ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग के बल्ले के आकार को लेकर दिए बयान के बाद अब संभव है कि बल्ले के आकार में बड़े बदलाव देखने को मिले. बल्लेबाजों के बढ़ते प्रभाव के बीच मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) की विश्व क्रिकेट समिति ने मंगलवार को बल्ले की लंबाई और चौड़ाई को सीमित करने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं.
क्रिकेट की नियामक संस्था एमसीसी की 2014 में आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि पिछली शताब्दी के मुकाबले बल्ले की चौड़ाई में 300 प्रतिशत का इजाफा हुआ है जिसका मतलब है कि गलत शॉट भी सीमारेखा तक पहुंच सकता है.
अगर नियम बदले जाते हैं तो अक्टूबर 2017 से बदले हुए बल्ले के साथ बल्लेबाज मैदान में उतरे.
क्या कहते हैं नियम
अब तक क्रिकेट में बल्ले की लंबाई और चौड़ाई के ही नियम थे जिसके चलते कई बल्लेबाजों के बल्ले का एज और पीछे की तरफ से काफी चौड़े होने लगे थे. वार्नर का बल्ला इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. इसी को देखते हुए पोंटिंग ने वार्नर की आलोचना भी की थी.
क्या है नया नियम
अब नए नियम में बैट की पूरी बनावट (overall depth ) को 60mm से 65mm के बीच निर्धारित किया जा सकता है. वहीं बल्ले के एज को 35mm से 40mm के बीच निर्धारित किया जा सकता है.
जहां तक बल्ले के आकार (overall depth ) की बात करें तो यह 1980 के 18 mm से पहुंच कर यह 80mm तक पहुंच चुकी है, जिसके कारण अब करारे शॉट देखने को मिलते हैं.
इन्हीं बदलाव को देखते हुए एमसीसी के सदस्यों ने (जिसमें रिकी पोंटिंग भी शामिल हैं) बल्ले को लेकर नए नियम की सिफारिश की है.
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