हार का सरताज या बहानेबाजों का बादशाह 
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के साथ सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. धौनी एशिया कप के लिए बाहर हो गए और कारण यह बताया गया कि उन्हें चोट लगी है. अकसर जब किसी क्रिकेटर का परफौर्मेंस ठीक नहीं रहता तो उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है और यही बहाना बनाया जाता है कि उसे चोट के कारण विश्राम करने के लिए कहा गया है. हालांकि कहा यह भी जा रहा है कि धौनी जब एशिया कप नहीं खेल रहे होंगे तो वे कल एशिया में विज्ञापनों की शूटिंग में व्यस्त होंगे. वैसे भी खिलाड़ी आजकल खेल को कम और पैसों को अधिक महत्त्व देने लगे हैं. ऐसे में जाहिर है धौनी खेल के पीछे नहीं पैसों के पीछे भाग रहे हैं.
धौनी की दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड के दौरे में खूब आलोचना हुई क्योंकि वे टीम को जीत नहीं दिला सके. अब तक के कैरियर में धौनी की इतनी आलोचना नहीं हुई जितनी कि अब हो रही है. अकसर कूल रहने वाले धौनी अब दबाव में नजर आ रहे हैं. इधर विराट कोहली को एशिया कप में कप्तान बनाया गया और विराट ने बंग्लादेश के खिलाफ एकदिवसीय मैच में कप्तानी पारी खेल कर जता दिया है कि वे कप्तान की भूमिका अच्छी तरह निभा सकते हैं. फिलहाल धौनी के लिए विराट सब से बड़ा रोड़ा बन सकते हैं.
पिछले दिनों आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने भी कह दिया कि जब कप्तान अपनी टीम को बाधा पहुंचाना शुरू कर दे ?तो उसे बदल देना चाहिए. जाहिर है धौनी के लिए यह वक्त ठीक नहीं है.
 
आईपीएल की तर्ज पर आईटीपीएल
फटाफट क्रिकेट यानी इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल की तर्ज पर अब इंटरनैशनल टेनिस प्रीमियर लीग यानी आईटीपीए की तैयारी है. यहां अब रुपयों में नहीं डौलरों में पैसा बरसेगा. इस के लिए खिलाडि़यों की नीलामी दुबई में होनी है. माना जाता है कि यह टूर्नामैंट भारत के मशहूर टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति की दिमाग की उपज है जिस में विश्व के टेनिस के दिग्गजों ने खेलने के लिए अपनी हामी भर दी है. इस टूर्नामैंट में राफेल नडाल के अलावा रिचर्ड गस्केट, टौमस वर्डिक, आस्ट्रेलियन ओपेन विजेता स्टेनिस लास वावरिंका जैसे खिलाड़ी खेल सकते हैं.
यह टूर्नामैंट नवंबर और दिसंबर में मुंबई, बैंकौक, सिंगापुर, कुआलालंपुर और हौंगकौंग में होने की उम्मीद है.
लगता है अब हर खेल को कारोबार के लिहाज से देखा जा रहा है जहां बड़ेबड़े कारोबारी खिलाडि़यों पर पैसा निवेश करते हैं और भरपूर मनोरंजन के साथ दर्शकों के लिए टूर्नामैंट आयोजित कराते हैं जिस में बड़ेबड़े विज्ञापनदाताओं को ढूंढ़ा जाता है ताकि करोड़ों लगा कर अरबों कमाए जा सकें. खिलाड़ी भी इस में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं जबकि देखा जाए तो बहुत से खिलाड़ी ऐसे हैं जिन के पास पैसों की कोई कमी नहीं है. अब नडाल की बात करें तो भला नडाल जैसे खिलाड़ी के पास क्या कमी है जबकि माना जा रहा है कि नडाल इस टूर्नामैंट में मार्की प्लेयर के रूप में खेलेंगे और एक दिन में लाखों डौलर अपनी झोली में डाल सकते हैं.

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