कहते हैं कि जिसकी जैसी फितरत होती है वह बदलती नहीं बल्कि नए-नए स्वरूप में सामने आकर के अपनी उपस्थिति दर्ज कराती है. हमारे पड़ोसी देश चीन के साथ भी भारत का कुछ ऐसा ही संबंध है. हालत यह है कि चीन की रूग्ण मानसिकता के कारण हर एक हालात में भारत और यहां के आम लोग धोखा ही पाते हैं . अब एक नए स्वरूप में चीन ने भारत के लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने का ऐसा प्रयास किया है कि जिसके परिणाम स्वरूप देश के आम लोगों को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ रहा है.
दरअसल, चीन की कुछ कंपनियां देशभर में लोगों को ब्याज में पैसा देने क्या काम कर रही है और उनके ब्याज और ब्लेक मेलिंग के कारण आए दिन लोग आत्महत्या कर रहे हैं.
जब इस तरह की हकीकत भरी कहानियां देश भर में सुर्खियां बटोरने लगी है तो नरेंद्र दामोदरदास मोदी की सरकार के कान खड़े हुए हैं और अब उन्होंने संज्ञान लेते हुए एडवाइजरी जारी की है और प्रवर्तन निदेशालय आदि संस्थाओं को भी सचेत रहने का निर्देश दिया है.इस गंभीर मामले में जिस तरीके का त्वरित एक्शन केंद्र सरकार को लेना चाहिए था उसमें देर हुई है अभी भी जिस तरीके से सरकार को एक्शन लेना चाहिए और प्रतिबंध लगा देना चाहिए उस दिशा में कोई काम नहीं हुआ है.
चीनी कंपनियों की साहूकारी
जिस तरह आज से कुछ दशक पहले देश भर में साहूकारी चलती थी और उसके दृश्य ब दृश्य कहानियां किस्से प्रचलित है और फिल्मों में हम आज भी देखते पढ़ते हैं.यही सब कुछ अब एक नए स्वरूप में सामने आया है. चीन की कंपनियां भारत में आम लोगों को प्याज में पैसे देने का काम कर रही है और आगे चलकर प्रताड़ना का ऐसा दौर चलाया जाता है की आत्महत्या करने की अलावा लोगों और कोई चारा नहीं रहता.अब जा कर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कर्ज देने वाले मोबाइल ऐप के खिलाफ कानून प्रवर्तन एजंसियों को कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. क्योंकि चीन के नियंत्रण वाली इन कंपनियों के उत्पीड़न और पैसा वसूल करने के सख्त तरीकों की वजह से आत्महत्या की अनेक घटनाएं सामने आ चुकी हैं.