सत्यव्रत ने अपने सपनों को बेटे प्रशांत पर थोपने का प्रयास कर बापबेटे के रिश्तों में कड़वाहट भर ली थी. बरसों बाद प्रशांत भी अपने मासूम बेटे पर अपने पिता के सपने को थोपने लगा तो सत्यव्रत तड़प उठे...