भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने कहा कि उनकी टीम ने DRS (डिसीजन रिव्यू सिस्टम) पर चर्चा की है और निश्चित रूप से भविष्य में इसे शामिल किया जाएगा. कोहली ने कहा, 'हम कड़ा फैसला नहीं करेंगे क्योंकि हमने ही पहले कहा था कि हम DRS का इस्तेमाल नहीं करेंगे.'

उन्होंने कहा, 'हमारे लिए यह कहना कि अंपायरों ने गलती की और यह हमारे खिलाफ गए, यह तार्किक नहीं है. बहाने बनाने की कोई जगह नहीं है. एक बार यह DRS शुरु हो जाए और चलने लगे तो हम इसकी कमियों के बारे में सोच सकते हैं.'

जब इस युवा कप्तान से हाल में संदेहास्पद फैसलों के बारे में पूछा गया जो DRS की अनुपस्थिति में भारत के खिलाफ गए तो उन्होंने कहा, 'उन चीजों के बारे में मैं यहां बैठकर हां या नहीं कह सकता हूं. हमने चर्चा की थी. हमने इस बारे में बैठकें की हैं. ऐसे कुछ क्षेत्र हैं, जिनके बारे में बहस की जा सकती है, विशेषकर हॉक आई पर गेंद की दिशा मालूम करना. इस पर चर्चा या बहस हो सकती है. हमें निश्चित रुप से इसके बारे में सोचने की जरुरत है. लेकिन मैं यहां बैठकर फैसला नहीं ले सकता हूं.'

बता दें कि कानपुर टेस्ट में न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने रविंद्र जडेजा की बाहर जाती गेंद को खेलने की कोशिश में इस पर हल्का सा बल्ला लगा दिया, जो विकेटकीपर रिद्धिमान साहा के पास पहुंचा लेकिन अंपायर ने बल्ले के गेंद को छूने की आवाज नहीं सुनी और उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

उल्लेखनीय है कि बीसीसीआई हमेशा ही DRS पर क्रिकेट की पूरी दुनिया के खिलाफ रहा है और दुनिया का सबसे अमीर बोर्ड हमेशा अपने शुरुआती पक्ष के साथ अडिग रहा है कि वह इस तकनीक का विरोध जारी रखेगा क्योंकि यह 'फुलप्रूफ' नहीं है. बोर्ड अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने हालांकि पिछले महीने कहा था कि वह 'हॉक आई' के बिना DRS को स्वीकार कर सकते हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...