कामयाबी किसी की मुहताज नहीं होती है. अगर किसी काम को लगन और मेहनत से किया जाए, तो कामयाबी जरूर कदम चूमेगी. इसी बात को सच साबित किया एक औरत ने. यह औरत बिहार में पटना के न्यू पुलिस लाइन इलाके में ठेले पर अपने पूरे परिवार के साथ पकौड़ों की दुकान चलाती है. इस औरत का नाम हीरामणि देवी है, जो क्रिश्चियन कालोनी में एक छोटी सी झोंपड़ी में अपने पूरे परिवार के साथ रहती है. हीरामणि देवी बचपन से ही गरीबी में पलीबढ़ी थी. उस का पति एक होटल में सुबह 5 बजे से रात के 10 बजे तक काम किया करता था. तब हीरामणि देवी गांव में रहती थी. शादी के 3 साल बाद वह पति के साथ पटना आ गई और किराए के मकान में रहने लगी.

धीरेधीरे हीरामणि देवी की दोस्ती चना छीलने वाली कुछ औरतों से हो गई. वह भी चना छीलने का काम करने लगी. चना छीलने के दौरान ही हीरामणि देवी के मन में आया कि क्यों न पकौड़ों की दुकान खोली जाए. हीरामणि देवी ने ऐसा ही किया. कुछ दिनों के बाद उस का कारोबार रफ्तार पकड़ने लगा. धीरेधीरे उस की दुकान पर लोगों की भीड़ लगने लगी, जिसे संभाल पाना मुश्किल हो रहा था. पति ने हीरामणि देवी की मसरूफियत देख कर उस की पूरी मदद की. दोनों मिल कर दुकान चलाने लगे. उन्होंने आलू के पकौड़ों से शुरुआत की थी, लेकिन बाद में ब्रैड, आलू, चना, बैंगन, गोभी के पकौड़ों को भी शामिल किया गया. हीरामणि देवी ने अपनी जिंदगी में खूब जद्दोजेहद की है. आज वह बहुत खुश है और अपने 3 बच्चों को अच्छी तालीम दे रही है. उस का एक बेटा गौरव इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है. उस ने दीघा में पक्का मकान भी बनाया है.

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