बंबई से आए इस पत्र ने मेरा दिमाग खराब कर दिया है. दोपहर को पत्र आया था, तब प्रदीप दफ्तर में थे. अब रात के 9 बज गए हैं. मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए.