आज का दौर प्रतियोगिता का दौर है. 10वीं के बाद अपना मनपसंद विषय लेने की बात हो या 12वीं के बाद कालेज में ऐडमिशन की या फिर इंजीनियरिंग आदि के लिए प्रतियोगिता परीक्षा की, अच्छे अंक और प्रतियोगिता में अच्छी रैंक लाना लाजिमी हो गया है. ऐसे में विद्यार्थियों को परीक्षा के विषयों की तैयारी के साथसाथ यह भी समझना चाहिए कि परीक्षा में उत्तर देने का तरीका क्या हो? अकसर छात्र सोचते हैं कि हम तो खूब पढ़ते हैं, लंबेलंबे उत्तर रटते हैं फिर भी हमारे नंबर अच्छे नहीं आते. दरअसल, अच्छे नंबर लाने के लिए रटने की नहीं बल्कि समझ कर प्रश्नों के उत्तर देने की आवश्यकता होती है.
विद्यार्थी अकसर यहीं गलती कर जाते हैं. परीक्षा में जो पूछा जाता है उस का सटीक उत्तर नहीं देते बल्कि विस्तार से देने के लिए अनापशनाप लिख देते हैं. उन्हें लगता है अगर हम ने 2 ही पंक्तियों में उत्तर दे दिया तो शायद परीक्षक पूरे अंक नहीं देगा और वे 2 पंक्तियों के उत्तर को भी घुमाफिरा कर बड़ा कर देते हैं. आखिर कैसे दें परीक्षा में प्रश्नों के उत्तर कि मेहनत का सकारात्मक परिणाम देखने को मिले. जानिए कुछ नुसखे जिन्हें अपना कर आप परीक्षा में अधिकतम अंक हासिल कर सकते हैं.
विस्तृत के बजाय सटीक उत्तर लिखें
विद्यार्थियों को स्पष्ट रूप से समझ लेना चाहिए कि यदि उत्तर 2 पंक्तियों में ही समाप्त हो रहा है तो उस का विस्तार बेकार है. ऐसा कर के छात्र कम अंक प्राप्त करेंगे जबकि 2 पंक्तियों का उत्तर लिखने वाले अन्य छात्र अधिक अंक प्राप्त कर सकते हैं. उदाहरण के लिए यदि प्रश्नपत्र में प्रजातंत्र पर अब्राहम लिंकन की परिभाषा पूछी जाए, तब उस का सटीक उत्तर, ‘प्रजातंत्र वह शासन तंत्र है जो जनता का, जनता के लिए, जनता के द्वारा शासन है,’ होगा. हो सकता है कि आप ने अब्राहम लिंकन की ही परिभाषा लिखने के बाद उसे और अधिक स्पष्ट करने के लिए कुछ और पंक्तियां जोड़ दीं लेकिन अगर आप ने केवल लिंकन की उक्त परिभाषा ही लिख दी तो भी आप का उत्तर पूर्ण होगा और परीक्षक को पूरे नंबर देने पड़ेंगे.
अधिकांश विद्यार्थियों की धारणा है कि उत्तरपुस्तिका में कुछ न कुछ लिख देने पर परीक्षक नंबर देगा ही, इसलिए वे उत्तर नहीं आने पर भी मन से उत्तर बना कर लिख देते हैं. परंतु यह धारणा गलत है. परीक्षक को गुमराह करने पर हो सकता है कि वह लंबे उत्तर वाले प्रश्नों की दोचार पंक्तियां पढ़ कर, पूछे गए प्रश्न से असंबद्धता होने के कारण काट दे जबकि अंत में उसी प्रश्न का उत्तर लिखा हो. यह ध्यान रखें कि उन्हीं उत्तरों पर अधिक नंबर दिए जाते हैं जो सटीक और सारगर्भित हों. प्रश्नों के ऐसे उत्तर पढ़ कर परीक्षक प्रभावित होता है कि विद्यार्थी को विषय का सही ज्ञान है. यह आकलन परीक्षक को प्रभावित करता है. फिर सटीक सारगर्भित उत्तर पढ़ने में कम समय लगता है और ऐसे उत्तरों पर शीघ्रता से पूरे नंबर दिए जाते हैं जबकि प्रश्नों के विस्तार से लिखे उत्तर पढ़ने में समय अधिक लगता है व उत्तर का विस्तार उत्तर की संबद्धता पर भी प्रश्नचिह्न लगा देता है.
इसलिए जहां तक हो, उत्तर सटीक लिखें और पुनरावृत्ति तथा विस्तार से बचें. पुनरावृत्ति अच्छा प्रभाव नहीं डालती है. बेकार का विस्तार जहां एक ओर परीक्षार्थी का समय बरबाद करता है, वहीं परीक्षक भी झुंझला जाता है. अत: जो भी लिखें, सटीक लिखें.
