चांद मोहम्मद को वह जमाना याद आ गया, जब वह शेरोशायरी किया करता था. प्यारमुहब्बत भरी गजलें लिखा करता था. फिर उस की शादी उसी लड़की से हो गई, जिसे वह बेहद प्यार करता था.