तिरंगा झंडा हमारे देश का राष्ट्रीय ध्वज है, इसलिए इसे खरीदने के बाद सावधानी से संभालना चाहिए. एक बात याद रखना झंडे को कभी जमीन पर नहीं गिराना. झंडा कोई खेलने की चीज नहीं है, झंडे से अपने दोस्तों के साथ खेलना या उसके साथ मस्ती करना गलत बात है. आप झंडे को लहराएं, उसे घर में लगाएं, दोस्तों को दें पर ऐसा कुछ भी ना करें, जिससे झंडे का अपमान हो.
अगर आप भी आजादी के इस पर्व पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की तैयारियों में जुटे हैं तो तिरंगा से जुड़ी ये अहम बातें आपके लिए जानना बेहद जरूरी हैं.
राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा
भारत का राष्ट्रध्वज समतल और आयताकार तिरंगा है. इसकी लंबाई-चौड़ाई का अनुपात 2:3 होता है. तीन रंगों की समान आड़ी पट्टिका जिनमें सबसे ऊपर केसरिया, मध्य में सफेद तथा नीचे हरे रंग की पट्टी है. सफेद रंग की पट्टी पर मध्य में सारनाथ स्थित अशोक स्तंभ का चौबीस शलाकाओं वाला चक्र है, जिसका व्यास सफेद रंग की पट्टी की चौड़ाई के बराबर होगा.
तिरंगे के रंग और उनका अर्थ
राष्ट्रीय ध्वज की ऊपरी पट्टी में केसरिया रंग है जो देश की शक्ति और साहस को दर्शाता है. बीच की पट्टी का श्वेत रंग धर्म चक्र के साथ शांति और सत्य का प्रतीक है. निचली हरी पट्टी उर्वरता, वृद्धि और भूमि की पवित्रता को दर्शाती है. सफेद पट्टी पर बने चक्र को धर्म चक्र कहते हैं. इस धर्म चक्र को विधि का चक्र कहते हैं जो तृतीय शताब्दी ईसा पूर्व मौर्य सम्राट अशोक द्वारा बनाए गए सारनाथ मंदिर से लिया गया है. इस चक्र को प्रदर्शित करने का आशय यह है कि जीवन गतिशील है और रुकने का अर्थ मृत्यु है.
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