कानून के रखवालों और जुर्म की दुनिया में लाल मोहम्मद को लालू के नाम से जाना जाता था. लालू एक फ्रौड, ब्लैकमेलर और लुटेरा था. वह पैसों के लिए हर तरह के गैरकानूनी काम करता था. लूटमार और धोखेबाजी उस के मुख्य काम थे. लेकिन वह किसी भी हालत में खूनखराबा नहीं करता था. वह एक सोचीसमझी योजन के तहत काम करता था, जिस से उसे किसी तरह का कोई खतरा नहीं उठाना पड़ता था.

यही वजह थी कि वह कभी पकड़ा नहीं गया था. वह कोई भी काम शम्सुद्दीन उर्फ शम्सू के साथ मिल कर करता था. जहां भी उसे खतरा महसूस होता था, वह शम्सू को आगे कर देता था. क्योंकि वह हर वक्त खतरा मोल लेने को तैयार रहता था. इसीलिए मिले माल में वह आधे से ज्यादा हिस्सा लेता था.

लालू योजना बनाने में होशियार था. वह शिकार को तलाश कर बढि़या योजना बनाता था. उस के बाद दोनों मिल कर उस योजना पर अमल करते थे.

लालू का काम बढि़या चल रहा था. एक लूट में 2 दिन पहले ही उस के हाथ एक लाख 20 हजार रुपए लगे थे. लेकिन इस में उसे 40 हजार रुपए ही मिले थे. 80 हजार रुपए शम्सू ने ले लिए थे. इस की वजह यह थी कि लालू ने सिर्फ लूट की योजना बनाई थी बाकी का सारा काम शम्सू ने अकेले किया था. ज्यादातर कामों में लालू परदे के पीछे ही रहता था.

इस लूट के बाद लालू अपने कमरे में लेटा शम्सू के बारे में सोच रहा था. पिछले कई महीनों से वह काफी परेशान था. उस की समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर इस तरह वह कब तक शिकार खोज कर योजना बनाता रहेगा. सारी तैयारी वह करता है, जबकि हिस्सा ज्यादा शम्सू ले लेता है, ऐसा कर के कहीं वह गलती तो नहीं कर रहा?

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