मैं ने इस स्थिति में एक प्रख्यात नारी सामाजिक कार्यकर्ता से बात की तो वह बड़ी जोश में बोली कि परिवार के लोगों और युगयुगों से चली आ रही सामाजिक संस्था विवाह की अवहेलना कर के और वयस्क होने तथा विरोध नहीं करने पर भी शारीरिक संबंध बनाना स्वार्थी.