब
Search
ऑडियो
कहानी
क्राइम
आपकी समस्याएं
राजनीति
समाज
संपादकीय
लाइफ स्टाइल
फिल्म
हेल्थ
ई-मैगज़ीन
कहानी
राजनीति
समाज
संपादकीय
लाइफ स्टाइल
फिल्म
हेल्थ
क्राइम
आपकी समस्याएं
ऑडियो
सब्सक्राइब करें
लॉग इन
कहानी
फिल्म
क्राइम
समाज
आपकी समस्याएं
हेल्थ
लाइफ स्टाइल
राजनीति
ई-मैगज़ीन
संपादकीय
ऑडियो स्टोरी
About Us
Terms and Conditions
Privacy Policy
Copyright Policy
Contact Us
Write for Us
कहानी
शुभारंभ
शरद और आराधना उस दौर से गुजर रहे थे जहां अकेलापन उन के लिए असहनीय था
Digital Team
,
Mar 19, 2020
भाग - 1
वह उठ कर मैगजीन उलटनेपलटने लगा था. उस ने देखा, एक स्त्री घबरा कर उठी थी और इधरउधर देख रही थी. फिर उस के पास आ गई थी.
भाग - 2
यहां रहना मुश्किल है. मुझे इस में सारा समय मेरे पति चलतेफिरते, बातें करते दिखाई देते हैं. कभी बच्चों की आवाजें सुनाई देती हैं. मैं कल 2 ओल्डएज होम में जा कर आई हूं.
भाग - 3
अब मैं अकेला हूं, सुबह सैर करने जाता हूं. दिन में फुरसत में पेंटिंग कर लेता हूं. शाम को क्लब में बिलियर्ड खेल आता हूं.
सरिता डिजिटल सब्सक्राइब करें
अपनी पसंदीदा कहानियां और सामाजिक मुद्दों से जुड़ी हर जानकारी के लिए सब्सक्राइब करिए
सब्सक्राइब करें
×
सबस्क्राइब करें
डिजिटल
+ प्रिंट
एडिशन
गिफ्ट पाने वाले की डिटेल
गिफ्ट देने वाले की डिटेल
पहले से रजिस्टर्ड?
यहां लॉगिन करें.
×
लॉग इन करें
डिजिटल एडिशन
Resend OTP
एक्सेस नहीं है?
यहां रजिस्टर करें.
अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिए
सब्सक्राइब करें