स्पष्ट व सुंदर लिखावट में लिखें उत्तर
लिखावट अस्पष्ट और उत्तर सटीक लिखने की आदत न होने पर इस का अभ्यास करना अधिक अंक प्राप्ति में सहायक होता है. परीक्षार्थी को चाहिए कि वह अपनी लिखावट सुंदर बनाने का प्रयास करे.
प्रश्नों को समझें और उत्तर दें
अमूमन विद्यार्थी प्रश्नों को समझे बिना ही उत्तर देने शुरू कर देते हैं. ऐसे में जो पूछा गया है वह छूट जाता है और बिना पूछी बात उत्तर में आ जाती है. अत: ध्यान रखें कि प्रश्नों के अनुसार उत्तर दें और पेपर की तैयारी करते समय छोटी से छोटी बात को भी माइंड में बैठा लें, क्योंकि हो सकता है कि परीक्षक उसी छोटी बात को प्रश्न के रूप में पेश कर दे. वह ऐसे प्रश्नों को भी प्राथमिकता के आधार पर प्रश्नपत्र में सम्मिलित करता है जिन से परीक्षार्थी की संपूर्ण पढ़ाई का मूल्यांकन हो. कभीकभी साधारण से लगने वाले प्रश्न भी पूछे जाते हैं. ये प्रश्न ऐसे होते हैं जो अन्य प्रश्नों का प्रतिनिधित्व करते हैं. किसी बड़े प्रश्न के प्रति प्रश्न पूरक प्रश्न होते हैं.
भूगोल में पृथ्वी की गतियों वाले अध्याय से अनेक प्रश्न हो सकते हैं. पृथ्वी की पत्तियां कौनकौन सी हैं? पृथ्वी अपने अक्ष पर कितनी झुकी है? परीक्षक इस के आधार पर प्रति प्रश्न बना कर पूछ सकता है. मौसम में परिवर्तन किस कारण होता है? उपरोक्त प्रश्नों में दूसरा प्रश्न, मौसम परिवर्तन का कारण, पृथ्वी के अपने अक्ष पर झुके होने से संबद्ध है. यदि परीक्षार्थी ने पृथ्वी के अक्ष पर झुके होने का कारण व उस पर से होने वाले परिणाम का सूक्ष्म अध्ययन किया है तो वह इस प्रश्न का उत्तर आसानी से दे सकता है.
परीक्षा के स्वरूप को समझें
परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या और उन के विभाजन का स्वरूप मालूम कर, उसी के अनुरूप सूक्ष्म तैयारी करें. पहले ज्ञात कर लें कि परीक्षा में कितने प्रश्न पूछे जाते हैं, उन में से कितने लघु उत्तरीय आते हैं, वस्तुनिष्ठ और रिक्त स्थान का स्वरूप कैसा होता है व किस तरह के लघु उत्तरीय और निबंधात्मक प्रश्न पूछे जाते हैं, इस के अनुरूप अपना संतुलित और नियमित अभ्यास करें.
हर विषय का संतुलित अध्ययन करें
विद्यार्थियों को चाहिए हर विषय को उस के अनुसार समझ कर, याद कर के व उस की मुख्य बातें जान कर अध्ययन करें.
गणित : गणित और भौतिकी की तैयारी करते वक्त सूत्र रूप, विधि, स्वरूप आदि को ठीक तरह से समझ कर उन का सही उपयोग करना सीखें. गणित के सूत्र सवाल को हल करने में प्रयुक्त होते हैं. त्रिकोणमिति के सवाल सूत्रों के बिना सिद्ध ही नहीं होते हैं. सूत्र का उपयोग तभी बेहतर किया जा सकता है जब उस का स्वरूप हमें अच्छी तरह याद हो. इस के लिए सूत्र की उत्पति को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि कैसे और किस तरह से वह सूत्र उत्पन्न हुआ है? सवाल को विधि के अनुसार ही हल करना चाहिए. रमेश की आदत है कि जब सवाल नहीं आता है तो वह मनमाने ढंग से सवाल हल कर के जैसेतैसे उत्तर निकाल लेता है. यह तरीका गलत है. गणित की तरह वाणिज्य, लेखा कर्म, अर्थशास्त्र की अपनी विधि होती है. विधि के अनुसार ही अनुसरण करना चाहिए.
भूगोल : भूगोल पढ़ते वक्त उसे समझ कर पढ़ें, बीचबीच में आने वाले जिज्ञासु स्थल को अच्छी तरह समझ कर उन के लघु उत्तरीय प्रश्न बना लें. इस से भूगोल को समझने में सहूलत रहती है.
