ई-मैगज़ीन
ऑडियो स्टोरी
लॉग इन
Subscribe
कहानी
राजनीति
समाज
संपादकीय
लाइफ स्टाइल
बौलीवुड
हेल्थ टिप्स
क्राइम
आपकी समस्याएं
फार्मिंग
Subscribe
लॉग इन
कहानी
बौलीवुड
क्राइम
समाज
आपकी समस्याएं
हेल्थ टिप्स
लाइफ स्टाइल
ऑडियो स्टोरी
राजनीति
फार्मिंग
ई-मैगज़ीन
संपादकीय
दरार
विभा की बेवफाई का तमाशा रमेश ने अपनी आंखों से देखा था. उसे माफ करना अब उस की बरदाश्त से बाहर था, लेकिन दोनों एक ही छत के नीचे रहने को मजबूर थे.
भाग - 1
रमेश दुखी था, उदास था. उस के दिलोदिमाग में भयंकर झंझावात चल रहे थे. न घर में मन लग रहा था न औफिस में. वह करे तो क्या करे?
भाग - 2
‘‘रास्ता साफ है. गाड़ी चालू नहीं हो रही थी. पैदल ही निकल गए. लेकिन जरा चौकस रहना. मुझे लगता है उसे शक हो गया है. मैं तुम्हारा इंतजार कर रही हूं.’’
भाग - 3
‘‘एक बात पूछूं टाइगर भाई,’’ रमेश ने दीनता से कहा, ‘‘ऐसा कोई कानून नहीं है जिस में पत्नी को चरित्रहीनता के आधार पर सजा दिलवाई जा सके?’’
भाग - 4
रमेश को यहां से भी निराशा हाथ लगी. पिता ने अपनी बेटी को फोन पर समझाया कि अपना घर, अपना पति, बच्चे, एक औरत के लिए सबकुछ होना चाहिए.
×
सबस्क्राइब करें
डिजिटल
+ प्रिंट
एडिशन
अपना फ़ोन नम्बर/ईमेल आईडी या दोनों भरें.
Already Registered?
LOGIN HERE.
×
लॉग इन करें
डिजिटल एडिशन
Resend OTP
Don't have an account?
GET REGISTER.
अनलिमिटेड कहानियां आर्टिकल पढ़ने के लिए आज ही सब्सक्राइब करें
Subscribe Now
होम
रोमांस
फैमिली ड्रामा
क्राइम
ऑडियो स्टोरी