प्रिया ने अपना 10वां जन्मदिन ससुराल में मनाया. उस की सास शारदा और जेठानी सीमा ने मिल कर स्वादिष्ठ भोजन तैयार किया था. प्रिया का पति आरक्षित पद पर लगा था और अच्छी कमाई कर रहा था.

खाने में प्रिया के भैयाभाभी ही शामिल हो पाए. उस के पापा की तबीयत ठीक न होने के कारण मां भी नहीं आ पाई थी.

सीमा का छोटा भाई रवि इत्तफाक से लंच के समय आ गया था. उस ने भी सब के साथ भोजन किया.

खाना खाने के बाद सब से पहले प्रिया के ससुर उमाकांतजी सर्दी की धूप का आनंद लेने पास के बाग में चले गए.

रवि कई सालों से बेकार था, इधरउधर घूमता रहता था. उन के जाने के चंद मिनटों बाद रवि विदा हो गया. उस के जाने के करीब 15 मिनट बाद प्रिया ने घर में हंगामा खड़ा कर दिया. प्रिया को घर के अपने रिश्तेदारों द्वारा चोरी करने का अंदेशा था.

‘‘मेरा 20 हजार रुपए का मोबाइल चोरी चला गया है,’’ गुस्से और घबराहट के कारण प्रिया ने लगभग चिल्लाते हुए सब को चौंका दिया था. उसे जेठानी और जेठ पर शक था.

‘‘तुम ने कहीं इधरउधर रख दिया होगा. चोरी जाने की बात मुंह से मत निकालो,’’  उस के पति नीरज ने उसे समझाया. उसे भी अपने बड़े भाई से कोई खास प्रेम न था क्योंकि सब का बचपन अभावों में गुजरा था.

‘‘मैं ने आप के फोन से अपने फोन का नंबर मिलाया है. मेरे फोन की घंटी बज ही नहीं रही है. उस का सिम कार्ड निकाल लिया गया है और यह काम कोई चोर ही करेगा न.’’

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