फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था फीफा में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. फीफा अध्यक्ष सेप ब्लाटर और यूरोपीय फुटबॉल संघ के प्रमुख माइकल प्लातिनी को आठ साल के लिए प्रतिबंधित किए जाने के बाद फीफा ने महासचिव जेरोम वाल्के को उनके पद से बर्खास्त कर दिया.
ब्लाटर के करीबी माने जाने वाले वाल्के पर विश्व कप के टिकटों की बिक्री में कालाबाजारी का आरोप है और मामले की जांच चल रही है. ज्यूरिख स्थित फीफा मुख्यालय ने बुधवार को कहा, "फीफा आपात समिति की नौ जनवरी को हुई बैठक में वाल्के को उनके पद से तत्काल प्रभाव से हटाने का फैसला किया था." वाल्के की फुटबॉल जगत की सबसे ताकतवर शख्सियतों में गिनती होती है और उन्हीं की निगरानी में पिछले दो विश्व कप (दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील) की तैयारियां और खेल का आयोजन हुआ था.
भ्रष्टाचार और टिकटों की बिक्री में अनियमितता का मामला सामने आने के बाद वाल्के को पिछले साल सितंबर में 90 दिनों के लिए निलंबित किया गया था. छह जनवरी को उनके निलंबन को 45 दिनों के लिए बढ़ाते हुए फुटबॉल की सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी थी. हालांकि वह अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते रहे हैं. वाल्के के खिलाफ जांच कर रही फीफा की एथिक्स समिति ने अपनी रिपोर्ट में उन पर नौ साल का प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी. पिछले सप्ताह फीफा जज ने भ्रष्टाचार के इस मामले में उनके खिलाफ औपचारिक कार्रवाई शुरू करने की घोषणा भी की थी.
जेरोम वाल्के का विवादों से पुराना नाता रहा है और उन्हें पहले भी एक बार फीफा बर्खास्त कर चुका है. 2003 में वह मार्केटिंग निदेशक के तौर पर फीफा से जुड़े थे. करीब तीन साल बाद दिसंबर, 2006 में उनको पद से बर्खास्त कर दिया गया था. ग्वाटेमाला पुलिस ने मंगलवार को राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के पूर्व अध्यक्ष ब्रायन जिमेनेज को फीफा से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया है. ब्रायन पर घूस लेने का आरोप है. फीफा मामले की जांच कर रहे अमेरिकी अधिकारियों की सूची में ब्रायन का नाम भी शामिल है.