आखिरकार इस पुरुषप्रधान समाज में स्त्री को एक देह से अलग एक स्त्री के रूप में देखता ही कौन है? यहां तो, स्त्री के कपड़ों के भीतर से नग्नता को खींचखींच कर बाहर लाने की परंपरा है.