रोजाना हम कई लोगों से मिलते हैं. कुछ से रिश्ते हमेशा के लिए जुड़ जाते हैं और कुछ से रिश्ते नहीं बन पाते. लेकिन क्या कभी आप खुद से मिले हैं, खुद को जाना है? अपनी पसंद, नापसंद को पहचाना है? कभी अपनी हंसी को जिया है? अपनी उदासी पर खुल कर कभी रोए हैं? क्या आप अब तक खुद को पहचान पाएं हैं? इन का जवाब शायद ‘न’ में ही होगा. दरअसल, आजकल की अतिव्यस्त जिंदगी में हमारे पास दूसरों के लिए तो छोडि़ए, खुद के लिए वक्त कम पड़ गया है. शायद वक्त है ही नहीं अपने लिए. जरूरतों को पूरा करतेकरते हमारा शरीर और दिलोदिमाग मशीन सा बन गया है. बस, हम करते जा रहे हैं अपनों के लिए और उन के भविष्य के लिए.
लेकिन हमारा आज हमारे हाथ से रेत की तरह फिसलता जा रहा है. हम, बस, जी रहे हैं रोबोट बन कर जबकि हम धरती पर आए थे इंसान बन कर. लेकिन यह जिंदगी है बाबू मोशाय, इसे जी लीजिए क्या पता कल हो न हो.
वक्त को करें मुट्ठी में कैद
रोज का वही औफिस, वही घर का काम, वही रूटीन. रोजाना की लाइफ से जरा हट कर देखिए. खुद को आईने में न जाने कब से नहीं निहारा आप ने? सोचिए, रोज बस तैयार होते हैं जल्दीजल्दी और रफूचक्कर हो जाते हैं. आज जरा खुद को ध्यान से देखिए, कैसे लगते हैं आप. क्या फर्क आया है आप में जनाब इन बीते सालों में. खुद के लिए कुछ तो कीजिए. बाहर निकलिए, बेपरवाह घूमिए, प्रकृति से मिलिए कभी. कब से पेड़पौधे आप से मिलने के इंतजार में बैठे हैं. देखिए, जरा इन पक्षियों को, कब से मुलाकात नहीं हुई है आप की इन से. ये सब वे चीजें हैं जो न केवल आप को मन से सुकून देंगी बल्कि दिलोदिमाग में ताजगी भर भी देंगी.
निकल जाइए नए सफर पर
घर व औफिस से छुट्टी लीजिए और निकल जाइए एक नए सफर पर. जहां भीड़ न हो, भागमभाग न हो, चारों ओर शांति पसरी हो, सिर्फ आप हों और सुहाना मौसम हो. जी लीजिए दिल खोल कर इन पलों को. हो सके तो कुछ दिनों के लिए फोन को भी बंद कर दीजिए. जब भी बाहर जाने का प्लान बने तो फेसबुक, व्हाट्सऐप बंद कर दीजिए. घूमने जा रहे हैं तो इस का मतलब यह कतई नहीं है कि आप लैपटौप भी साथ ले जा रहे हैं ताकि औफिस के जरूरी काम निबटाए जा सकें. इस से न तो आप एंजौय कर पाएंगे, न ही खुद को कभी पहचान पाएंगे. लिहाजा, कुछ दिनों के लिए इन सब को बायबाय कर दीजिए.
मिलिए अपने दिल से
अपने दिल से बातें कीजिए, अपने मन की बातें सुनिए जिस की बातें अकसर हम दबाव में आ कर नकार देते हैं. अगर मन उदास है तो सोचिए क्या हुआ, क्यों हुआ, कैसे हुआ. इस में कहीं आप की गलती तो नहीं? अगर नहीं है, तो आप उदास क्यों है? क्या गम है जो आप को सता रहा है, अंदर ही अंदर खाए जा रहा है. इन सब बातों पर विचार कीजिए. आप को आप के सवालों का समाधान खुद ही मिल जाएगा.
कदमों से नाप लीजिए दुनिया
घूम आइए जहां दिल चाहता हो. देख आइए पूरी दुनिया. चाहे आप के पास किसी का साथ हो या न हो, अकेले ही सही. खुद के साथ मौज कीजिए. मन मलंग हो जाए कुछ इस तरह खुद के साथ वक्त बिताएं. इस से आप को खुद को पहचानने का मौका भी मिलेगा. जरूरी नहीं, जब कोई साथ हो तभी आप मस्ती कर पाएंगे. कभीकभी खुद के लिए भी कुछ करना पड़ता है. हर बार पैसे बचा कर भी आप को कुछ हासिल नहीं होगा. बचत में से कुछ पैसा निकालिए. दुनिया न सही, देश ही घूम आइए. आजकल टूर ऐंड ट्रैवल्स कंपनियां भी कम पैसों में आकर्षक टूर पैकेज उपलब्ध कराती हैं. न होटल की टैंशन है और न खाने की झिकझिक. बैग उठाइए और निकल जाइए तरोताजा होने.
प्रकृति की खूबसूरती को करें कैद
याद रखिए जब भी आप ऐसी किसी जगह जाते हैं जहां आप का मन करे कि इन तसवीरों को कैमरे में कैद कर लिया जाए तो अपने साथ कैमरा ले जाना न भूलें. अकसर हम जब एक जगह घूम आते हैं तो वापस वहां कम ही जाते हैं. लिहाजा, आप जहां भी जाएं वहां की तसवीरें कैमरे में जरूर उतार लीजिएगा ताकि अरसे बाद जब भी आप उस तसवीर को देखें तो आप का मन मयूरी हो जाए.
लिखिए अपने लिए
हर इंसान के पास शब्द होते हैं. कुछ समाज पर लिखते हैं, कुछ अपनी जिंदगी पर. अगर आप का बाहर घूमने का मन न हो तो एकांत में कौपीकलम ले कर बैठिए और लिखिए अपनी जिंदगी पर. हम यह नहीं कह रहे कि आप किताब लिख दीजिए. शायर बन जाइए. अपने लिए लिखें. अगर तनहाई का साथ हो और कौपीकलम हाथ में हो तो बड़े से बड़ा राइटर आप के सामने कुछ नहीं. एकदो बार? आप की कलम लड़खड़ाएगी, डगमगाएगी लेकिन थोड़े समय बाद उसी कलम की नोक बस चलती ही जाएगी.
बस आप और संगीत हों
एकांत में बैठ कर आप गाने सुन सकते हैं, जो आप को पसंद हों. जिन्हें काफी अरसे से आप ने सुना न हो. प्यारभरे गीत, जिन्हें सुन कर आप खो जाएं अलग दुनिया में, जिन्हें आप गुनगुनाए तनहाई में. कुछ ऐसे गानों का अच्छाखासा कलैक्शन अपने पास जरूर रखिए ताकि जब भी दिल करे या अकेले हों तो उन गानों के साथ आप कुछ पल बिता सकें. कभीकभी ही सही, लेकिन इन चीजों को आजमा कर जरूर देखिए. रूटीन से छुट्टी ले कर देखिए, पलभर की देर होगी, लेकिन आप की खुद से मुलाकात जरूर होगी.