भाभी ने उस की शादी के बारे में पूछा तो पवन ने रोंआसा हो बताया कि यह अचानक किया फैसला है और झूठ का सहारा ले यह कह दिया कि यहां सैटल होने के लिए यहां की लड़की से शादी करने से मदद मिल जाती है.
पवन का मन परेशान हुआ कि बच्चे के बारे में जानेंगे तो क्या सोचेंगे. भाभी ने कहा कि मां उस के लिए यहां लड़कियां देख रही थीं. अचानक खबर से उन्हें काफी धक्का लगा है. पर अब क्या हो सकता है. तसल्ली दी कि जब तक मां पूरी तरह ठीक नहीं हो जाएंगी, वह यहां रह उन की देखभाल करेगी. नयन भी आतेजाते रहेंगे. बाद में वे मां को अपने साथ असम ले जाएंगे.
पिछली बार जब रमा असम गई थी तो कुछ दिनों के बाद ही कहना शुरू कर दिया था कि यहां बहुत अकेलापन है. वह वापस जाना चाहती है. नयन ने समझाने की बहुत कोशिश भी की थी कि आप की बहू, बेटा, पोता हैं, यहां अकेलापन कैसा और फिर यह भी आप का घर है. पर नहीं, वह जल्दी लौट आई थी.
इधर, ऐनी बच्चे क्रिस को अकेले संभालने में परेशान हो जाती थी. पवन रात में बच्चे के लिए कई बार जागता था. अब ऐनी के काम पर वापस जाने का समय हुआ. क्रिस को घर से दूर एक डेकेयर में छोड़ना तय हुआ. क्रिस को सुबह पवन छोड़ आता था, शाम को ऐनी ले आती थी. आसान नहीं था यह सब. अब आएदिन दोनों में किसी न किसी बात पर बहस होने लगी. बच्चे के कारण दोनों का बाहर घूमनाफिरना, मौजमस्ती कम हो गई थी. ऐनी जैसी मौजमस्ती में रहने वाली के लिए यह सब बदलाव मुश्किल सा हो गया था जबकि पवन ने बहुत सी जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली थी.
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