इतिहास : इतिहास में आंकड़े और नाम बहुत होते हैं. ऐसे स्थानों के आंकड़े कंठस्थ करने के साथसाथ छोटेछोटे प्रश्न बना लेने चाहिए. वैसे इतिहास में लंबे प्रश्न होते हैं मगर सूझबूझ से उन्हें छोटेछोटे प्रश्नों में बदल कर के याद किया जा सकता है.
अंगरेजी : अंगरेजी एक सरल विषय हे, बशर्ते आप को अंगरेजी के शब्दार्थ अच्छी तरह याद हों. इस की तैयारी करने से पहले आप जिस किसी प्रश्न, निबंध, वाक्य, पंक्ति को याद करना चाहें, उसे पहले शब्दकोश की सहायता से शब्दश: हिंदी में बदल लें. प्रत्येक शब्द का हिंदी अर्थ आप को याद हो जाना चाहिए. इस से आप को अंगरेजी व्याकरण समझने में व याद करने में कठिनाई नहीं होगी. अधिकांश छात्र अंगरेजी को रटने की कोशिश करते हैं. फलत: वे अंगरेजी को कठिन विषय मान लेते हैं.
अंगरेजी का हिंदी से संबंध जोड़ कर, उस के अर्थ को समझ कर याद किया जाए तो अंगरेजी याद करना सरल होता है.
हिंदी : हिंदी की तैयारी करते समय इस बात का ध्यान रखें कि हम क्या पढ़ रहे हैं व किस विषय के बारे में पूछा जा रहा है? तथ्यों आदि को याद कर लें. वैसे अधिकांश विद्यार्थियों का हिंदी में कम अंक प्राप्त करने का सब से बड़ा कारण, हिंदी को सरलतम समझना व उस की उपेक्षा करना है. इस कारण बहुत से विद्यार्थी ठीक तरह से हिंदी नहीं लिख पाते हैं.
विज्ञान : विज्ञान विषय के विद्यार्थियों को प्रयोग कार्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए. रसायनशास्त्र विषय की अपनी विशिष्ट विधि होती है. इस विषय को समझ कर याद करने से सूत्र, समीकरण, विधि, सचित्र परिचय आदि को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है. वैसे रसायनशास्त्र में प्रयोगशाला में एवं कारखानों में तरहतरह की वस्तुओं के उत्पा न और उन के भौतिक व रासायनिक गुण, उपयोग, प्राप्ति स्थान आदि का वर्णन विशेष रूप से होता है. अत: इस विषय के प्रश्न भी तरहतरह के तत्त्वों, यौगिकों आदि के उत्पादन की विधियों, नामांकित चित्रों, भौतिक, रासायनिक गुणों के उपयोग पर केंद्रित होते हैं. अधिकांश विद्यार्थी नामांकित चित्र नहीं बनाते हैं जबकि रसायनशास्त्र व जीवविज्ञान में अधिकांश नामांकित चित्र पूछे जाते हैं जिन पर ज्यादातर विद्यार्थी ध्यान नहीं देते हैं. इस प्रकार अगर विद्यार्थी विषय अनुसार तैयारी करें व प्रश्न में पूछे गए स्वरूप को समझ कर उस के अनुसार प्रश्न का उत्तर लिखें तो परीक्षा में अधिकतम अंक लाने में सफल रहेंगे. विद्यार्थी परीक्षा में उत्तरपुस्तिका में लापरवाही से लिखते हैं, यह आम बात है. हाशिया ठीक से नहीं छोड़ते हैं. निर्देशों का पालन करना चाहिए या नहीं, इस की वे परवा ही नहीं करते हैं.
इस के अलावा भी परीक्षा में कम अंक प्राप्त होने के अनेक कारण होते हैेें जो इस प्रकार से हैं :
– पूछे गए प्रश्नों का सही उत्तर न देना.
– सवाल को विधि अनुसार हल न करना.
– प्रश्न का आशय समझे बिना ही उत्तर देना.
– विषय का अस्पष्ट ज्ञान होने के कारण सही उत्तर न दे पाना.
– उत्तर सही ढंग से व्यक्त न करना.
– जितना पूछा गया हो, उसे बेतरतीब लिखना.
– सटीक व संक्षेप में न लिखना.
– लिखावट अस्पष्ट होना, जिसे समझने व पढ़ने में कठिनाई का सामना करना पड़े.
– प्रश्न में पूछी गई बात का उचित उत्तर व चित्र बना कर उसे सही से चिह्नित भी करें.
उपरोक्त बातों को ध्यान में रख कर परीक्षा की तैयारी करने व उत्तर लिखने से अधिकतम अंक प्राप्त किए जा सकते हैं.